अमरावती

आगजनी अधिकांश घटना लापरवाही के कारण होती है

सतर्कता बरतने सावधानियों का प्रात्यक्षिक

* संभागीय आयुक्त ने की आपदा प्रबंधन, खोज एवं बचाव दल की सराहना
अमरावती / दि. 20-बाढ़, आग की घटनाओं एवं प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जानमाल के नुकसान से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, इस संबंध में संभागीय आयुक्त डॉ. निधि पाण्डेय की उपस्थिति में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं महापालिका फायर ब्रिगेड ने वास्तविक प्रदर्शन प्रस्तुत कर इसकी जानकारी दी.
आगजनी की अधिकांश दुर्घटनाएं मानवीय लापरवाही के कारण होती हैं. पता चला है कि गैस लीकेज और बिजली के तार में शार्ट सर्किट के कारण आग लगी है. आग की घटनाओं से बचने के लिए परिवार के सदस्यों को गैस सिलेंडर और उसके रेगुलेटर को ठीक से बंद करना चाहिए. सुनिश्चित करें कि कोई गैस रिसाव नहीं है. घर में पुराने तारों और बिजली के उपकरणों की मरम्मत की जानी चाहिए और उन्हें अच्छी स्थिति में बनाए रखा जाना चाहिए. घर, कार्यालय, होटल और सार्वजनिक स्थानों पर हमेशा आपातकालीन निकास होना चाहिए. मॉक ड्रिल के मौके पर महापालिका फायर ब्रिगेड के प्रमुख सैयद अनवर ने मार्गदर्शन करते हुए कहा कि, फायर हाइड्रेंट का उपयोग कैसे करना है, इसका प्रशिक्षण और अभ्यास किया जाना चाहिए. संभागीय आयुक्त डॉ. निधि पाण्डेय की उपस्थिति में विभागीय आयुक्त कार्यालय में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इस अवसर पर अग्निशमन यंत्रों का प्रयोग कर आग बुझाने के विभिन्न प्रदर्शन प्रस्तुत किए गए तथा बचाव के उपाय व उपकरण दिखाए गए.
आग पर नियंत्रण पाने के लिए सभी को अग्निशमन यंत्रों को संभालने का प्रशिक्षण और अभ्यास प्राप्त करना चाहिए. संभागीय आयुक्त डॉ.पाण्डेय ने कहा कि, आग बुझाने के लिए आवश्यक उपकरण व समय पर उपलब्ध सामग्री के उपयोग के संबंध में जानकारी का अभाव है. पिछले साल जिला आपदा प्रबंधन व रेस्क्यू टीम ने बाढ़ के पानी से 87 लोगों की जान बचाकर जीवनदान दिया तथा 43 शव को खोज निकाला. इस मौके पर संभागीय आयुक्त ने बचाव दल की सराहना की. उन्होंने कहा कि महापालिका के फायर ब्रिगेड का कार्य भी सराहनीय है. सोमवार को आयोजित मॉक ड्रिल में संभागीय आयुक्त कार्यालय के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया. आपदा प्रबंधन दल ने उपस्थित लोगों को दिखाया कि किसी आपदा की स्थिति में रेस्क्यू टीम की मोटर बोट, लाइफ जैकेट, लाइफ रिंग, रस्सी की गठरी, सर्च लाइट, मेगा फोन, दस्ताने, रेनकोट, स्कूबा डाइविंग किट, हेलमेट आदि का कैसे उपयोग किया जाता है.

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