अमरावतीमहाराष्ट्र

गुप्त धन के लिए बेटी को तांत्रिक के पास भेजती थी मां

प्रताडना से तंग आकर नाबालिग बेटी घर से भाग निकली

* मंगरुलपीर से निकलकर अमरावती पहुंची नाबालिग
* सहायता के लिए लगाया समाजसेविका प्रीति साहू को फोन
* पीडिता को भेजा गया बाल सुधारगृह, पुलिस में मामला दर्ज
अमरावती/दि.21– मंगलरुलपीर में रहने वाली एक महिला गुप्त धन की लालच में विगत 3 वर्षों से अपनी नाबालिग बेटी को एक तांत्रिक के हवाले किया करती थी और वह तांत्रिक उस महिला के घर में ही आकर उसकी बेटी पर अघोरी विद्या के अमानवीय प्रयोग किया करता था. यह सिलसिला विगत 3 वर्षों से लगातार चल रहा था. जिससे तंग आकर 15 वर्षीय पीडिता अपने घर से भाग निकली और सीधे अमरावती पहुंची. जहां पर किसी के जरिए उसे प्रीति साहू नामक समाजसेविका का फोन नंबर प्राप्त हुआ, तो उसने उस नंबर पर फोन लगाते हुए खुद को बचा लेने की गुहार लगाई. जिसके बाद प्रीति साहू ने तुरंत ही बस स्टैंड पहुंचकर उक्त नाबालिग लडकी को अपने कब्जे में लिया तथा उसे सुचित्रा बर्वे की सलाह लेते हुए बालगृह में प्रवेश दिलाया गया. साथ ही इस मामले से तुरंत ही मंगरुलपीर पुलिस को भी अवगत कराया गया. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच पडताल करनी शुरु की.

इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब गत रोज प्रीति साहू ने फेसबुक लाइव के जरिए इस मामले की जानकारी दी. प्रीति साहू के मुताबिक मंगरुलपीर से भागकर आयी 15 वर्षीय नाबालिग लडकी ने उन्हें बताया कि, उसकी मां बेहद अंधविश्वासी है तथा जादूटोने में काफी भरोसा रखती है. करीब 3 वर्ष पहले किसी ने उसकी मां के दिमाग में यह बात भर दी थी कि, अगर वह किसी तरह अघोरी विद्या करती है, तो उसे बडे पैमाने पर गुप्त धन मिलेगा. जिसके चलते उसकी मां ने अघोरी विद्या करने वाले तांत्रिक की खोजबीन करनी शुरु की. जिसके चलते कुछ ही दिन बाद उक्त महिला के संपर्क में एक तथाकथित तांत्रिक आया. जिसने उक्त महिला को बताया कि, वह उसके घर में ही अघोरी विद्या का अनुष्ठान करेगा. जिसके लिए उसे एक कुवारी कन्या की भी आवश्यकता होगी. जिसके चलते उक्त महिला ने उस तथाकथित तांत्रिक को अपने घर पर आने के लिए कहा. जहां पर उस तांत्रिक ने घर के भीतर अपने कथित अनुष्ठान के लिए गोल घेरा बनाया तथा उक्त महिला ने इस अनुष्ठान के लिए अपनी महज 12 वर्षीय मासूम बेटी को उस तांत्रिक के हवाले कर दिया. जिस पर अघोरी विद्या के नाम पर उक्त तांत्रिक द्वारा तरह-तरह के अमानवीय प्रयोग किये जाते थे. यह सिलसिला करीब 3 साल तक चलता रहा और इस दौरान अपने साथ हो रही प्रताडना से उक्त बच्ची पूरी तरह तंग आ गई. जिसके चलते वह मंगरुलपीर स्थित अपने घर से भाग निकली और जैसे तैसे भटकते हुए अमरावती पहुंच गई. जहां पर किसी व्यक्ति ने इस बच्ची की तकलीफ को समझने के बाद उसे प्रीति साहू का फोन नंबर दिया. जिसके चलते उस बच्ची ने किसी तरह प्रीति साहू को मोबाइल कॉल लगाकर खुद का बचा लेने की गुहार लगाई. पूरा माजरा समझ में आते ही प्रीति साहू तुरंत अमरावती बस स्थानक पहुंची तथा उक्त नाबालिग लडकी को अपने कब्जे में लिया. जिसके बाद प्रीति साहू ने शहर में एक स्वयंसेवी संस्था चलाने वाली सूचिता बर्वे की मदद लेते हुए उक्त बच्ची को बालगृह में प्रवेश दिलवाया, ताकि उसके भोजन व निवास की व्यवस्था हो सके. इसके उपरान्त प्रीति साहू ने मंगरुलपीर पुलिस स्टेशन से संपर्क करते हुए वहां के थानेदार को इस पूरे मामले की जानकारी दी. जिस पर मंगरुलपीर के थानेदार ने उक्त बच्ची को अपनी कस्टडी में लेने हेतु अमरावती आने की तैयारी दर्शायी. साथ ही इस मामले में अपनी ओर से यथोचित कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया.

उल्लेखनीय है कि, इन दिनों लडकियों एवं युवतियों को लेकर तमाम तरह की खबरें सामने आयी है. परंतु एक महिला द्वारा गुप्त धन की लालच और अपने अंधविश्वास के चलते अपनी ही बच्ची को किसी तांत्रिक के हवाले सौंपकर अपनी आंखों के सामने उसकी प्रताडना करवाने का यह पहला मामला है. जिससे स्पष्ट होता है कि, विज्ञान ने भले ही कितनी ही प्रगती क्यों न कर ली हो और अंधविश्वास को दूर भगाने के तमाम प्रयास कर लिये गये हो, लेकिन पैसों की अंधी लालच के चलते लोगों के दिमाग से अंधविश्वास दूर होने का नाम ही नहीं ले रहा. लेकिन इस मामले में सौभाग्य से अच्छी बात यह रही कि, मंगरुलपीर से भागी उक्त नाबालिग लडकी अमरावती आकर सुरक्षित हाथों में पहुंची, अन्यथा उसके साथ कुछ भी अनर्थ घटित हो सकता था. इस संभावना से कतई इनकार नहीं किया जा सकता.

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