पीएम नरेंद्र मोदी को मेलघाट में पधारने का सांसद राणा ने दिया निमंत्रण
टाइगर प्रोजेक्ट को विशेष निधि आवंटित करने का अनुरोध
अमरावती / दि. १६- जिले का मेलघाट टाइगर प्रोजेक्ट जावे १९७३-७४ में शुरु हुआ था, उसे वर्ष २०२४ में ५० वर्ष पूरे होंगे. यानि यह प्रोजेक्ट स्वर्ण जयंती मनाने की ओर अग्रसर है. केंद्र सरकार के माध्यम से इस प्रोजेक्ट को विशेष विकास निधि आवंटित और स्वीकृत कर इको टूरिजम के तहत कार्य शुरु करवाने हेतु संबंधित विभागीय मंत्री को निर्देश देने का अनुरोध सांसद नवनीत राणा ने प्रधानमंत्री से पत्र द्वारा किया है. साथही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेलघाट में पधारने के लिए आमंत्रित किया है. मेलघाट टाइगर प्रोजेक्ट के स्वर्ण महोत्सव का उद्घाटन प्रधानमंत्री के हाथों हो और उनके चरण मेलघाट की भूमि पर पडें़ इसके लिए सांसद नवनीत राणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव से नई दिल्ली में प्रत्यक्ष भेंट कर निमंत्रण दिया. सांसद राणा ने बताया कि, उनके संसदीय क्षेत्र अमरावती में स्थित मेलघाट एक आदिवासी दुर्गम और वन क्षेत्र है. इस क्षेत्र का मेलघाट टाइगर प्रोजेक्ट जो १९७३-७४ में शुरु हुआ था, उसे २०२४ में ५० साल पूरे हो रहे है. यह प्रोजेक्ट स्वर्ण जयंती मनाने की ओर अग्रसर है, किंतु बीते कई वर्षों में इस प्रोजेक्ट पर किसी भी सरकार ने ध्यान केंद्रीत नहीं किया और यह प्रोजेक्ट उपेक्षा का शिकार हो रहा है. तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी के बाद कोई भी प्रधानमंत्री मेलघाट में नहीं आया. मेलघाट की जनता को पीएम मोदी की कर्मठता, क्रियान्वयन क्षमता, निष्ठा और देश के हर हिस्से को विकास की मुख्य धारा से जोडने तथा सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास के बहुमुखी विजन से बहुत आशाएं है. इसलिए प्रधानमंत्री ने अपने व्यस्ततम समय में से कुछ समय निकाल कर एक बार मेलघाट पधारें जिससे यहां के हर तबके के लोगों का मनोबल, उनका सम्मान दोनों ही बढेगा, यह विश्वास सांसद राणा ने व्यक्त किया. मेलघाट में इको-टूरिजम शुरु होने पर वन्यप्रेमी व पर्यटक बड़ी संख्या में मेलघाट आएंगे और यहां के आदिवासियों को रोजगार उपलब्ध होगा. जिससे उन्हें रोजगार की तलाश में पलायन नहीं करना पडेगा. प्रधानमंत्री को मेलघाट में आने का निमंत्रण देने सांसद नवनीत राणा ने सकारात्मक कदम उठाने से मेलघाट वासियोंने उनका आभार माना है.
सभी बीमा प्रतिनिधियों को लाभ दिया जाए
भारतीय जीवन बीमा (एलआईसी) के देश के सभी बीमा प्रतिनिधियों को २६ दिसंबर २०१६ के राजपत्र के अनुसार केंद्र सरकार ने २०१७ के वित्त वर्ष सेे सभी लाभ देने की मांग सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा में रखी. एलआईसी में जो प्रतिनिधि सेवा देते है उन्हें उम्र के ६० साल पूरे करने के बाद अथवा १५ वर्ष सेवा देने के बाद ढलती उम्र में केवल ३० हजार रुपए निर्वाह भत्ता दिया जाता है. सभी बीमा प्रतिनिधि को फॉर्म नंबर १६ नुसार २० लाख रुपए भविष्यनिर्वाह निधि सहायता के तौर पर सरकार ने एलआईसी के देने की मांग सांसद राणा ने लोकसभा में की.