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मां-बेटी ने एक साथ फांसी लगाकर की आत्महत्या

गाडगे नगर थाना क्षेत्र की शिक्षक संमती कालोनी में सनसनी

* लक्ष्मीपूजन वाली रात ही सुवर्णा व मृणाल वानखडे ने उठाया आत्मघाती कदम
* बीती शाम हुआ मामला उजागर, परिसर में हडकंप
* मरने से पहले घर का सोना-चांदी व नकद रकम को घर के पास स्थित मंदिर में दान किया
* निजी शाला में शिक्षिका थी सुवर्णा वानखडे
* बेटी मृणाल भी पुणे में इन्फोसीस में कर रही थी नौकरी
* पूरा परिवार था पढा-लिखा, पारिवारिक विवाद के चलते हुई घटना
* पुलिस ने सुवर्णा के पति प्रदीप वानखडे को जांच व पूछताछ हेतु लिया हिरासत में
* मामले में सरगर्मी से चल रही जांच, चर्चाओं का बाजार हुआ गर्म
अमरावती/दि.26- स्थानीय गाडगेनगर पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित आशियाड कालोनी के पास शिक्षक संमती कालोनी में रहनेवाली एक महिला शिक्षक व उसकी इंजीनियर बेटी द्वारा एक साथ एक ही कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिये जाने का मामला उजागर हुआ. खास बात यह रही कि, इन दोनों मां-बेटी ने लक्ष्मीपूजन वाली रात ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और यह मामला करीब 15-16 घंटे के बाद मंगलवार की शाम 7 बजे के आसपास उजागर हुआ. जिसके चलते पूरे परिसर में अच्छा-खासा हडकंप व्याप्त हो गया. इस मामले में पुलिस ने घर के मुखिया रहनेवाले प्रदीप वानखडे को संदेह के आधार पर जांच और पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में लिया है. साथ ही इस सनसनीखेज मामले की जांच बेहद सरगर्मी के साथ शुरू की गई है. वहीं इस घटना को लेकर परिसर में चर्चाओं और कयासों का दौर काफी तेज हो गया है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक यवतमाल की एक सरकारी शाला में शिक्षक के तौर पर काम करनेवाले प्रदीप वानखडे का परिवार शिक्षक संमती कालोनी में रहता है. परिवार में प्रदीप वानखडे की पत्नी सुवर्णा वानखडे (55) और बेटी मृणाल वानखडे (27) का समावेश था. इसमें से सुवर्णा वानखडे अमरावती शहर में स्थित एक निजी स्कूल में शिक्षक के तौर पर काम करती थी. वहीं बेटी मृणाल ने इंजीनिअरींग की पढाई पूरी करने के बाद पुणे स्थित इन्फोसीस जैसे नामांकित कंपनी में नौकरी हासिल की थी. दीपावली का पर्व रहने के चलते मृणाल अपनी घर आयी हुई थी और घर में सुवर्णा व मृणाल इन दोनों मां-बेटी द्वारा लक्ष्मीपूजन की तैयारी की जा रही थी. वही इस दौरान प्रदीप वानखडे संत गजानन महाराज के दर्शन हेतु शेगांव गये हुए थे. ऐसी जानकारी सामने आयी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक प्रदीप वानखडे का आये दिन अपनी पत्नी सुवर्णा वानखडे के साथ झगडा और विवाद हुआ करता था. जिसके चलते घर में अक्सर ही तनावपूर्ण हालात रहा करते थे. जानकारी व अनुमान के मुताबिक लक्ष्मीपूजन वाले दिन दोनों मां-बेटी ने घर के पास ही इंद्रप्रस्थ कालोनी स्थित हनुमान मंदिर में जाकर दर्शन किये और वहां पर अपने घर के 150 ग्राम सोने के आभूषण सहित करीब पौने दो लाख रूपये की नकद रकम मूर्ति के पास दान स्वरूप रख दी. साथ ही वहां से दोनों मां-बेटी अपने घर लौट आयी. जिसके बाद उन्हें किसी ने नहीं देखा.

* मंदिर के ट्रस्टी निंबर्ते ने देखी सबसे पहले पोटली
पश्चात मंगलवार की दोपहर जब इस मंदिर के ट्रस्टी निंबर्ते ने मूर्ति के पास एक कपडे की पोटली रखी देखी, तो उन्हें इसमें रखे गहने व पैसे दिखाई दिये. साथ ही इसमें सोने के आभूषणों से संबंधीत कुछ रसीदें भी रखी हुई थी. जिसमें प्रदीप रंगराव वानखडे तथा डॉ. विजय आखरे ऐसे दो नाम लिखे हुए थे. जिसके पश्चात मंदिर के ट्रस्टी निंबर्ते ने इसकी जानकारी परिसर में ही रहनेवाले रिटायर्ड पुलिस उप अधीक्षक प्रल्हाद गिरी को दी. जिन्होंने तुरंत पूरे मामले से गाडगे नगर पुलिस को अवगत कराया. इस समय तक परिसर में ही रहनेवाले विंचूरकर नामक सराफा व्यवसायी ने इन गहनों की पहचान करते हुए प्रदीप वानखडे को अपना ग्राहक बताया और उसका पता व मोबाईल नंबर पुलिस को उपलब्ध कराया. जिसके बाद पुलिस ने प्रदीप वानखडे से उसके मोबाईल क्रमांक पर संपर्क साधा, तो दूसरी ओर से प्रदीप वानखडे ने बताया कि, वह तो शेगांव में है और घर पर उसकी पत्नी सुवर्णा व बेटी मृणाल है तथा उसे इस बारे में कुछ भी पता नहीं है.
* ऐसे सामने आया पूरा मामला
वही इस दौरान गाडगेनगर पुलिस ने साईनगर परिसर के पटेल नगर में रहनेवाले डॉ. विजय आखरे से भी संपर्क कर लिया था. जिन्होंने पुलिस को बताया कि, उनकी बहन सुवर्णा का विवाह प्रदीप वानखडे से हुआ है और विगत कुछ समय से उनकी बहन व दामाद के बीच पटरी नहीं बैठ रही और दोनों के बीच विगत लंबे समय से तनाव वाली स्थिति है. ऐसे में पुलिस ने डॉ. विजय आखरे को अपने साथ लेकर शाम करीब 7 बजे के आसपास वानखडे परिवार के घर पर दस्तक दी. लेकिन भीतर से कोई प्रतिसाद नहीं मिला. जिसके बाद पुलिस ने घर के दरवाजे को जबरन तोडने का निर्णय लिया और घर का दरवाजा तोडने के बाद भीतर जो दृश्य दिखाई दिया, उसे देखकर हर कोई बुरी तरह से दहल गया. घर के भीतर मुख्य हॉल में लगे दो अलग-अलग सिलींग फैन से सुवर्णा वानखडे व उनकी बेटी मृणाल वानखडे के शव फांसी पर लटके हुए थे. सुवर्णा ने साडी की सहायता से फांसी का फंदा बनाया था, वहीं मृणाल ने ओढनी से फंदा बनाकर फांसी लगायी थी. यहां पर एक सुसाईड नोट भी बरामद हुआ, जो मृणाल वानखडे ने लिखा था. छह पंक्तिवाले इस सुसाईड नोट में मृणाल ने लिखा था कि, उसके पिता को वे दोनों (सुवर्णा व मृणाल) नहीं चाहिए, अब बहुत हो चुका. हमारा अंतिम संस्कार आखरे परिवार द्वारा किया जाये.
* घर में लक्ष्मीपूजन और दीपावली की तमाम तैयारियां दिखाई दी
इस समय मुआयने के दौरान घर में लक्ष्मीपूजन की पूरी तैयारी दिखाई दी. साथ ही दीपावली पर्व के हिसाब से घर में भोजन भी तैयार दिखाई दिया. इस घटना से कुछ समय पहले तक दोनों मां-बेटी अपने रिश्तेदारों के संपर्क में भी थी. ऐसे में पुलिस ने तुरंत ही घटनास्थल पर फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट व फॉरेन्सीक लैब की टीम के साथ ही श्वान पथक को बुलवाया. साथ ही शेगांव से अमरावती वापिस लौटे प्रदीप वानखडे को तुरंत ही जांच व पूछताछ के लिए गाडगेनगर पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया, जिसके खिलाफ धारा 498 (अ) व 306 के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया गया है. इसके साथ ही समाचार लिखे जाने तक पुलिस द्वारा प्रदीप वानखडे को अदालत के सामने पेश करने की तैयारी की जा रही थी, ताकि उसके साथ पूछताछ करने हेतु उसका पुलिस कस्टडी रिमांड हासिल किया जा सके.

* पोस्टमार्टम गृह के सामने उमडी भीड
जहां गत रोज यह मामला सामने आते ही शिक्षक संमती कालोनी स्थित वानखडे परिवार के घर के सामने लोगों की अच्छी-खासी भीडभाड जमा हो गई थी. पश्चात पुलिस ने घटनास्थल का पंचनामा करते हुए मां-बेटी की लाश को पोस्टमार्टम हेतु जिला सामान्य अस्पताल के शवागार में भिजवाया. जहां पर आज सुबह पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूर्ण की गई. इस समय पोस्टमार्टम गृह के सामने भी परिसरवासियों का अच्छा-खासा जमावडा लगा हुआ था और हर कोई यह जानने के लिए बेताब दिखाई दे रहा था कि, आखिर सुवर्णा और मृणाल वानखडे ने यह आत्मघाती कदम क्यों उठाया.

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