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32 भूखंडों के आरक्षण गैरकानूनी रूप से बदलने पर सांसद वानखडे उखडे

नगर विकास मंत्रालय की जांच बैठेगी, मामला पकडेगा तूल

* पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख, विलास इंगोले, मिलिंद चिमोटे और बबलू शेखावत ने मनपा अधिकारियों पर उठाए सवाल
* नगर विकास विभाग के सहायक संचालक वाघाडे की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
अमरावती/दि.27 – अमरावती मनपा क्षेत्र के 32 आरक्षित भूखंडों का रिजर्वेशन बदलने के कारण पर से आज कांग्रेस नेताओं की मनपा में हुई समीक्षा बैठक में नगर विकास विभाग के सहायक संचालक घनश्याम वाघाडे को सांसद बलवंत वानखडे और पूर्व मंत्री सुनील देशमुख ने काफी आडे हाथों लेते हुए उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और भूखंडों के आरक्षण बदलने के मामले में करोडों का भ्रष्टाचार होने का आरोप करते हुए इस प्रकरण की नगर विकास मंत्रालय की तरफ से जांच करवाने की हिदायत दी. साथ ही कांंग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर विलास इंगोले व मिलिंद चिमोटे ने भी सहायक संचालक को आडे हाथों लिया.
इस समीक्षा बैठक में कांग्रेस नेताओं ने मनपा के नगररचना विभाग के सहायक संचालक घनश्याम वाघाडे को आडे हाथों लेते हुए प्रशासक राज में तत्कालीन आयुक्त के जरिए शहर के आरक्षित 32 भूखंडों का आरक्षण बदलने का आरोप लगाया और कहा कि यह 32 भूखंड कोई ग्रीन झोन में तो कोई बाजार के लिए आरक्षित रखे गये थे. लेकिन नगररचना विभाग के सहायक संचालक ने मौजा महाजनपुरा के प्लॉट नंबर 72 के 1. 75 हेक्टेयर जमीन जो बाजार के लिए आरक्षित थी वह निवासी आरक्षण में बदल दी. इसी तरह पेठ अमरावती, मौजा बडनेरा, मौजा रहाटगांव सहित शहर के 32 आरक्षण बदलने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया. जबकि इन भूखंडों का आरक्षण प्रस्ताव मनपा की तत्कालीन आमसभा ने पारित किए थे. सवालों की भरमार करने पर वाघाडे ने कहा कि 32 में से 22 प्रस्तावों को शासन ने मंजूरी दी है और इसे शहर के बिल्डरों को दिए गये है. उनमें सुभाष तलडा, सूरज तलडा, सचिन झंवर, वरूण मालू, दीपक लोखंडे, श्याम चौधरी, विवेक पाटिल आदि का समावेश है. 6 से 7 नाम की जानकारी बैठक में देने पर डॉ. सुनील देशमुख ने वाघाडे को चुप करवा दिया और कहा कि इन नामों से ही इस प्रकरण में कितनी अनियमितता हुई होगी. यह स्पष्ट होता है. शहराध्यक्ष बबलू शेखावत सहित सभी कांग्रेस नेताओं ने भी कहा कि भूखंडों के आरक्षण बदलने में करोडों रूपए का भ्रष्टाचार हुआ है. इस कारण इस मामले की जांच होनी चाहिए. प्रशासक राज में तत्कालीन आयुक्त ने अनेक अनियमितता बरती है. आगे से इस तरह के कोई भी प्रस्ताव न भेजे जाए इस बाबत सावधानी बरतनी चाहिए. इस प्रकरण में दोषियों पर कार्रवाई होना आवश्यक है. ऐसा कहने पर डॉ. सुनील देशमुख ने कहा कि आगामी दो माह में निश्चित रूप से नगर विकास मंत्रालय की जांच निश्चित रूप से इस प्रकरण में बैठेगी. सांसद बलवंत वानखडे, मनपा के नगर विकास विभाग की कार्यप्रणाली को देखकर काफी उखडे और उन्होंने बैठक में ही सभी अधिकारी और कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के सामने सहायक संचालक घनश्याम वाघाडे को काफी फटकार लगाई.

* नगर विकास मंत्रालय की जांच बैठेगी
पूर्व मंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने भूखंडों का आरक्षण मनमाने तरीके से बदलने पर आक्रामक होते हुए सहायक संचालक घनश्याम वाघाडे को कहा कि इसके पूर्व भी इस विभाग के अधिकारी जेल गये हुए है. कुछ चुनिंदा लोगों के लिए इस विभाग ने ऐसा काम किया है. शहर के जो ग्रीन झोन थे, जिसे पर्यावरण की दृष्टि से आरक्षित रखा गया था. उसी को मनमाने तरीके से बदल दिया गया है. इस कारण ऐसे अनियमितता की नगरविकास मंत्रालय की तरफ से आगामी 2-3 माह में जांच होगी और संबंधितों पर निश्चित रूप से कार्रवाई होगी. उन्होंने वाघाडे की कार्यप्रणाली पर अनेक सवाल उठाए और मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे से इस विभाग की जांच करने की सूचना दी. तब सचिन कलंत्रे ने इसे गंभीरता से लेते हुए अब कोई भी इस तरह के प्रस्ताव न भेजने और प्रकरण की जांच करने का आश्वासन दिया.

* ऐसा करते शर्म नहीं आयी – बलवंत वानखडे
नगररचना विभाग के सहायक संचालक घनश्याम वाघाडे पर एक के बाद एक अनेक आरोप किए गये और आरक्षित भूखंडों को बदलने के मामले पर सांसद बलवंत वानखडे ने वाघाडे को आडे हाथों लेेते हुए कहा कि वे अमरावती शहर के रहने बावजूद बेईमानी करने की उनकी हिम्मत कैसे हुई. यह करते समय उन्हें शर्म नहीं आयी. जो भूखंड आगामी भविष्य के लिए और नागरिकों के स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए आरक्षित रखे गये थे, वह आरक्षण ही बदल दिया. ऐसी करतूत कर सबकुछ बरबाद कर दिया. उन्होंने आगे ऐसे कोई प्रस्ताव न जाने और प्रकरण की जांच कर कार्रवाई करने की सूचना निगमायुक्त कलंत्रे को दी.

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