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हजारों मृतकों के नाम, कैसे मतदान प्रतिशत बढेगा
* मतदाता सूची में गडबडियां भी
* कई नए नाम भी शामिल नहीं
अमरावती/दि. 7 – लोकसभा चुनाव के समय मतदाता सूची में पाई गई गडबडियां 20 नवंबर को होनेवाले विधानसभा चुनाव में भी दिखाई दे रही है. जिले के आठों विधानसभा क्षेत्र में हजारों मृतकों के नाम और अनेक नाम सूची से गायब रहने के कारण मतदान का प्रतिशत कैसे बढेगा, इस बाबत सवाल उठाएं जा रहे है. साथ ही अनेक युवाओं के नाम अपडेट की गई मतदाता सूची में शामिल न किए जाने की शिकायतें प्रत्येक राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही है.
मतदान का प्रतिशत बढाने के लिए चुनाव आयोग के निर्देश पर जिला चुनाव विभाग द्वारा विविध उपक्रम चलाए जा रहे है. तीन माह पूर्व हुए लोकसभा चुनाव के समय भी जनजागरण अभियान सहित विविध उपक्रम चलाए गए थे. साथ ही 18 वर्ष की आयु के नए मतदाताओं को सूची में अपना नाम शामिल करने का आवाहन किया गया था. इसके मुताबिक हजारों युवाओं ने अपने नाम मतदाता सूची में शामिल करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण की थी. लेकिन चुनाव के समय मतदाता सूची में गडबडियां पाई गई थी. अनेक मृतकों के नाम मतदाता सूची में कायम थे और हजारों मतदाताओं के नाम सूची से गायब थे. मतदाता सूची की इन गडबडियों को सुधारने की संभावना जताई जा रही थी. अनेकों ने इस बाबत शिकायते भी की थी. लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही जिला प्रशासन द्वारा गत 19 अक्तूबर तक जनजागरण अभियान चलाया गया. चुनाव विभाग के उपजिलाधिकारी शिवाजी शिंदे का कहना था कि, सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक लेकर मतदाता सूची में किसी के नाम डबल है अथवा किसी मतदाता का निधन हो गया है, तो उन्हें सूची से निकालने और जिनके नाम सूची में शामिल नहीं है उनके नाम मतदाता सूची में शामिल करने की सूचना दी गई थी. साथ ही युवा मतदाताओं को भी अपने नाम शामिल करने कहा गया था. जिले के आठों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में इस बाबत अभियान भी चलाया गया. लेकिन मतदाता सूची से मृतकों के नाम निकालने के लिए संबंधित परिवार के सदस्यों द्वारा फॉर्म भरकर देना अनिवार्य था. जिन लोगों ने यह प्रक्रिया पूर्ण की उन लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए. लेकिन जिन लोगों ने आवाहन के बावजूद आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण नहीं की उनके नाम अभी भी उसमें शामिल है. इस कारण जिला चुनाव विभाग द्वारा मतदान का प्रतिशत बढाने के लिए किए जा रहे प्रयास क्या सफल हो पाएंगे? क्योंकि अभी भी हजारों मतदाताओं के नाम सूची से गायब है और हजारों मतदाता जिनका निधन हो चुका है उनके नाम सूची में कायम है. इस कारण जिन मतदाताओं के नाम सूची में नहीं है उनमें तीव्र रोष व्याप्त है.
* अब कुछ नहीं किया जा सकता
प्रशासन की तरफ से अनेक बार नागरिकों को मतदाता सूची में अपना नाम देखने और शामिल करने का आवाहन किया गया था. इसके लिए राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक भी की गई. जनजागरण अभियान भी चलाए गए. जिन लोगों का निधन हो गया है उनके परिवार के सदस्यों को मतदाता सूची से नाम निकालने के लिए फॉर्म भरकर आवश्यक प्रक्रिया करना जरुरी था. 19 अक्तूबर तक यह अवधि थी. लेकिन फिर भी अनेक लोगों ने यह प्रक्रिया पूर्ण नहीं की. इस कारण दिवंगतो के नाम सूची में कायम है और जिनके नाम शामिल नहीं थे वह भी अब मतदान से वंचित रहेगे.
– शिवाजी शिंदे, उपजिलाधिकारी (चुनाव).