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सांसद नवनीत राणा के जाति वैधता मामले की सुनवाई 23 फरवरी तक टली

अमरावती/दि.3– जिले की सांसद नवनीत राणा द्वारा अपने जाति वैधता प्रमाणपत्र को लेकर मुंबई हाईकोर्ट द्वारा दिये गये फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर अब अगली सुनवाई 23 फरवरी को होगी. क्योेंकि इस मामले में प्रतिवादी पक्ष यानी पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल की ओर से गत रोज ही कुछ नये दस्तावेज प्रस्तुत किये गये है. जिसका आधार लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई को आगे टालने का निर्णय लिया.
बता दें कि, जिले के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल ने अपने खिलाफ चुनाव लडकर सांसद निर्वाचित होनेवाली नवनीत राणा के जाति वैधता प्रमाणपत्र को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके तहत पूर्व सांसद अडसूल ने दावा किया था कि, नवनीत राणा ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र का सहारा लेकर अनुसूचित जाति हेतु आरक्षित अमरावती संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडा. पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल के दावे को सत्यापित करते हुए मुंबई हाईकोर्ट ने सांसद नवनीत राणा के जाति वैधता प्रमाणपत्र को खारिज कर दिया था तथा यह प्रमाणपत्र जाति वैधता जांच समिती के समक्ष जमा कराने का आदेश देते हुए आर्थिक जुर्माना भरने हेतु भी कहा था. किंतु सांसद नवनीत राणा ने अपने वकीलों के जरिये हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए वहां से इस फैसले पर स्थगनादेश प्राप्त किया था. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में सांसद नवनीत राणा की याचिका पर तारीख-दर-तारीख सुनवाई का दौर शुरू हुआ. हर बार यह लगता है, मानो इस तारीख पर इस मामले में अंतिम फैसला आ जायेगा, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह के चलते सुनवाई आगे टल जाती है. इसी के तहत गत रोज प्रतिवादी पक्ष यानी पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल की ओर से कुछ नये दस्तावेज अदालत के समक्ष पेश किये गये. जिसके बाद आज हुई सुनवाई के दौरान सांसद नवनीत राणा की ओर से पेश होते हुए एड. मुकूल रोहतगी ने कहा कि, इस मामले में अदालत द्वारा कोई जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए. क्योंकि वादी और प्रतिवादी के बीच कोई आपसी अदावत नहीं है. बल्कि वे राजनीतिक तौर पर एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी है. वहीं इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में प्रतिवादी पक्ष द्वारा इस बात को लेकर विशेष जोर दिया कि, जाति प्रमाणपत्र वैध है अथवा नहीं, इस बात से ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि, संबंधित व्यक्ति उस जाति के अंतर्गत आता है अथवा नहीं, जिस जाति के लिए अमरावती संसदीय सीट को आरक्षित रखा गया था. अत: सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाते समय इस बात को विशेष रूप से ध्यान में रखे.

* 23 को ही हो सकता है मामले का अंतिम फैसला
विधि क्षेत्र से जुडे सूत्रों के मुताबिक यह मामला विगत लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुनवाई हेतु विचाराधीन है और मामले की सुनवाई भी लगभग पूर्ण हो चुकी है. ऐसे में बहुत संभव है कि, आगामी 23 फरवरी को अगली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले का निपटारा करते हुए अपना फैसला भी सुना दिया जाये. ऐसे में अब एक बार फिर सभी की निगाहें सांसद नवनीत राणा के जाति वैधता प्रमाणपत्र एवं राजनीतिक भविष्य की ओर लग गई है.

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