मां की कथा का नित्य श्रवण करने से मां जगदंबा सिद्धी प्रदान करती है
मां कनकेश्वरी देवी का कथन
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मयूरेश भवन में श्रीमद देवी भागवत कथा का चौथा दिन
अमरावती/दि.22 – मां की नित्य कथा का श्रवण करने से मां जगदंबा स्वार्थ सिद्धी प्रदान करती है. जिससे भक्तों की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है साथ ही उन्हें भविष्य का भय मात्र नहीं रहता. मनुष्य भविष्य की चिंताओं से मुक्त हो जाता है. इसलिए मां जगदंबा का नित्य नाम स्मरण करते रहे ऐसे आर्शीवचन मां कनकेश्वरी देवी ने कहे.
मां कनकेश्वरी देवी स्थानीय अकोली स्टेशन के समीप मयूरेश भवन में मंगलवार से प्रारंभ श्रीदेवी भागवत कथा के अवसर पर चौथे दिन भाविकों को संबोधित कर रही थी. मंगलवार से यहां मां कनकेश्वरी देवी के मुखराबिंद से श्रीमद देवी भागवत कथा जारी है. जिसमें कथा के चौथे दिन महामंडलेश्वर मां कनकेश्वरी देवी ने आगे कहा कि, मनुष्य जीवन में मां की आराधना का महत्व भुलने लगा है. भागदौड भरी जींदगी में अगर केवल 10 मिनट भी मां का स्मरण करे तो हमारा लोक परलोक सुधर जाता है.
शक्ति का अर्थ होता सार्मथ्य शक्ति का विवेक उसकी वाणी से व्यक्त होता है. यही कारण है कि समाज में अब तक जो महापुरुष हुए है उनकी वाणी में विवेकशीलता थी. विचारों में सकारात्मकता थी जिसके कारण उन्हें विपरीत परिस्थितियों से लडने की शक्ति प्राप्त हुई. उनमें कभी निराशा नहीं दिखाई दी. किसी भी व्यक्ति को जीवन में ज्ञान अर्जित करने की आवश्यकता होती है. जो परम ज्ञानी होता है वही परम भोग को हजम कर सकता है. जिसमें जितना योग है वह उतने ही भोग का अधिकारी होता है.
जो व्यक्ति सांसारिक जीवन में त्याग कर वैराग्य जीवन को अपनाना चाहता है उसके मन में वैराग्य की भावना जागृत होना जरुरी है. यही कारण है कि जीवन में संयम और शांति को अपनाने वाले मृत्यु से पूर्व ही विरक्ति की प्राप्ती करते है. इसलिए गृहस्थ जीवन में शांति बनाए रखने का चुनाव मां कनकेश्वरी देवी ने अपने प्रवचनों व्दारा दिया.
भागवत कथा के चौथे दिन मां का स्वागत सपना शर्मा, सुगना शर्मा, मौनी बाबा(बैतूल), जवाहर गांग, मनी शर्मा, दिलीपसिंह रघुवंशी, कावरे दंपत्ति, आनंद सिकची, गुरे दंपत्ति, शोभा डागा, राजकुमार टवाणी, संगीता टवाणी, नील शर्मा, प्रशांत जयस्वाल, गजानन वामेकर, राजकुमार लाहोटी, प्रा. सुनील साहु ने किया तथा आरती नंदलाल खत्री, जुगलकिशोर गट्टाणी, ओमप्रकाश परतानी ने की. पिछले चार दिनों से जारी देवी भागवत कथा को भाविकों व्दारा उत्स्फूर्त प्रतिसाद दिया जा रहा है.