अमरावती

‘मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो…’

भजन सम्राट अनूप जलोटा ने अपनी मधुर वाणी में गाए भजनों से दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

* सांस्कृतिक भवन में हुई आजाद हिंद मंडल की भजनसंध्या
* विधायक प्रवीण पोटे पाटिल, पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख समेत अनेक मान्यवर रहे उपस्थित
अमरावती/दि.28– ‘मैया मोरी, मैं नहीं माखन खायो…’, ‘श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम, लोग करें मीरा को यूं ही बदमान…, अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम…’ जैसे अनेक सुमधुर भजनों से भजन सम्राट अनूप जलोटा ने स्थानीय सांस्कृति भवन में आजाद हिंद मंडल की तरफ से बुधवार 27 सितंबर को आयोजित भजन संध्या कार्यक्रम में श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.
शहर के बुधवारा स्थित विख्यात आजाद हिंद मंडल को 96 वर्ष पूर्ण हो गए हैं. मंडल ने वर्षो की परंपरा को कायम रखते हुए इस वर्ष भी बडे ही हर्षोल्लास व आस्था के साथ भव्य श्रीकृष्ण लीला की झांकी प्रस्तुत की है. इस गणेशोत्सव के दौरान आजाद हिंद मंडल के व्दारा हर दिन विविध सांस्कृतिक, सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. बुधवार 27 सितंबर को भजन सम्राट अनूप जलोटा की भजनसंध्या का कार्यक्रम संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में किया गया था. भजनसंध्या की गणेश पूजन व वंदना के साथ शुरुआत की गई. पूर्व महापौर विलास इंगोले, शहर कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष बबलू शेखावत, बिजीलैंड व्यापारी एसोसिएशन के पूर्वाध्यक्ष विजय भूतडा के हाथों भजन सम्राट अनूप जलोटा का सत्कार किया गया. इस अवसर पर मंडल के अध्यक्ष पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य, जिला व सत्र न्यायालय के न्यायमूर्ति मोहन देशपांडे, विधायक एड. यशोमति ठाकुर, विधायक प्रवीण पोटे पाटिल, विधायक बलवंत वानखडे, पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता, डॉ. सुनील देशमुख, वसुधाताई देशमुख, पूर्व सांसद अनंत गुढे, दिलीप दाभाडे, दिलीप कलोती, एड. ब्रिजेश तिवारी, एड. प्रशांत देशपांडे, प्रवीण मानेकर, शरद तसरे, डॉ. रविभूषण, प्रा. किशोर फुले समेत अनेक मान्यवर उपस्थित थे.
भजन सम्राट अनूप जलोटा व्दारा भजनसंध्या की शुरुआत करते ही भक्तिमय वातावरण हो गया. ‘ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन…’ भजन की शुरुआत करते ही श्रोताओं ने जमकर तालियां बजाना शुरु कर दिया. अनूप जलोटा के एक से एक सुरीले भजनों ने समा बांध दिया था. भजनसंध्या में अनूप जलोटा के साथ सहगायिका नीतिश अग्रवाल, माधुरी जोशी, गिटारवादक हिमांशु तिवारी, टीम मास्टर भरत ओझा, मनीष कुडेकर, गिराटवादक सुरेंद्र भुयार, वायलीन वादक महेश आदि का समावेश था.
* पुराने फिल्मी गीत भी किए प्रस्तुत
भजन सम्राट अनूप जलोटा ने भजनों के साथ अपनी सुमधुर वाणी में पुराने फिल्मी गीतों को भी प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. भजनसंध्या के दौरान अनेकों की फरमाइश पर भी भजन प्रस्तुत किए. हिंदी फिल्मी गीतों में ‘मैं शायर तो नहीं, मगर ऐ हंसी…,होठों से छूं लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो…, इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना…, तुम इतना जो मुस्कारा रहे हो…’ आदि समेत अनेक गीत प्रस्तुत कर उन्होंने दर्शकों को लीन कर दिया. भजन सम्राट अनूप जलोटा का भजनसंध्या कार्यक्रम करीबन 3 घंटे चला. सांस्कृतिक भवन पूरी तरह खचाखच भरा हुआ था.
* खिलाडियों का हुआ सत्कार
भजनसंध्या कार्यक्रम के दौरान आजाद हिंद मंडल की तरफ से साइकिल रेस में प्रशंसनीय नाम करनेवाले अमरावती शहर के पुलिस उपायुक्त विक्रम साली, विजय धुर्वे, केशव निकम, शिव छत्रपति पुरस्कार से सम्मानित अभिजीत इंगोले का सत्कार किया गया.
* अंबानगरी मेरे लिए नई नहीं-अनूप जलोटा
अंबानगरी मेरे लिए नई नहीं है. इस शहर से मेरा पुराना परिचय है. मुझे 5 वर्ष पूर्व अमरावती में भजनसंध्या कार्यक्रम में आने का अवसर मिला था. उस वक्त भी भव्य गणेश प्रतिमा के सामने ही भजन प्रस्तुत करने का मौका मिला था. अमरावती में भी अनेक गायक कलाकार ने जिन्हें मेैं अच्छी तरह जानता हूूं, ऐसा भजन सम्राट अनूप जलोटा ने अंबानगरी पहुंचते ही बुधवार की शाम 7.30 बजे बुधवारा आजाद हिंद मंडल पहुंचकर श्रीकृष्ण लीला की झांकी देखकर भूरी प्रशंसा की. पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए वे बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि आजाद गणेश मंडल को 96 वर्ष पूर्ण हुए है. 4 वर्ष बाद यह मंडल शतकपूर्ति पूर्ण करेगा. उस समय भी वे अवश्य अंबानगरी पधारेंगे. अनूप जलोटा ने कहा कि वे बुधवार को सुबह 9 बजे ही 30 घंटे का सफर पूर्ण कर अमेरिका से मुंबई पहुंचे और वहीं से विमान से नागपुर होते हुए अमरावती पहुंचे. उन्होंने यह भी कहा कि अब तक अनेक देशों में उनकी भजनसंध्या के कार्यक्रम हुए हैं. लेकिन भारत देश जैसा कोई देश अच्छा नहीं लगता. उन्होंने यह भी बताया कि महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर में उनके अनेक कार्यक्रम हुए हैं. इस ऑरेंज सिटी में मुंबई की तरह दो राज्यों की सभ्यता एवं संस्कृति का दर्शन होता है. कुछ स्थानों पर मध्य प्रदेश तो कुछ स्थानों पर महाराष्ट्र की छवी नजर आती है. विभिन्नता में एकता का प्रतीक नागपुर मेरे लिए एक अलग ही अनुभूति का एहसास करवाता है. अंबानगरी बाबत इस भजन सम्राट ने कहा कि यहां भी अनेक अच्छे गायक है. विशेषकर उन्होंने गजल नवाज भीमराव पांचाले का इस अवसर पर उल्लेख किया. अंबानगरी सांस्कृतिक नगरी है यहां गायन कला को भी निखारा और संवारा जाता है. ऐसा कहते हुए अनूप जलोटा ने अंत में ‘ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन…, मैरा मोरी मैं, नहीं माखन खायो…’ जैसे भजनों की दो पंक्तियां सुनाई और गणेश प्रतिमा के दर्शन कर कार्यक्रम स्थल की तरफ रवाना हो गए. पत्रकारों से बातचीत करने के पूर्व उनका मंडल के पदाधिकारियों की तरफ से पुष्पगुच्छ प्रदान कर सत्कार किया गया. झांकी देखने के लिए पहुंचे अनेक नागरिकों ने उत्सुकता के साथ अनूप जलोटा के साथ खडे होकर अपने मोबाइल से सेल्फी भी निकाली. उनके साथ भजन गायिका नीता शाह, भरत ओझा और मंडल के पदाधिकारी उपस्थित थे.

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