अमरावती

आईआईएमसी और विवि के बीच होगा एमओयू

कुलपति डॉ. येवले ने प्रस्ताव तैयार करने का दिया निर्देश

अमरावती/दि.24– संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए एक अच्छी खबर है. उन्हें अपने पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ ही सूचना और जनसंचार के कौशलों को भी सीखने का मौका मिलेगा. इसके लिए जल्द ही विवि व भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) पश्चिम क्षेत्रीय परिसर के साथ एक आपसी समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने वाले है. संभवतः मार्च के दूसरे सप्ताह में डॉ. येवले व आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर होगे.
कुलपति पद का प्रभार संभालने के बाद गुरुवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) पश्चिम क्षेत्रीय परिसर की ओर से सत्कार किया गया. संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र कुमार भारती ने विवि कुलपति कार्यालय पहुंचकर उनका सत्कार किया. इस दौरान विवि प्र-कुलपति डॉ. प्रसाद वाडेगांवकर व कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख प्रमुख रूप से उपस्थित थे. चर्चा के दौरान डॉ. येवले ने विवि व आईआईएमसी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर करने की इच्छा जताई. साथ ही कहा कि यदि यह एमओयू होता है तो यहां के विद्यार्थियों को बड़ा फायदा होगा. उनमें कौशल विकास होगा. अपने पाठ्यक्रम के अतिरिक्त उन्हें कुछ नया सिखने का अवसर मिलेगा. इस पर आईआईएमसी के पश्चिम क्षेत्रीय निदेशक प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र कुमार भारती ने उनके प्रस्ताव का स्वागत किया. साथ ही कहा कि जल्द ही संस्थान की ओर से एक प्रस्ताव तैयार कर विवि को सौंपा जाएगा. इस पर डॉ. येवले ने विवि के प्र-कुलपति डॉ. प्रसाद वाडेगांवकर को एमओयू का मसौदा तैयार करने के निर्देश दिए. साथ ही संस्थान के पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर प्रस्ताव तैयार करने को कहा. इस बैठक में आईआईएमसी के वरिष्ठ शिक्षक अनिल जाधव ने डॉ. येवले को यह जानकारी दी कि एमओयू पर हस्ताक्षर का प्रस्ताव पहले तैयार किया गया था. लेकिन तत्कालीन कुलपति डॉ. दिलीप मालखेड़े का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से इस पर आगे बात नहीं बन पाई. इस पर डॉ. येवले ने भरोसा दिलाया कि विवि की ओर से इस संबंध में शीघ्र ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी. ताकि आपसी समझौता हो सके. बैठक में आईआईएमसी पश्चिम क्षेत्रीय परिसर के डॉ. राजेश कुशवाहा, डॉ. विनोद निताले, डॉ. आशीष दुबे, संजय पाखोड़े प्रमुख रुप से उपस्थित थे.

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