किसी भी व्यक्ति के जीवन में मां पहली शिक्षक होती है
सीईओ संजीता मोहपात्रा का प्रतिपादन
* शिक्षक दिवस पर जिप ने किया शिक्षकों का सम्मान
अमरावती/दि.6– किसी भी व्यक्ति के जीवन में उनकी मां यह पहली शिक्षक होती है. किंतु जब बच्चा स्कूल जाने लगता है तो उसके पत्थर रूपी जीवन को आकार देने का कार्य शिक्षक करते है. यही कारण है कि आज मैं आपके सामने खडी हो पायी हूं. मेरी कामयाबी में मेरे माता-पिता के साथ शिक्षकों की भूमिका अहम रही है. उन्हीं की प्रेरणा और आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन से मैंने ‘आईएएस’ तक का सफर सफलतापूर्वक तय किया है. ऐसा प्रतिपादन जिप की मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीता मोहपात्रा ने व्यक्त किया.
जिप सीईओ मोहपात्रा स्थानीय पंचवटी चौक पर स्थित विमलाबाई देशमुख सभागृह में गुरूवार को शिक्षक दिवस पर आयोजित जिलास्तरीय आदर्श शिक्षक पुरस्कार वितरण समारोह में अध्यक्ष के तौर पर बोल रही थी. इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में जिप अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी संतोषकुमार जोशी, मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी अश्विनी मारने, जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्था प्राचार्य मिलिंद कुबडे, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी ( महिला व बाल कल्याण) डॉ. कैलाश घोडके, शिक्षाधिकारी (प्राथमिक) बुध्दभूषण सोनोने, शिक्षाधिकारी (माध्यमिक) प्रिया देशमुख, शिक्षाधिकारी (योजना) निखिल मानकर, सेवानिवृत्त शिक्षाधिकारी गजला खान उपस्थित थे.
सीईओ मोहपात्रा ने आगे कहा कि हमारे जीवन में माता-पिता के अलावा शिक्षकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहता है. वहीं उन्होंने आगे कहा कि प्रशिक्षण के समय मसूरी में ग्लोबल पुरस्कार विजेता शिक्षक रणजीतसिंह देसले ने करीब 180 आईएएस अधिकारियों को मार्गदर्शन दिया. यह मेरे लिए अभियान महसूस करने का अवसर था. आज आदर्श शिक्षक पुरस्कार प्राप्त सभी शिक्षकों के लिए नये- नये दरवाजे खुले है व आधुनिक शैली के साथ बच्चो को नई तकनीकी से अवगत करा सकते है और उनके शिक्षा के दर्जे में सुधार ला सकते है. यह प्रयास करनेवाले आदर्श शिक्षकों को पुरस्कार प्राप्त करने के लिए हम शुभकामनाएं देते है. आनेवाले समय में संभवत: आपके भी बच्चे आईएएस बनकर ऐसे किसी मंच पर अपने शिक्षकों को धन्यवाद देते नजर आयेंगे. ऐसा विश्वास भी उन्होंने व्यक्त किया.
मुख्य कार्यकारी अधिकारी संतोषकुमार जोशी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हर व्यक्ति के लिए मां उनकी पहली गुरू होती है. े उसके बाद उन पर कोई संस्कार करता है तो वह है शिक्षक विश्व में सर्वाधिक सम्मान शिक्षकों को मिलता है. पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों की जिम्मेदारियां बढी है. अब उन्हें विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से शिक्षा प्रदान करने का कार्य करना होगा. ताकि जिप के विद्यार्थी निजी स्कूल के छात्रों को बराबरी की टक्कर दे पाएं. ऐसा आवाहन उन्होंने शिक्षकों से किया.
कार्यक्रम की प्रस्तावना शिक्षाधिकारी (प्राथमिक) बुद्धभूषण सोनोने ने रखी. संचालन प्रतिभा काठोले, शैलेंद्र दहातोंडे ने किया. आभार दीपक कोकतारे ने माना, कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कार्यक्रम समन्वयक तथा विस्तार अधिकारी मो. अशपाक अब्दुल रज्जाक, प्रवीण खांडेकर, संगीता सोनोने, आश्विन मानकर, दिलीप आठवले, राजेश नाईक, राजेश सावरकर,श्रीनाथ वानखडे, हेमंत यावले ने प्रयास किए.
*शिक्षकों का शाल, श्रीफल व सम्मानपत्र प्रदान कर किया सत्कार
जिलास्तरीय आदर्श शिक्षक पुरस्कार अंतर्गत दिव्यांग कला क्रीडा संगीत व दिव्यांग विभाग में नीलिमा विनोद गरपाल (अमरावती), माध्यमिक शिक्षा विभाग से वीरेंद्र अज्ञानसिंग ब्राह्मण (अमरावती) आदि का चयन हुआ है. तथा माधुरी नारायण अमझरे (अमरावती), श्रीकृष्ण चंदू चव्हाण (धामणगांव रेल्वे), किरण मनोहरराव साकरकार (अचलपूर), आरिफफुर्रहमान मो. हनीफ (अंजनगाव सुर्जी), पंकज राजेंद्रराव दहीकर(भातकुली), मंजिता सुदामा खार्वे (चांदूर बाजार), राजेंद्र हरिदास वानखेडे (चांदूर रेल्वे), सुनील भूराजी जाणे (चिखलदरा), सुषमा डीसी मोहन (दर्यापूर), महादेव जयराम राठोड (धारणी), जयश्री रामदास शेकार (मोर्शी), जगदीश वासुदेवराव माहुलकर (नांदगाव खंडेश्वर), प्रमिला भास्करराव आखरे (तिवसा) प्रेमसुख शंकरराव ठोंबरे (वरुड) आदि को शॉल, श्रीफल व सम्मानपत्र देकर सम्मानित किया गया.