अमरावती प्रतिनिधि/दि.15 – राजमाता जिजाऊ देववादी नही बल्कि प्रयत्नवादी थी. आज प्रत्येक महिलाओ में यह ध्यान रखने की आवश्यकता है. कारण कि छत्रपति शिवाजी महाराज द्बारा स्वराज्य स्थापना की जाए और शहाजी महाराज की संकल्पना पूर्ण हो इसके लिए राजमाता जिजाऊ ने प्रयत्न किए थे. शिवाजी महाराज में संस्कार आत्मसात कर उन्हें प्रेरणा दी थी. ऐसा प्रतिपादन लेखिका तथा पत्रकार कांचन मुरके ने व्यक्त किया. वे ओवी बहुउद्देशीय संस्था अध्यक्षा शरयु ठाकरे के निवासस्थान पर आयोजित जिजाऊ जयंती कार्यक्रम में इतिहासातील मर्दानी स्त्रिया आणी आजची स्त्री इस विषय पर बोल रही थी.
पत्रकार कांचन मुरके ने आगे कहा कि घर घर में शिवाजी हो, ऐसी अपेक्षा रखते हुए खुदको भी जिजाऊ बनने की आज आवश्यकता है. ऐसा भी आवाहन उन्होंने इस समय किया. कार्यक्रम की शुरूआत मां जिजाऊ की प्रतिमा का पूजन व हारार्पण कर समाज सेविका सिंधु चव्हाण के हस्ते की गई. कार्यक्रम का संचालन वैशाली करमकर ने किया तथा प्रास्ताविक शरयु ठाकरे ने रखा तथा आभार सुचिता लहाने ने माना. इस समय आरती बोदरकर, किरण ठाकरे, उज्वला जुमले, संगीता वाखडे, अनिता गावंडे, मृणाल नवरंगे, कुंदा पुसदकर, पूजा तिवारी उपस्थित थे.