अधिकांश निजी अस्पताल का सीएस कार्यालय में पंजीयन ही नहीं
17 वर्षों में केवल सात तहसील के 28 अस्पतालों का पंजीयन
अमरावती/ दि.9 – नगर परिषद क्षेत्र के निजी अस्पतालों का पंजीयन सीएस कार्यालय में कराना जरुरी है, परंतु जिले के केवल 7 तहसील के 28 अस्पताल ने ही अपने अस्पताल का पंजीयन सीएस कार्यालय में कराया है.
जिले के निजी बाँम्बे नर्सिंग होम एक्ट 2005 सुधारित शासन निर्णयानुसार महापालिका क्षेत्र के निजी अस्पताल का पंजीयन महापालिका में और ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों का पंजीयन डीएचओ कार्यालय और नगर परिषद क्षेत्र के निजी अस्पतालों का पंजीयन सीएस कार्यालय में कराना बंधनकार है. इससे पहले नगर परिषद क्षेत्र के अस्पतालों का पंजीयन नगर परिषद कार्यालय होता था. परंतु अब सीएस कार्यालय में पंजीयन बंधनकार रहने बाद भी 17 वर्षों में केवल 7 तहसील के 28 निजी अस्पतालों का पंजीयन सीएस कार्यालय में कराया गया है.
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सात तहसीलों के अस्पताल का पंजीयन
जिले के सात तहसील में ही निजी अस्पताल का पंजीयन है. इसमें अचलपुर 20, अजनगांव सुर्जी 2, चांदूर रेलवे 1, धारणी 1, मोर्शी 1, नांदगांव खंडेश्वर 1, वरुड के 2 निजी अस्पतालों का पंजीयन सीएस कार्यालय में हैं. बकाया चांदूर बाजार, धामणगांव रेलवे, दर्यापुर, चिखलदरा, तिवसा, भातकुली इन तहसीलों के निजी अस्पतालों का पंजीयन ही नहीं. अमरावती महापालिका क्षेत्र में 234 निजी अस्पतालों का पंजीयन हैं.
कुछ निजी अस्पताल सरकारी डॉक्टर के नाम
जिले के कुछ निजी अस्पताल का पंजीयन सरकारी अस्पताल में सेवा देने वाले डॉक्टर के नाम या उनकी पत्नी के नाम होने की जानकारी सामने आयी है. शहर के कुछ क्षेत्र में सरकारी सेवा दे रहे डॉक्टरों के अस्पताल है. उसके कारण कई डॉक्टर सरकारी अस्पताल से ज्यादा अपने निजी अस्पताल में अधिक समय देते है.
पंजीयन प्रक्रिया शुरु है.
बॉम्बे नर्सिंग होम एक्ट के अनुसार नगर परिषद कार्यालय में निजी अस्पताल के पंजीयन कराये जाते थे. परंतु 2005 से यह पंजीयन सीएस कार्यालय में कराना जरुरी है. जिसके कारण जिस अस्पताल का पंजीयन नगर परिषद में है, उन्हें पत्र देकर वे सीएस कार्यालय में पंजीयन कराये, ऐसा बताया जा रहा है, पंजीयन प्रक्रिया शुरु है.
– डॉ. दिलीप सौंदले, जिला शल्यचिकित्सक