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राज्य में सर्वाधिक किसान आत्महत्याएं अमरावती जिले में

कटू सत्य उजागर, जारी वर्ष में 356 किसानों ने दी जान

* किसान आत्महत्या रोकने सरकार व प्रशासन के प्रयास पड रहे कम
अमरावती/दि.12– विगत कई वर्षों से समूचा महाराष्ट्र राज्य किसान आत्महत्याओें के दुख व शल्य को भूगत रहा है और इस बार किसान आत्महत्याओं के आंकडे ने अपने उच्चतम स्तर को छू लिया है. साथ ही यह भी पता चला है कि, राज्य के 14 किसान आत्महत्याग्रस्त जिलों में जारी वर्ष के दौरान सर्वाधिक 356 किसान आत्महत्याएं अमरावती जिले में हुई है. यह अमरावती जिले के लिए शर्म के साथ ही बेहद दुख की भी बात है और इस आंकडे को देखकर कहा जा सकता है कि, आसमानी व सुलतानी संकट से जूझ रहे किसानों को आत्महत्या से परावृत्त करने हेतु सरकार व प्रशासन के प्रयास काफी हद तक कम पड रहे है.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती जिले का पूरा अर्थशास्त्र खेती-किसानी पर ही निर्भर करता है. किंतु इस कृषि प्रधान जिले में कभी बारिश के अभाव की वजह से, तो कभी अतिवृष्टि या बेमौसम बारिश की वजह से खरीफ सहित रबी की फसलें हाथ से चले जाने की स्थिति पैदा हो जाती है. फसलों की बर्बादी के साथ-साथ सिर पर बढते बैंक व निजी साहूकारों के कर्ज के बोझ को झेलते हुए जिले के किसान लगातार संघर्ष करते हुए निराशा पर मात करने का प्रयास करते है और अपने बच्चों की पढाई-लिखाई व विवाह की चिंता से जूझते हुए जब धैर्य साथ छोड देता है, तो किसान अपने ही हाथों अपनी मौत को गले लगा लेते है.
अब तक किये गये अनुभव में पता चला है कि, किसान आत्महत्याओं के लिए कर्ज के लगातार बढते बोझ के साथ-साथ कई मामलों में विविध बीमारियां, पारिवारिक विवाद, व्यसनाधिनता, बेरोजगारी व गरीबी जैसी वजहे भी प्रमुख रूप से जिम्मेदार होती है. इसके साथ ही सरकार द्वारा किसानों के लिए चलायी जानेवाली योजना का लाभ जरूरतमंद किसानों को मिलता ही नहीं है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, किसान आत्महत्याओं को रोकने के लिए उपरी तौर पर दिखावे की मलहम पट्टी करने की बजाय इस समस्या का स्थायी तौर पर कोई कारगर इलाज किया जाये.

किसान मिशन के अधिकार बेहद सीमित है और मिशन के पास कोई निधी भी नहीं रहती. कोविड संक्रमण काल के दौरान किसान आत्महत्याओें की ओर सरकार द्वारा अनदेखी की गई. साथ ही अधिकारियों की उदासिनता व लापरवाही की वजह से भी किसान आत्महत्याएं लगातार बढ रही है.
– किशोर तिवारी
अध्यक्ष, स्व. वसंतराव नाईक स्वावलंबी किसान मिशन

कृषि तथा स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों की योजनाओं में किसानों को सबसे पहली प्राथमिकता दी जाती है. सरकार के निर्देशानुसार सभी योजनाएं शुरू है. जिनके जरिये किसानों का आर्थिक स्तर उंचा उठाने हेतु तमाम आवश्यक प्रयास किये जा रहे है.
– आशिष बिजवल
निवासी उपजिलाधीश

* किसान आत्महत्याओं की संभागनिहाय स्थिति
– अमरावती संभाग
अमरावती –   356
यवतमाल –   299
बुलडाणा –    285
अकोला –      138
वाशिम –       75

– मराठवाडा संभाग
बीड –            210
औरंगाबाद –   172
उस्मानाबाद – 126
नांदेड –         119
परभणी –       83
जालना –       79
लातूर –         64
हिंगोली –      36

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