अमरावतीमहाराष्ट्र

घाटे वाली राज्य लॉटरी को शुरु रखने की हलचले तेज

अधिकारी करेंगे केरल मॉडल का अध्ययन

मुंबई /दि. 28– हाल ही में यह खबर सामने आई थी कि, राज्य सरकार द्वारा महाराष्ट्र राज्य लॉटरी को बंद किया जा सकता है. जिसके बाद राज्य के हजारों लॉटरी विक्रेताओं ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ अपना विरोध दर्शाया. जिसके चलते अब इस लॉटरी को बंद करने के प्रस्ताव पर वित्त विभाग द्वारा पुनर्विचार किया जाएगा. इस आशय की जानकारी देते हुए वित्त राज्यमंत्री आशीष जयस्वाल ने बताया कि, महाराष्ट्र राज्य लॉटरी को शुरु रखने हेतु क्या किया जा सकता है, इसे लेकर राज्य के वित्त मंत्रालय द्वारा विचार विमर्श किया जा रहा है.

* बिक्रेताओं को अजित पवार ने दिया आश्वासन
लॉटरी बिक्रेता संगठन के पदाधिकारियों ने उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजित पवार से मुलाकात करते हुए महाराष्ट्र राज्य लॉटरी को बंद नहीं करने की मांग उठाई. जिसके बाद डेप्युटी सीएम अजित पवार ने लॉटरी बिक्रेताओं को अगले सप्ताह दुबारा चर्चा हेतु बुलाने का आश्वासन दिया. इसी दौरान यह संभावना भी सामने आई है कि, केरल जैसे राज्य में राज्य लॉटरी किस तरह अच्छी पद्धति से चलाई जा रही है इसका अध्ययन करने हेतु वित्त विभाग के कुछ अधिकारियों को भेजा जा सकता है.

* गोयल की मांग रही मुख्य वजह
भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने जून 2019 में राज्यसभा में बोलते हुए लॉटरी पर देशभर में बंदी लाने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने सभी राज्य सरकारों को इससे संबंधित निवेदन भी भेजा था. 3 जुलाई 2024 को पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल की ओर से जारी इस निवेदन पर महाराष्ट्र सरकार ने 6 सितंबर को मंत्रालय में बैठक ली थी. जिसके बाद से ही महाराष्ट्र राज्य लॉटरी को बंद करने की चर्चाएं शुरु हुई.

* पांच वर्ष के दौरान लॉटरी का फायदा-नुकसान (आंकडे करोड में)
वित्तिय वर्ष                   बिक्री से आय             कुल खर्च            फायदा/नुकसान
2018-19                       69.51                     67.94                  1.57
2019-20                       82.13                     73.58                   8.55
2020-21                      25.24                      39.48                  -14.24
2021-22                      32.51                      45.52                  – 13
2022-23                      48.66                      51.01                  – 2.34
2023-24                       44.52                      48.48                 – 3.96

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