मेलघाट में नहीं रूक रही माता व बाल मौतें
पांच माह दौरान 2 माताओं, 33 नवजातों व 77 बच्चों ने दम तोडा
* सरकारी अस्पतालों का इलाज में नहीं आ रहा काम
अमरावती/दि.21- आदिवासी बहुल मेलघाट की धारणी व चिखलदरा तहसीलों में विगत अप्रैल से अगस्त तक पांच माह के दौरान 2 गर्भवती व नवप्रसूता माताओं, 33 नवजातों तथा शून्य से 6 वर्ष आयुगुट के 77 बच्चों की मौत हुई है. इसमें भी अकेले अगस्त माह के दौरान धारणी के उपजिला अस्पताल में इलाज हेतु भरती कराये गये 36 में से 19 बच्चों की मौत होने की सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है. ऐसे में अब सबसे बडा सवाल यह है कि, आखिर इस क्षेत्र के ग्रामीण आदिवासी अपना इलाज कराने हेतु कहां पर जाये. उल्लेखनीय है कि, कुपोषण की तीव्र श्रेणी में 232 बच्चे रहने के बावजूद ब-गट के 14 डॉक्टरों सहित स्वास्थ्य कर्मचारियों के अनेकों पद रिक्त पडे है. ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं व सुविधाओं को लेकर काफी परेशानियों व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.
जानकारी के मुताबिक विगत पांच माह के दौरान हुई 110 मौतों में से सर्वाधिक 36 बच्चों की मौतें विगत अगस्त माह में हुई है. इस कालावधि में 2 माता मृत्यु होने की जानकारी भी स्वास्थ्य विभाग के पास दर्ज हुई है. अब तक यह माना जाता था कि, मेलघाट क्षेत्र के आदिवासियों में बडे पैमाने पर अंधश्रध्दा व्याप्त है और वे आधुनिक पध्दति से अपना इलाज नहीं करवाते. जिसकी वजह से मौतों का प्रमाण अधिक है, लेकिन अब अस्पतालों में भी आदिवासी महिलाओं व बच्चों की मौतों का प्रमाण बढ रहा है. जिसे काफी चिंताजनक स्थिति माना जा रहा है.
मेलघाट में अगस्त माह के दौरान 2 हजार 525 बच्चों का जन्म हुआ. जिसमें से शून्य से 6 आयु गुट के 27 बच्चों की मौत हुई. धारणी के उपजिला अस्पताल में 19 तथा टेंबु्रसोंडा स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत शून्य से 6 वर्ष आयुगुटवाले 6 बच्चों की मौत हुई है. इसके अलावा विगत पांच माह के दौरान 33 बच्चे मृत पैदा हुए. जिसमें से अगस्त माह के दौरान 9 मृत बच्चे पैदा हुए. ऐसे में गर्भवती माताओें को पोषाहार दिये जाने हेतु चलाई जा रही योजना पर भी सवालियां निशान लगा हुआ है और इस योजना के तहत उठाये जा रहे कामों को अपर्याप्त भी माना जा रहा है.