अमरावती

महर्षि स्कूल के गेट पर भरी बरसात में आंदोलन

छात्रों ने जिलाधिकारी कार्यालय में गुजारी रात

प्रवेश से इंकार
स्कूल संचालक राठी ने कहा- हम नहीं पढाएंगे, जबर्दस्ती क्यों
अमरावती -/दि.7 वलगांव रोड के नवसारी स्थित महर्षि स्कूल का नाम एक बार फिर चर्चा में हैं. जनजातीय विद्यार्थियों को प्रवेश देने में नानुकूर करने के कारण छात्रों ने स्कूल के गेट पर भरी बरसात में आंदोलन किया. इतना ही नहीं तो सारी रात जिलाधिकारी कार्यालय परिसर मेें बिताई. जिलाधिकारी ने मंगलवार को छात्रों से बात की और 2 दिनों में शाला संचालक पर कार्रवाई का आश्वासन दिया. उधर स्कूल संचालक प्रशांत राठी ने कहा कि, जब अमरावती में अन्य कॉलेज उपलब्ध है, तो महर्षि में ही पढने की जिद क्यों?
स्कूल गेट पर भरी बरसात में प्रदर्शन
आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से छात्रों को प्रतिष्ठित स्कूलों मेें दिया जाता हैं. आदिवासियों के विशेष शीर्ष पर पूरा खर्च होता हैं. आवास, भोजन, किताबें, गणवेश, शिक्षा सभी इसमें शामिल हैं. प्रकल्प अधिकारी के कहने पर 5 सितंबर को मेलघाट के आदिवासी छात्र महर्षि पब्लिक स्कूल पहुंचे. लेकिन महर्षि स्कूल प्रबंधन ने पहले 11वीं कक्षा का प्रवेश परीक्षा देने और बाद में देखने की बात कहकर छात्रों को भगा दिया. इसलिए छात्रों ने मूसलाधार बारिश में महर्षि स्कूल के गेट के पास लगातार 3 घंटे तक आंदोलन किया. लेकिन स्कूल प्रशासन के नहीं माने जाने पर बिरसा क्रांति दल संगठन के सहयोग से कलेक्टर कार्यालय पहुंचे गए. निवासी उपजिलाधिकारी व प्रकल्प अधिकारी से चर्चा का कोई समाधान नहीं होने पर अपर आयुक्त कार्यालय के कर्मचारियों ने कोई जवाब नहीं दिया तो छात्रों ने रात 1 बजे तक सीधे कलेक्टर कार्यालय पर धरना दिया. बाद में पुलिस प्रशासन की मध्यस्थता से छात्रों को उनकी सुरक्षा की दृष्टि से आदिवासी छात्रावास ले जाया गया.
2 दिन में की जाएगी कार्रवाई : जिलाधिकारी
मंगलवार को कलेक्टर पवनीत कौर के कक्ष में आधे घंटे तक छात्रों की समस्या पर चर्चा हुई. जिसमें छात्रों के साथ हो रहे शैक्षणिक अन्याय और दुर्व्यहार के बोर मेें विस्तार से जानकारी दी गई. छात्रों के प्रतिनिधिमंडल के साथ आदिवासी सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों भी उपस्थित थे. दो दिन रुकिए, हम आपको न्याय देंगे, उचित कार्रवाई की जाएगी. यह आश्वासन कलेक्टर द्बारा दिया गया. जब तक इस संबंध मेें निर्णय नहीं हो जाता, तब तक छात्र आदिवासी विकास विभाग के नियंत्रण में रहेंगे.
विद्यालय का निर्णय अनुचित, होगी कार्रवाई
स्कूल ने गलत व्यवहार किया है. छात्रों को 11वीं मेें सीधे प्रवेश दिया जाना चाहिए था. लेकिन स्कूल ने ही प्री-परीक्षा आयोजित करने और प्रवेश नहीं देने का फैसला किया. इसके साथ ही अन्य मामलों में भी स्कूल के बर्ताव में खामियां पाई गई हैं. इस आधार पर स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कमिश्नर को रिपोर्ट भेज दी गई हैं. जल्द ही कार्रवाई की उम्मीद हैं, छात्रों को दूसरे स्कूल में स्थानांतरित करने का निर्णय वरिष्ठ स्तर पर लिया जाएगा.
सावन कुमार, प्रकल्प अधिकारी, धारणी
संस्था चालक के खिलाफ मामला दर्ज करें
आदिवासी समुदाय के गरीब छात्रों को मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार महत्वाकांक्षी योजनाएं लागू कर रही हैं. जिसके तहत छात्रों को प्रतिष्ठित स्कूल में प्रवेश दिया जाता हैं. लेकिन अधिकारी नियंत्रक के रुप मेें अपना कार्य नहीं कर रहा हैं. दो दिन से छात्रों का संघर्ष शुरु हैं. महर्षि पब्लिक स्कूल में बार-बार ऐसा अन्याय हो रहा हैं, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं. ऐसे शिक्षण संस्था के चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए. सभी छात्रों को यहां से दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया जाए. प्रशासन को न्याय की भूमिका निभानी चाहिए. नहीं तो आदिवासी सामाजिक संगठन को आक्रामक रुख अपनाना पडेगा.
अर्जुन युवनाते, सामाजिक कार्यकर्ता
हम नहीं पढाएंगे, जबर्दस्ती क्यों..
एक स्कूल में कक्षा 10वीं तक के दाखिले होते हैं. 11वीं कक्षा के लिए रिएडमिशन करनी पडती हैं. ये सभी शिक्षा विभाग के नियम हैं. इसलिए हमने उन छात्रों को 10वीं तक पढाया हैं. हम दो महिने पहले ही लिखित में दे चुके है कि, हम उन्हें 11वीं और 12वीं के लिए नहीं पढाएंगे. लेकिन वे हमें आप ही सिखाओं यह जिद कर रहे हैं. जब अमरावती में बहुत सारे कॉलेज हैं, तो महर्षि में पढने की जिद क्यों, दूसरे स्कूल में दाखिला ले लो.
– प्रशांत राठी, संचालक महर्षि सकूल

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