अमरावती

मृतक वकील महिला की सास गिरफ्तार

बेटी के साथ मिलकर अपनी वकील बहू को मार डाला था

  • व्यंकय्यापुर परिसरवासियों का सास के खिलाफ फूटा गुस्सा

  • संतप्त नागरिकोें ने फ्रेजरपुरा थाने का किया घेराव

  • कई महिलाएं खुद होकर गवाही देने आयी सामने

अमरावती/दि.12 – विगत शनिवार को स्थानीय फ्रेजरपुरा पुलिस थानांतर्गत व्यंकय्यापुरा परिसर में रहनेवाली एड. सविता सुधीर सदांशिवे नामक महिला वकील की उसकी सास व ननद द्वारा दो नाबालिग लडकों के साथ मिलकर बुरी तरह मारपीट करते हुए हत्या कर दिये जाने का मामला सामने आया था. जिसकी जानकारी मिलते ही परिसरवासियों का गुस्सा आरोपी महिलाओं के खिलाफ फूट पडा और परिसरवासियों ने फ्रेजरपुरा पुलिस थाने का घेराव करते हुए मृतक महिला वकील की सास चंद्रकला सदांशिवे को गिरफ्तार करने की मांग की. साथ ही इस समय परिसर की कई महिलाओं ने चंद्रकला सदांशिवे के खिलाफ गवाही देने की भी तैयारी दर्शाई. जिसके चलते परिसरवासियों के बयान दर्ज करते हुए फ्रेजरपुरा पुलिस ने चंद्रकला सदांशिवे को अपनी हिरासत में लिया. वही इस मामले में मृतक महिला की ननद और चंद्रकला सदांशिवे की बेटी शुभांगी जाधव को पुलिस द्वारा शनिवार को पहले ही अपनी हिरासत में लिया जा चुका था. साथ ही शुभांगी के दोनों नाबालिग बेटों को रिमांड होम में भेजा जा चुका है.
बता दें कि, गुरूवार 8 सितंबर को व्यंकय्यापुरा परिसर में रहनेवाली चंद्रकला सदांशिवे ने खुद फ्रेजरपुरा पुलिस को सूचना दी थी कि, उसकी बहु एड. सविता सदांशिवे घर में बेहोश पडी है और उसके पास प्लास्टिक की एक खाली शीशी पडी हुई है. जिसके बाद फ्रेजरपुरा पुलिस ने तुरंत मौक पर पहुंचकर जमीन पर अचेत पडी एड. सविता सदांशिवे को इलाज हेतु इर्विन अस्पताल में भरती कराया गया. जहां पर डॉक्टरों ने सविता सदांशिवे को मृत घोषित किया. साथ ही प्राथमिक परीक्षण में पता चला कि, सविता के शरीर पर कई जगहों पर मारपीट व चोट के निशान है. ऐसे में सविता के शव का पोस्टमार्टम किया गया. जिसके जरिये यह जानकारी सामने आयी कि, सिर पर गहरी चोट लगने की वजह से सविता सदांशिवे की मौत हुई है. ऐसे में पुलिस ने इस हत्या का मामला मानते हुए धारा 302 के तहत अपराध दर्ज किया और मामले की जांच शुरू की. जिसमें पता चला कि, खुद चंद्रकला सदांशिवे अपनी बेटी शुभांगी जाधव तथा उसके दो नाबालिग बेटों के साथ मिलकर अपनी बहु एड. सविता सदांशिवे के साथ मारपीट की थी. जिसमें सविता के सिर पर गहरी चोट लगी और उसकी मौत हो गई. ऐसे में पुलिस ने शुभांगी जाधव को अपनी हिरासत में लेने के साथ ही उसके दो नाबालिग बेटों को रिमांड होम में भेज दिया.
परिसरवासियों का गुस्सा भडका

– सास चंद्रकला पर लगाये बेहद संगीन आरोप
वही इस दौरान इस घटना के बारे में पता चलते ही परिसरवासियों का चंद्रकला सदांशिवे और उसकी बेटी शुभांगी जाधव के खिलाफ गुस्सा भडका तथा संतप्त नागरिकों की भीड फ्रेजरपुरा पुलिस थाने में इकठ्ठा होनी शुरू हो गई. जहां पर क्षेत्र की कई महिलाओं ने खुद होकर पुलिस के सामने उपस्थित होते हुए बयान दर्ज कराया कि, चंद्रकला सदांशिवे व शुभांगी जाधव इन दोनों मां-बेटी द्वारा सविता सदांशिवे को आये दिन प्रताडित किया जाता था. जिसके तहत दोनों मां-बेटी कई बार सविता सदांशिवे के साथ मारपीट भी किया करती थी. परिसरवासियों के मुताबिक इस पूरे झगडे-फसाद की जड में संपत्ति का विवाद रहा, क्योंकि दो वर्ष पूर्व चंद्रकला के बेटे व सविता के पति का निधन हो चुका था और सविता अपनी तीन बेटियों के साथ ससुराल में रहते हुए जैसे-तैसे अपना जीवन-यापन कर रही थी. किंतु चंद्रकला सदांशिवे अपनी बहु और तीनों पोतियों को अपने लिए बोझ मानकर चल रही थी. जिसके चलते दोनों सास-बहु में आये दिन झगडा हुआ करता था. वही चंद्रकला की विवाहीत बेटी शुभांगी जाधव अपने दो नाबालिग बेटों के साथ अक्सर अपने मायके आ धमकती थी और कई-कई दिनोें तक मायके में ही रहा करती थी. जिससे सदांशिवे परिवार पर खर्च का आर्थिक बोझ बढ जाया करता था. इस बात को लेकर सविता सदांशिवे द्वारा अक्सर आपत्ति उठाई जाती थी, क्योंकि एक ओर तो चंद्रकला सदांशिवे द्वारा उसके व उसकी तीन बेटियों के साथ दूजा भाव किया जाता था. वही दूसरी ओर चंद्रकला खुद अपनी बेटी और दो नातियों पर बडा प्यार बरसाती थी. जिसके चलते दोनों पक्षों के बीच विवाद और टकराव लगातार बढता चला गया और अंत में चंद्रकला सदांशिवे ने अपनी बेटी व दो नाबालिग नातियों के साथ मिलकर अपनी बहु सविता सदांशिवे के साथ मारपीट करते हुए उसे मौत के घाट उतार दिया. व्यंकय्यापुरा परिसर में रहनेवाली कई महिलाओं ने सविता सदांशिवे के साथ आये दिन होनेवाली मारपीट का खुद प्रत्यक्षदर्शी गवाह बताया और सास चंद्रकला सदांशिवे को लेकर काफी संगीन आरोप लगाये. जिसके चलते फ्रेजरपुरा पुलिस ने आरोपी सास चंद्रकला सदांशिवे को अपनी हिरासत में लिया.

एड. सविता को पहले ही था अपने साथ कुछ गलत होने का अंदेशा

पुलिस द्वारा इस पूरे मामले की जांच के दौरान जब सदांशिवे परिवार के घर में तलाशी ली गई, तो एड. सविता सदांशिवे के कमरे में रखी डायरी में से एक चिठ्ठी बरामद हुई, जो सविता ने काफी पहले अपनी 11 वर्षीय बडी बेटी खुशी (काल्पनिक नाम) के नाम लिखी थी. इस पत्र में सविता ने लिखा था कि, ‘खुशी बेटा, कौन कब आता है और कब जाता है, इसका कोई पता नहीं होता, अगर मेरे साथ कुछ कम-ज्यादा हुआ, तो तुम घबराना मत, बल्कि नागपुर चले जाना, क्योंकि मेरे बाद सबकुछ तुम्हें ही संभालना पडेगा.’ इस पत्र के बरामद होते ही यह स्पष्ट हो गया कि, आये दिन होनेवाली प्रताडना के चलते अपने साथ किसी दिन कुछ अघटित होने का अनुमान एड. सविता सदांशिवे को काफी पहले ही हो गया था. ऐसे में उन्होंने सबकुछ सहने करने के साथ ही ऐसा कुछ होने की सूरत में अपनी बेटी के नाम अपना अंतिम संदेश एक पत्र में लिख दिया था.
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* तीन बेटियां हुई अनाथ, दो मौसियों ने उठाया जिम्मा
एड. सविता सदांशिवे के पति की दो वर्ष पूर्व मौत हो चुकी थी और वे अपनी 11 वर्षीय, 6 वर्षीय व 2 वर्षीय ऐसी तीन बेटियों को लेकर अपनी ससुराल में रहा करती थी. साथ ही अपना जीवन-यापन करने के लिए वे वकालत भी किया करती थी. किंतु बावजूद इसके वे और उनकी तीन बेटियां हमेशा ही उनकी सास व ननद की नजरों में खटका करती थी. जिसके चलते सास व ननद ने मिलकर सुनियोजीत तरीके से एड. सविता सदांशिवे की हत्या कर दी. इसके साथ ही दो वर्ष पूर्व अपने पिता को खो देनेवाली तीन बच्चियों के सिर से अब मां का साया भी हट गया है और वे पूरी तरह से अनाथ हो गई है. हालांकि सविता की दो बहनों ने तीनों बच्चियोें का पालकत्व स्वीकार करने का जिम्मा उठाया. जिसके तहत सविता के नागपुर निवासी बहनोई नरेंद्र वानखडे तीनों बच्चियों को अपने साथ नागपुर ले जाने हेतु रविवार को व्यंकय्यापुरा परिसर पहुंचे.

ऐसे उजागर हुआ पूरा मामला

– पहले आत्महत्या दर्शाने का किया गया था प्रयास
बता दें कि, विगत 8 सितंबर को सास चंद्रकला सदांशिवे व ननद शुभांगी जाधव द्वारा दो नाबालिगों के साथ मिलकर एड. सविता सदांशिवे के साथ बेदम मारपीट की गई. साथ ही गला दबाकर और सिर पर लोहे की रॉड से वार करते हुए उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया. जिसके बाद सविता के शरीर पर चादर ओढा दी गई और उनके हाथ में दवाई की एक खाली शीशी रख दी गई, ताकि यह हत्या नहीं, बल्कि आत्महत्या का मामला लगे. इसी के तहत चंद्रकला सदांशिवे ने फ्रेजरपुरा पुलिस को अपनी बहु के अचानक घर में बेहोश होकर गिर जाने और उसके पास प्लास्टिक की एक खाली शीशी पडी रहने की जानकारी दी थी. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट की वजह से पूरा मामला उजागर हो गया और रही-सही कसर परिसरवासियों द्वारा चंद्रकला सदांशिवे व शुभांगी जाधव इन मां-बेटी के खिलाफ दी गई गवाही ने पूरा करा दिया. जिसके चलते दोनों मां-बेटी अब पुलिस की हिरासत में है, जिन्हें एड. सविता सदांशिवे की हत्या के अपराध में पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस घटना के चलते व्यंकय्यापुरा परिसर सहित समूचे शहर में सनसनी व्याप्त है.

पोता नहीं होने से नाराज थी चंद्रकला

पता चला है कि, चंद्रकला सदांशिवे को अपना पोता देखने की बडी इच्छा थी. लेकिन उसकी बहू सविता सदांशिवे ने एक के बाद एक तीन बेटियों को जन्म दिया. जिसके चलते वह आये दिन इस बात के लिए अपनी बहू को ताने दिया करती थी और इसी बात के लिए उसे अक्सर प्रताडित भी किया करती थी. जिसमें अक्सर ही अपने मायके आकर धमकनेवाली ननद शुभांगी जाधव भी अपनी मां का साथ दिया करती थी और सविता को प्रताडित करने के लिए शुभांगी के दोनों बेटों का भी पूरा साथ लिया जाता था. जो अपनी मामी सविता को अपनी मां शुभांगी जाधव व नानी चंद्रकला सदांशिवे के साथ मिलकर प्रताडित किया करते थे. परिसरवासियों के मुताबिक ये तमाम बातें उन्हें काफी पहले से पता थी और वे हमेशा ही सविता का पक्ष लिया करते थे, लेकिन चंद्रकला, शुभांगी और उसके दोनों नाबालिग बेटे इस बात के लिए हमेशा ही पूरे मोहल्ले से लडने-झगडने के लिए तैयार रहते थे. उस समय किसी ने इस बात की कल्पना नहीं की थी कि, ये चारों किसी दिन मिलकर सविता को इतनी बेदर्दी के साथ मौत के घाट उतार देंगे.

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