सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा में उठाई आदिवासी व भोई समाज की मांगे
महाराष्ट्र में बनेंगे सर्वाधिक बायोफ्लैक्स कल्चर यूनिट
अमरावती /दि.07– जिले की सांसद नवनीत राणा ने आज लोकसभा आदिवासी व भोई समाज से संबंधित मुद्दों को उठाते हुए केंद्र सरकार से जानना चाहा कि, इन दोनों वंचित समाजों के लिए केंद्र सरकार द्वारा कौन-कौनसी योजनाओं को चलाया जा रहा है. साथ ही सांसद नवनीत राणा आज मच्छीमार संस्थाओं को उनका अधिकार दिलाने में सफल रही. जब यह जानकारी सामने आयी कि, सांसद नवनीत राणा द्वारा किये जाते प्रयासों के चलते महाराष्ट्र में सर्वाधिक बायोफ्लैक्स कल्चर यूनिट बनाये जा रहे है. साथ ही केंद्र सरकार द्वारा आदिवासी एवं भोई समाज के कल्याण हेतु चलाई जा रही योजनाओं के लिए करोडों रुपयों की निधि मंजूर की गई है. साथ ही साथ किसान क्रेडिट कार्ड की तरह मच्छीमारी करने वाले भोई एवं आदिवासी समाजबंधुओं को भी क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है.
सांसद नवनीत राणा ने आदिवासी व भोई समाज के कल्याण हेतु चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए मंगलवार को लोकसभा में प्रश्न उपस्थित किया तथा उनके सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय मत्स्यपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने सबसे पहले केंद्र सरकार द्वारा आदिवासियों व भोई समाज सहित सभी एससी व एसटी के लिए शुरु की गई योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि, आदिवासियों के उत्थान हेतु शुरु की गई योजनाएं सभी एससी व एसटी समाजबंधुओं के लिए समाज रुप से लागू है. प्रत्येक योजना में 80 प्रतिशत की सबसीडी दी जाती है. जो अगली सरकार में भी जारी रहेगी. साथ ही इस समय यह भी बताया गया कि, आजादी के बाद से सन 2014 तक प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 3 हजार 681 करोड रुपए खर्च किए गये थे. वहीं पीएम मोदी ने देश के पहली बार मत्स्य पालन व्यवसाय हेतु अलग मंत्रालय की स्थापना की और इस मंत्रालय ने अब तक कुल 38 हजार 572 करोड रुपए का आवंटन किया. यह आजादी के बाद से वर्ष 2014 तक के मुकाबले 10 गुणा अधिक रकम है. इसके अलावा प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के तहत वर्ष 2021 से अब तक 1108 करोड रुपए मंजूर किये जा चुके है और इस योजना के तहत महाराष्ट्र 142 करोड रुपए का काम पूरा हो चुका है. जिसके तहत 272 हेक्टेअर क्षेत्र में आर्टीफिशियल पौन मंजूर किये गये. जिन पर 19 करोड रुपए खर्च किये गये. 27 नये मत्स्य पालन केंद्रों को मंजूरी दी गई. एससी सेक्टर में आदिवासी भी मत्स्य पालन का लाभ ले सकते है और आदिवासियों को मछली पालन में 60 फीसद सबसीडी मिल सकती है. साथ ही नई तकनीक के जरिए 495 एक्वा कल्चर सिस्टिम को लागू किया जा रहा है.
इस समय केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने यह भी बताया कि, बायोफ्लॉक की 88 ईकाईयों के लिए 44 करोड रुपए स्वीकृत किये गये है. महाराष्ट्र में मत्स्य पालन (केज कल्चर) के तहत 354 करोड की 13,161 इकाइयों को मंजूरी दी गई है. पूरे देश में बायोफ्लॉक कल्चर पर सबसे ज्यादा प्रयोग महाराष्ट्र में हो रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना से अब किसान क्रेडिट कार्ड की तरह भाई और मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड दिया जा चुका है. ऐसी जानकारी भी मत्स्य पालन मंत्री रुपाला ने संसद में दी.