अमरावती

पिछडावर्गीय छात्रावास के लिए सांसद बोंडे की पहल

जिला प्रशासन के साथ की बैठक

* जून माह में दिखेंगे परिणाम
अमरावती/दि.28 – ग्रामीण क्षेत्र से पढाई-लिखाई हेतु अमरावती शहर में आकर रहने वाले पिछडावर्गीय व वीजेएनटी छात्र-छात्राओं को छात्रावास के अभाव में काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पडता है. जिसके चलते राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने अपनी ओर से पहल करते हुए स्थानीय जिलाधीश कार्यालय में समाज कल्याण, शिक्षा व राजस्व सहित अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक लेते हुए जिले में पिछडा वर्गीय छात्र-छात्राओं हेतु छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए. जिसके परिणाम आगामी शैक्षणिक सत्र शुरु होते ही जून माह में दिखाई देंगे.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती जिला संभागीय मुख्यालय है और यहां पर पांचों जिलों के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से छात्र-छात्राएं पढाई-लिखाई करने हेतु आते है. इसमें से आदिवासी व एससी संवर्ग के विद्यार्थियों को समाज कल्याण व आदिवासी विभाग के छात्रावासों में प्रवेश मिल जाता है. परंतु अन्य पिछडावर्गीय व वीजेएनटी संवर्ग के विद्यार्थियों हेतु छात्रावास की कोई सुविधा नहीं रहने के चलते उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पडता है. इसके मद्देनजर राज्यसभा सांसद अनिल बोंडे ने ठोस कदम उठाते हुए अमरावती में अन्य पिछडा वर्गीय व वीजेएनटी छात्र-छात्राओं के लिए 100-100 की प्रवेश क्षमता रहने वाले छात्रावास उपलब्ध कराने के संदर्भ में सरकार से अनुमति प्राप्त की. जिसे लेकर कल गुरुवार 27 मार्च को जिलाधीश कार्यालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की समीक्षा बैठक बुलाई गई. जिसमेें सांसद अनिल बोंडे ने छात्रावास शुरु करने से संबंधित प्रक्रिया एक सप्ताह में पूर्ण करते हुए जून माह तक छात्रावासों में छात्र-छात्राओं को प्रवेश मिलने की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
इस बैठक में अप्पर जिलाधीश रामदास सिद्धभट्टी, निवासी उपजिलाधीश डॉ. विवेक घोडके, समाज कल्याण के प्रादेशिक उपायुक्त सुनिल वारे, सहायक आयुक्त माया केदार, विएमवि की संचालिका डॉ. अंजलि देशमुख सहित विविध विभागों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे.

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