किडनी देकर मां ने अपने बेटे को दिया दूसरा जीवन
सुपर स्पेशालिटी में १७ वां किडनी ट्रांसप्लांट सफल, यवतमाल के मनोली निवासी है मां-बेटे
अमरावती/ दि.२०-अपने बच्चों पर आए संकट को दूर करने के लिए मां अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करती है. मां की ममता का बखान शब्दों में करना कठिन है. ऐसा ही एक अनुभव विदर्भ सेवा अस्पताल सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में देखने मिला. अपने बेटे की जान बचाने के लिए ५१ साल की मां ने २५ वर्षीय बेटे को किडनी देकर उसे दूसरा जीवन दिया है. अस्पताल में १७ वां किडनी प्रत्यारोपण सफल हुआ है. बतादें कि, यवतमाल जिले के घाटंजी तहसील के मनोली निवासी प्रदीप वाढई २५ पिछले कुछ दिनों से किडनी की बीमारी से पीडित थे. उनपर किडनी डायलिसि का उपचार चल रहा था. डॉक्टरों ने प्रदीप को किडनी ट्रांसप्लांट का निर्णय लिया. इस संदर्भ में प्रदीप की माता कमल वाढाई ५१ से चर्चा की गई. मां ने पुत्रप्रेम में खातिर अपनी किडनी बेटे को देने का निर्णय लिया. इसके बाद अकोला के उपसंचालक डॉ.तरंग तुषार वारे, चिकित्सकीय अधीक्षक डॉ.अमोल नरोटे, विशेष कार्यअधिकारी डॉ.नीलेश पाचबुद्धे के मार्गदर्शन में डॉ.राहुल पाटोडे, डॉ.विक्रम देशमुख, डॉ.राहुल घुले, डॉ.विशाल बाहेकर, डॉ.सुधीर धांडे, डॉ.प्रतीक चिरडे ने सर्जन के रूप में काम किया तथा नेफरोलॉजिस्ट डॉ.अविनाश चौधरी, डॉ.स्वप्नील मोलके, डॉ.प्रणित घोनमोडे, डॉ.बालकृष्ण बागवाले, डॉ.रोहित हातगांवकर, डॉ.राजेंद्र नेमाडे, डॉ.नंदिनी देशपांडे ने प्रदीप की किडनी प्रत्यारोपण शल्यक्रिया सफल की.
इनका भी मिला सहयोग
शल्यक्रिया दौरान अधिसेविका चंदा खोडके, परिचारिका माला सुरपाम, अनिता मडके, संगीता आष्टीकर, दुर्गा घोडिले, नीता कांडलकर, नीलिमा तायडे, तेजस्विनी वानखडे, आशा बानोडे, जमुना मावसकर, प्राजक्ता देशमुख का भी सहयोग मिला. प्रदीप और उनके मां का स्वास्थ्य अब स्थिर है.