सांसद रक्तदान अभियान की शानदार शुरुआत, पहले ही दिन 50 यूनिट से अधिक रक्तसंकलित
भाजपा जिलाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे की अनूठी संकल्पना पर अमल शुुरु
* डॉ. बोंडे की सुपुत्री मनाली बोंडे के जन्मदिन से अभियान का हुआ शुभारंभ
* शहर सहित जिले के अनेकों गणमान्यों की रही उपस्थिति, सभी ने उपक्रम की सराहना की
* दैनिक अमरावती मंडल व मातृभूमि की मीडिया पार्टनरशीप में चलेगा अभियान
अमरावती /दि.2– अमरावती शहर सहित जिले में गंभीर स्थिति वाले गंभीर स्थिति वाले मरीजों के इलाज हेतु रोजाना 40 से 50 यूनिट रक्त की जरुरत होती है. जिसकी एवज में रक्तदान शिविरों के जरिए संकलित होने वाले रक्त का प्रमाण काफी कम रहता है. जिसके चलते कई बार रक्त की किल्लत की वजह से मरीजों के इलाज में दिक्कतें पेश आती है. इस बात को ध्यान में रखते हुए एक सांसद के तौर पर अपनी जिम्मेदारी को समझकर मैंने अमरावती शहर सहित जिले में पूरे सालभर हर दिन रक्तदान शिविर आयोजित करने का संकल्प लिया है और इसकी शुरुआत आज मैंने अपनी बेटी के जन्मदिवस के अवसर पर साल के पहले दिन खुद अपने अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन करते हुए की है. इस हेतु शहर सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों से वास्ता रखने वाले गणमान्यों की उपस्थिति हमारे इस संकल्प का उत्साह बढा रही है और हमें पूरा विश्वास है कि, सांसद रक्तदान समिति के अंतर्गत पूरे सालभर चलाये जाने वाला यह रक्तदान अभियान अपने आप में एक कीर्तिमान रचेगा और इस जरिए सालभर के दौरान कम से कम 10 हजार यूनिट रक्त संकलित किया जाएगा. इस आशय का प्रतिपादन भारतीय जनता पार्टी के ग्रामीण जिलाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे द्वारा किया गया.
बता दें कि, भारतीय जनता पार्टी के ग्रामीण जिलाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे द्वारा जिले में कई बार उत्पन्न होने वाली रक्त की किल्लत और इस वजह से गंभीर स्थिति में रहने वाले मरीजों के इलाज में होने वाली दिक्कत को ध्यान में रखते हुए नये साल के लिए एक बेहद अनूठा संकल्प लिया गया है. जिसके तहत सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने नये साल में पूरे 365 दिन शहर सहित जिले में अलग-अलग स्थानों पर रक्तदान शिविरों का आयोजन करते हुए हर शिविर के जरिए रोजाना 25 से 30 यूनिट रक्त संकलित करने का संकल्प लिया है, इस अनूठे अभियान का शुभारंभ सांसद डॉ. अनिल बोंडे द्वारा आज 1 जनवरी को अपनी सुपुत्री मनाली बोंडे के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में रक्तदान शिविर का आयोजन करते हुए किया गया. जिसके तहत आज 1 जनवरी को सुबह राजापेठ के दंडे प्लॉट स्थित बोंडे हॉस्पिटल में रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ. विशेष उल्लेखनीय है कि, इस मानवतापूर्ण कार्य में पश्चिम विदर्भ क्षेत्र के अग्रणी हिंदी दैनिक अमरावती मंडल तथा विदर्भ क्षेत्र के सबसे पूराने मराठी दैनिक मातृभूमि द्वारा पूरे सालभर चलने वाले रक्तदान शिविरों में जनसहभागिता बढाने एवं रक्तदान को लेकर जनजागृति करने हेतु मीडिया पार्टनर की भूमिका निभाई जा रही है.
पूरे सालभर चलने वाले इस रक्तदान अभियान के शुभारंभ अवसर पर आयोजित प्रथम रक्तदान शिविर के उद्घाटन समारोह में सांसद डॉ. अनिल बोंडे, उनकी सुविद्य पत्नी डॉ. वसुधा बोंडे, सुपुत्री मनाली बोंडे व बहन संगीता शिंदे के साथ ही दैनिक अमरावती मंडल के प्रबंध संचालक राजेश अग्रवाल, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. दिलीप सौंदले, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेश आसोले, प्रा. डॉ. काठोले, वरिष्ठ विधिज्ञ एड. प्रशांत देशपांडे, डॉ. दिनेश वाघाडे, डॉ. अभिजीत देशमुख, डॉ. स्वप्निल शिरभाते व मंगेश खोंड सहित मनाली बोंडे के जन्मदिवस उपलक्ष्य में विशेष तौर पर विदेश से भारत आयी सुश्री कैरन चेक बतौर प्रमुख अतिथि उपस्थित थी. इसके साथ ही इस कार्यक्रम में शहर सहित जिले के करीब 300 गणमान्यों की उपस्थिति रही. जिन्होंने सर्वसामान्य मरीजों के हितों को देखते हुए सांसद डॉ. बोंडे व उनके परिवार द्वारा लिये गये संकल्प एवं शुरु की गई पहल की सराहना की.
इस समय अपने संबोधन में अपनी संकल्पना को विशद करते हुए सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि, वे अक्सर ही गंभीर स्थिति में रहने वाले किसी किसी मरीज हेतु रक्त उपलब्ध करवाने के लिए ब्लड बैंक में फोन करते है. एक बार ब्लड बैंक के एक कर्मचारी ने ब्लड बैंक में रहने वाली रक्त की किल्लत की समस्या बताते हुए केवल इतना कहा था कि, डॉक्टर साहब आपकी ओर से तो कभी कोई रक्तदान शिविर का आयोजन ही नहीं होता और ब्लड बैंक को आपके जरिए एक यूनिट रक्त भी नहीं मिलता. यह बात उनके मन में घर कर गई और उन्होंने ब्लड बैंक को अपनी ओर से हर संभव सहायता देने का निश्च किया. यहीं से सांसद रक्तदान समिति का गठन करने और जिले में पूरे साल भर रक्तदान शिविरों का आयोजन करने की संकल्पना सामने आयी. लेकिन यह काम इतना आसान नहीं था. ऐसे में उन्होंने अपने परम मित्र रहने वाले दैनिक अमरावती मंडल के प्रबंध संपादक अनिल अग्रवाल व प्रबंध संचालक राजेश अग्रवाल सहित अपने कुछ बेहद नजदीकी लोगों से इस बारे में बातचीत की, तो सभी ने उनका हौसला बढाते हुए इस अभियान को आगे लेकर चलने और इस अभियान में अपनी ओर से हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की बात कही. जिससे उनकी हिम्मत बढी और उन्होंने बाकायदा सांसद रक्तदान समिति का गठन करते हुए पूरे सालभर जिले में रक्तदान शिविर आयोजित करने का अभियान घोषित किया. इसके साथ ही सांसद बोंडे ने यह भी कहा कि, इस अभियान के घोषित होते ही शहर सहित जिले से कई लोगों द्वारा स्वयंस्फूर्त तौर पर संपर्क करते हुए अलग-अलग माह में अलग-अलग तारीखों पर अपने यहां रक्तदान शिविर आयोजित करने को लेकर प्रतिसाद दिया जा रहा है. यह अपने आप में बेहद खुशी की बात है और उन्हें पूरा विश्वास है कि, जारी वर्ष में सांसद रक्तदान समिति के जरिए जिला सरकारी अस्पताल की ब्लड बैंक को कम से कम 10 हजार यूनिट रक्त उपलब्ध होगा.
वहीं सांसद रक्तदान अभियान के शुभारंभ अवसर पर बोंडे हॉस्पिटल में खुद बोंडे परिवार की ओर से आयोजित प्रथम रक्तदान शिविर में दोपहर बाद तक 50 से अधिक रक्तदाताओं द्वारा स्वयस्फूर्त रुप से रक्तदान किया जा चुका था तथा जिला सामान्य अस्पताल की ब्लड बैंक के रक्त संकलन व रक्त संक्रमन अधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मचारी बडी जिम्मेदारी के साथ रक्तदाताओं के रक्त को संकलित करने का कार्य कर रहे थे.
बता दें कि, अमरावती जिले को रक्तदान का विशेष वरदान प्राप्त है तथा रक्तदान आंदोलन में समाज के सभी घटकों के नागरिक बढ-चढकर हिस्सा लेते है. इसके बावजूद गर्मी के मौसम सहित पर्व एवं त्यौहारों के समय रक्त की काफी किल्लत महसूस होती है. क्योंकि गर्मी के मौसम सहित पर्व एवं त्यौहारों के समय रक्तदान शिविरों का आयोजन काफी कम होता है. जिसकी वजह से गंभीर बीमारियों से पीडित मरीजों व गर्भवती महिलाओं सहित सडक हादसों का शिकार होने वाले लोगों की शल्यक्रिया के समय रक्त की किल्लत रहने के चलते अच्छी खासी दिक्कतों का सामना करना पडता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए पेशे से निष्णांत चिकित्सक रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के ग्रामीण जिलाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोेंडे ने आगामी नववर्ष में लगातार 365 दिन रक्तदान अभियान चलाने का संकल्प व्यक्त किया है. जिसके तहत पूरे सालभर रोजाना कम से कम 25 यूनिट रक्त संकलित करते हुए रक्त के इस स्टॉक को जिला सामान्य अस्पताल की ब्लड बैंक में जमा कराया जाएगा, ताकि सालभर के दौरान कभी भी रक्त की किल्लत महसूस न हो और पूरे सालभर रक्त उपलब्ध करते हुए जिला सामान्य अस्पताल में इलाज व शल्यक्रिया हेतु भर्ती होने वाले सर्वसामान्य मरीजों की जान बचाने में सहायता हो सके. चूंकि 1 जनवरी को सांसद डॉ. अनिल बोंडे की सुपुत्री मनाली बोंडे का जन्मदिवस पडता है. जिसका औचित्य साधते हुए 1 जनवरी को बोंडे हॉस्पिटल के पास सालभर चलने वाले रक्तदान महायज्ञ के तहत पहले रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. इसके उपरान्त अब कल से पूरे सालभर रोजाना शहर सहित जिले में अलग-अलग स्थानों पर रक्तदान शिविर आयोजित किये जाएंगे. साथ ही साथ रक्तदान शिविर आयोजित करने वालों एवं रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं का सांसद डॉ. अनिल बोंडे व उनके सहयोगी द्वारा रोजाना सत्कार भी किया जाएगा.
* रक्तदान हेतु इनसे करें संपर्क
सांसद रक्तदान अभियान के तहत दैनिक अमरावती मंडल व दैनिक मातृभूमि की मीडिया पार्टनरशीप में नये साल के पहले दिन से शुरु हुए रक्तदान महायज्ञ हेतु डॉ. वसुधा बोंडे की अध्यक्षता में रक्त संकलन समिति का गठन किया गया है. जिसमें नितिन गुडधे (7745060641), मंगेश खोंडे (9823062444), डॉ. महेंद्र राउत (9604945562), नितिन गुर्जर (9975131016), मुरली माकोडे (9860943536), राहुल जाधव (9657475076), कन्हैया मित्तल (7770070070), प्रीति तट्टे (9773913749), वैदेही उपासने (9175297809), मोहन जाजोदिया (8830822842) का समावेश किया गया है. रक्तदान शिविर आयोजित करने हेतु इन सभी समिति सदस्यों से संपर्क किया जा सकता है.
* आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने भी मानवीय दृष्टिकोण के साथ समाधान
इस रक्तदान अभियान का शुभारंभ करने के साथ ही सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने शहर सहित जिले में लगातार बढ रही आवारा कुत्तों की संख्या एवं श्वान दंश के मामलों पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि, उन्होंने उनकी बेटी मनाली बोंडे की ओर से दिये गये सुझाव के अनुसार आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने एवं समस्या का समाधान खोजने हेतु मानवीय दृष्टिकोण के तहत उपाय योजना करने का निर्णय लिया है. जिसके तहत आवारा कुत्तों को एन्टी रैबिज के इंजेक्शन लगाने के साथ ही उनके निर्बिजीकरण का काम किया जाएगा और प्रत्येक आवारा कुत्तों के गले में विशिष्ट क्रमांक वाला पट्टा भी डाला जाएगा, ताकि सभी कुत्तों की पहचान हो सके और उनके द्वारा काटे जाने से लोगों को रैबिज की बिमारी न हो. साथ ही साथ निर्बिजीकरण के जरिए आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित भी किया जा सके.