अमरावतीविदर्भ

चेंबर ऑफ कॉमर्स की डिमांड को सांसद राणा ने लोकसभा में उठाया

अमरावती/दि.२१ – जीएसटी आरसीएम प्रणाली केवल कपास पर ही लगाई जाती है. जिस तरह अन्य वस्तुओं पर माल की बिक्री करते समय जीएसटी वसूल करते समय भुगतान करना पडता है, लेकिन कपास पर रिवर्स चॉर्जेमके निजम अंतर्गत जीएसटी का भुगतान करना पडता है. इसलिए कपास व्यवसायिकों पर मोटा निवेश बेवजह अटका रहता है. जिसके परिणाम स्वरुप व्यापारियों की क्रय शक्ति घटती हैं. यह बात अमरावती चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विनोद कलंत्री ने सीए आर.खंडेलवाल व एड.जगदीश शर्मा के साथ केंद्रीय वित्त समिति सदस्य व सांसद नवनीत राणा के ध्यान में लाकर दी और निवेदन दिया.
निवेदन में यह मांग उठाई कि जीएसटी धारक कंपोजिशन में आते है. जिनका कारोबार डेढ करोड से कम है उनको विलंब शुल्क १० हजार रुपए लगता है और अन्य टैक्सदाताओं को लेट फी ५०० लगती है. यह असमानता छोटे व्यापारियों के लिए अन्याय कारक है. सांसद नवनीत राणा ने दोनों मुद्दों को गंभीरता से लेकर निराकरण करने के प्रयास करने का आश्वासन दिया था. संसद के मानसून सत्र में सांसद नवनीत राणा ने कपास व्यापारियों का पक्ष सभागृह में रखा. उनके इस प्रयासों से निश्चित तौर पर सफलता मिलने की आशाएं बढ गई है. सांसद नवनीत राणा व्दारा लोकसभा में व्यापारियों की समस्या को उठाने पर चेंबर के अध्यक्ष विनोद कलंत्री ने आभार माना है.

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