अमरावती/दि.22 – कोरोना के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ था. कोरोना की पहली लहर खत्म होते ही तुरंत दूसरी लहर आने से पढ़ाई पर काफी असर हुआ. लेकिन डेढ़ वर्ष बाद जनजीवन पहले के समान हुआ वहीं स्कूल भी शुरु हो गई है. मात्र ऑनलाईन पद्धति से शासन के आदेशानुसार अब सभी पढ़ाई कर ग्रामीण भागों में आठवीं से स्कूल शुरु की गई है.
बच्चे भी स्कूल में जाने लगे हैं.लेकिन मां को कोरोना का भय अब भी होने के कारण वह अपने बच्चों को स्कूल भेजने में दुविधा में पड़ गई है. मां को यह चिंता सता रही है कि कही उस के बच्चे की तबियत तो खराब नहीं होगी. बेटा-बेटी स्कूल से घर आने पर उनसे पूछा जाता है कि तबियत तो ठीक है ना, खांसी, सर्दी, बुखार तो नहीं आया, मास्क निकाला था क्या, समय-समय पर हाथ धोये थे क्या? स्कूल से आने पर कपड़े धोनेे डालो आदि खबरदारी बरतने कहा जाता है. स्कूल शुरु होने पर अब पालकों में पाल्यों के प्रति स्वास्थ्य बाबत चिंता सताने लगी है.
स्कूल से घर आते ही कपड़े बदले, स्नान करे!
बच्चे स्कूल जाने लगे,जिसके चलते बच्चों में उत्साह का वातावरण है. अनेक दिनों बाद दोस्त मिलने के बाद हंसना, खेलना, गपशप, एक साथ बैठना शुरु हो गया है. घर जाने के बाद साबून से हाथों को धोना, सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने, कपड़े धोने के लिये डालकर नहाने, स्वच्छता रखने ऐसा हर रोज स्कूल के शिक्षक विद्यार्थियों को सूचना दे रहे हैं.
– मास्क न निकाले.
– बारबार साबून से हाथ धोये या सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
– फिजिकल डिस्टन्सिंग का पालन करें.
– घर में आने के बाद कपड़े धोने डाले व स्नान करें.