स्थायी रोजगार हेतु स्वास्थ्य कर्मियों का आंदोलन शुरु
26 से आशा, गट प्रवर्तक भी करेंगे काम बंद
अमरावती/दि.20- जिला परिषद में एक ओर अधिकारियों की बदली का सत्र शुरु रहते कर्मचारी संगठनाओं के आंदोलन भी तेजी से हो रहे हैं. कायम कर्मचारियों का दर्जा मिले, इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान (एनएचएम) अंतर्गत कार्यरत ठेका कर्मचारियों ने बुधवार 19 जुलाई से मुंबई में आंदोलन शुरु किया है. वहीं आशा व गट प्रवर्तक 26जुलाई को जिला परिषद पर आंदोलन करेंगे. परिणामस्वरुप जि.प. की सेवा गड़बड़ाने का भय निर्माण हुआ है.
एनएचएम अंतर्गत राज्यभर हजारों की संख्या में डॉक्टर, परिचारिका, समुपदेशक, वार्ड बॉय व अन्य पदों पर काम कर रहे हैं. इनमें से कुछ कर्मचारी गत 15 से 20 वर्षों से सेवा दे रहे हैं.
स्वास्थ्य सेवा का यह काम कायमस्वरुपी है, लेकिन नियुक्तियां ठेका व मानधन स्वरुप में की गई है. अब वे भी आगे चलकर नई भर्ती करने का काम किया जा रहा है. जिसके चलते दीर्घकाल की सेवा एवं इससे पूर्व समय-समय पर दिए गए आश्वासनों का विचार करते हुए पहले कायमस्वरुपी रोजगार दे, पश्चात नई भर्ती करें, ऐसी मांग संबंधतों द्वारा की गई है. इसके लिए जिले के अधिकांश ठेका कर्मचारियों ने काम बंद कर मुंबई के आजाद मैदान में डेरा डाला है.
फिलहाल मुंबई में विधिमंडल का पावस अधिवेशन शुरु है. जिसके चलते सरकार व विरोधी पक्ष इन दोनों घटकों द्वारा दखल ली जाए, इसके लिए यह आंदोलन मुंबई में शुरु किया गया है. दरमियान आगामी 26 जुलाई को इसी यंत्रणा से संबंधित आशा व गट प्रवर्तक महिलाओं ने भी आंदोलन की चेतावनी दी है. 26 जुलाई को सभी कर्मचारी जिला परिषद पर धमकेंगे. आयटक के नेतृत्व में युनियन ने यह आंदोलन पुकारा है. जिसके तहत दिनभर प्रदर्शन किये जाने की जानकारी युनियन के सचिव क्रॉम्रेड प्रफुल्ल देशमुख ने दी.
गत अनेक महीने से आशा व गट प्रवर्तकों को नियमित रुप से मानधन नहीं दिया जा रहा, इसलिए वह नियमित किया जाए, स्वास्थ्य वर्धिनी अंतर्गत दिया जाने वाला टीम बेस मोबदला तुरंत अदा किया जाए, आशा व गट प्रवर्तकों की शिकायतों बाबत जिलास्तरीय शिकायत समिति स्थापित की जाए आदि मांगें इस समय की जाएगी.
राज्य में शहरी व ग्रामीण भाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान में 70 हजार स्वयंसेविका व 4 हजार गट प्रवर्तक कार्यरत हैं. उन्हें अत्यंत कम वेतन मिलता है. जिसमें उनका उदरनिर्वाह नहीं होता. शासन द्वारा आयोजित की गई स्वास्थ्य योजना नागरिकों तक पहुंचाने में आशा स्वयंसेविका एवं गट प्रवर्तकों का बड़ा योगदान है.