अमरावती

58 ऊंटों के जत्थे का सांसद नवनीत राणा ने लिया जायजा

कत्ल के लिए ले जाया जा रहे ऊंटों को दस्तुर नगर गोैरक्षण में रखा सुरक्षित

अमरावती/दि.12 – सैकडों किलोमीटर का सफर तय करते हुए एक-दो नहीं, बल्कि 58 ऊंटो की तस्करी चोरी-छिपे की जा रही थी. जिन्हें हैदराबाद के कत्तलखाने पहुंचाया जाना था, लेकिन मिली गोपनीय जानकारी व समयसूचकता के चलते धामणगांव के तलेगांव दशासर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की. जब्त किये गए ऊंटों को चिखलदरा ले जाया जा रहा है. मंगलवार शाम 6 बजे के दौरान 58 ऊंटों का जत्था पुलिस की सुरक्षा में अमरावती में दाखिल हुआ, जिन्हें फिलहाल दस्तुर नगर के गौरक्षण में रखा गया है.
जानकारी के मुताबिक, गुजरात के कछभुज से 58 ऊंटों को 1200 किमी. पैदल चलकर तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में कत्तलखाने ले जाया जा रहे थे. बीते शनिवार को धामणगांव पुलिस और एनिमल वेलफेयर संगठन की सतर्कता से इन 58 ऊंटों को जीवनदान दिया गया. जिसके बाद उन्हें धामणगांव से चिखलदरा ले जाने का फैसला लिया गया. धामणगांव से निकलकर मंगलवार की शाम 5 बजे वह 58 ऊंट अमरावती के दस्तुर नगर स्थित गौरक्षण में पहुंचे. जिन्हें सुरक्षित रखा गया है और यही से ऊंट चिखलदरा के लिए रवाना होंगे. इस दौरान सांसद नवनीत राणा व गौरक्षण के पदाधिकारी किशोर गोयनका ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया.

सांसद का भी व्यक्त किया आभार

भारतीय प्राणी मित्र संघ की मदद से उन ऊंटो की अवैध तस्करी को रोकते हुए सांसद नवनीत राणा ने उन्हें जीवनदान देने हेतु अथक प्रयास किये. जिसके लिए गौरक्षण संस्था के अध्यक्ष एड.आर.बी. अटल तथा किशोर गोयनका की ओर से सांसद नवनीत राणा का पुष्पगुच्छ देकर अभिनंदन किया गया. इस समय गौरक्षण के डॉ. प्रमोद वाघमारे, नंदू दिवे, अशोक सदार, संजय धुर्वे, मोरे आदि समेत अन्य उपस्थित थे.

अदालत के आदेश से राजस्थान भेजेंगे

भारतीय प्राणी मित्र संघ के सदस्य छगनलाल ने बताया कि, फिलहाल मामला अदालत में है. इस मामले में अदालत व्दारा जो फैसला लिया जाएगा उसके आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल गौरक्षण में जितने ऊंट है वह सभी नर है. इसमें एक भी मादा नहीं है. जिनकी उम्र 2 साल से लेकर 5 साल तक है.
एक ऊंट को एक दिन में कम से कम 40 किलो की खुराक तथा 40 से 50 लीटर पानी की आवश्कता होती है. ऊंट को अत्याधिक पानी की जरुरत नहीं होती, लेकिन चारे की हर दिन व्यवस्था करनी होती है. अदालत के आदेश प्राप्त होते ही एनजीओ तथा गौरक्षा की मदद से इन ऊंटों को राजस्थान के जालौर, सिरोही, बिकानेर में स्थित ऊंटो का शेल्टर हाउस में भेजा जाएगा.

तदवाली के पहले निकले थे

बता दें कि गुजरात के कछभुज से यह 58 ऊंट दीपावली के पहले निकले थे. जिन्हें हैदराबाद पहुंचना था. ऊंट को लेकर राजस्थान सरकार ने कई नियम लागू किये है. परंतु मौजूदा स्थिति में उन नियमों का पालन न होने से तस्करी को अंजाम दिया जाता है. ऊंट के साथ धरे गये चारों आरोपियों में जग्गा, प्रभू, विषम और वैरशयी का समावेश है. इस मामले में अदालत व्दारा अब क्या फैसला लिया जाता है इस पर सबकी निगाहें टिकी हुयी है.

जिम्मेदारी उठाने वालों को सौंपेंगे धरोहर

एनिमल वेलफेयर संगठन की सर्तकता के कारा धामणगांव में इन ऊंटो की तस्करी को रोकने में कामयाबी हासिल हुई. दो दिनों के अंतराल पश्चात यह सभी 58 ऊंट अमरावती लाये गये है. जिन्हें गौरक्षण की देखभाल में रखा गया है जो सस्था इन ऊंटों की देखभाल की जिम्मेदारी उठायेगी उसे इनकी देखभाल का जिम्मा सौंपा जाएगा. तब तक सभी 58 ऊंट गौरक्षण में रहेंगे.
– नवनीत राणा, सांसद

तलेगांव के पुलिस कर्मी सम्मानित

रविवार को धामणगांव रेल्वे में 58 ऊंटों को चार चरवाहों के साथ रोका गया. पुलिस व्दारा इन ऊंटों को धामणगांव से अमरावती लाया गया. सोमवार को करीब 15 से 20 किमी की यात्रा कर यह ऊंट का काफिला सावंगी विठोबा पहुंचा. जहां से मंगलवार को यह ऊंट शाम 6 बजे के करीब अमरावती पहुंचे. धामणगांव से लेकर अमरावती तक इन ऊंटो को अमरावती पहुंचाने का जिम्मा अमरावती ग्रामीण पुलिस विभाग अंतर्गत तलेगांव दशासर थाने में सौंपा गया था. थाने के पुलिस अमलदार संतोष गायकवाडा तथा बंडू मेश्राम ने ऊंटों के साथ पैदल चलते हुए अमरावती तक का सफर तय किया. जिसके लिए सांसद नवनीत राणा तथा गौरक्षण संस्था की ओर से दोनो पुलिस कर्मियों का पुष्पगुच्छ देकर सत्कार किया गया.

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