सुश्री रामप्रियादेवी ने श्री चिंतामणी विनायक गणेश का किया पुजन
31 से प्रारंभ हो रहे श्री गणेश महायज्ञ को दी शुभकामनाएं
अमरावती/दि.27– शहर की लोकप्रिय भागवताचार्य सुश्री रामप्रियादेवी ने भातकुली डीपी रोड पर व्यास ले-आउट में जाकर श्री चिंतामणी विनायक गणेश के दर्शन लिये. साथ ही श्री चिंतामणी विनायक गणेश का विधिवत आरती व पूजन किया. कौंडण्यपुर स्थित श्री रूक्मिणी विदर्भ पीठ के पीठाधीश्वर जगदगुरू रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामराजेश्वराचार्यजी समर्थ माऊली सरकार की प्रेरणा से इसी स्थान पर भव्य दिव्य मंदिर के निर्माण हेतु आगामी 31 अगस्त से 9 सितंबर तक श्री गणेश महायज्ञ का आयोजन किया गया है, यह जानकारी प्राप्त होने पर प्रसन्नता जताते हुए भागवताचार्य सुश्री रामप्रिया देवीजी ने यहां पर चल रहे यज्ञशाला एवं सभा मंडप के निर्माण कार्य का अवलोकन किया और इस महायज्ञ के आयोजन को अपनी शुभकामनाएं देते हुए शहर के सभी धर्मशील नागरिकों से इस आयोजन में हिस्सा लेने का अनुरागपूर्ण निवेदन भी किया. इस समय चिंतामणी गणेश मंदिर ट्रस्ट एवम श्री गणेशोत्सव तथा महायज्ञ आयोजन समीती की ओर से सुश्री रामप्रियादेवीजी का धनश्री पेठकर ने आदरपूर्वक स्वागत किया. इस अवसर पर व्यास लेआउट परिसर के निवासी बडी संख्या में उपस्थित थे.
* धार्मिक विधि-विधान के साथ दस दिन चलेगा महायज्ञ
बता दें कि, स्थानीय व्यास लेआऊट (चिंतामणी नगर) में श्री चिंतामणी विनायक गणेश मंदिर ट्रस्ट द्वारा श्री चिंतामणी विनायक गणेश मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करने के लिये प्रस्तावित मंदिर प्रांगण में आगामी 31 अगस्त से गणेश चतुर्थी के पर्व उपलक्ष्य में श्री गणेश महायज्ञ का दस दिवसीय भव्य दिव्य आयोजन किया जा रहा है. कौंडण्यपुर स्थित श्री रूक्मिणी विदर्भ पीठ के पीठाधिश्वर अनंतश्री विभूषित जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामराजेश्वराचार्यजी (समर्थ माऊली सरकार) की प्रेरणा से आयोजीत होने जा रहे इस धार्मिक कार्यक्रम में स्वयं जगदगुरू समर्थ माऊली सरकार के हाथों 31 अगस्त को श्री महागणेशजी की स्थापना करते हुए दस दिवसीय अनुष्ठान का प्रारंभ किया जायेगा. इस आयोजन के तहत बुधवार 31 अगस्त को सुबह 8.15 से 12.30 बजे तक प्रायश्चित कर्म, जलकलश यात्रा, मंडप प्रवेश, मंडपांग देवता, कलश स्थापना व श्री महागणेशजी की स्थापना होगी. जिसके उपरांत दोपहर 2.30 से 6.30 बजे तक अग्नि स्थापना व होम-हवन प्रारंभ करते हुए जगतगुरू माउली सरकार द्वारा आशिर्वचन दिये जायेंगे. गुरूवार 1 सितंबर से शुक्रवार 9 सितंबर तक रोजाना सुबह 8.15 से 12.30 बजे तक वेद पारायण, स्थापित देवताओं का पूजन, होम-हवन, श्री गणेशजी सहस्त्रवाचन, हवन एवं स्वामीजी के आशिर्वचन के साथ ही आरती होगी. इस दौरान शनिवार 3 सितंबर को ज्येष्ठा गौरी पूजन, रविवार 4 सितंबर को ज्येष्ठा गौरी आवाहन, सोमवार 5 सितंबर ज्येष्ठा गौरी विसर्जन, मंगलवार 6 सितंबर को रक्तदान शिबिर, बुधवार 7 सितंबर को संत दर्शन समारोह, गुरूवार 8 सितंबर को वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन भी किया जायेगा. वहीं शुक्रवार 9 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के पर्व पर श्री गणेश महायज्ञ की पूर्णाहूति करने के साथ ही अपरान्ह 2 बजे से महाप्रसाद का वितरण किया जायेगा.
* आयोजन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में
इन सभी आयोजनोें के मुख्य यजमान अंकुश किशोर गोयनका है. साथ ही इस आयोजन को सफल बनाने हेतु आयोजन समिती का भी गठन किया गया है. जिसके संरक्षक पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता, अध्यक्ष पूर्व महापौर विलास इंगोले को नियुक्त किये गये हैं. साथ ही स्थानीय गांधी चौक स्थित घोरी काम्प्लेक्स में आयोजन समिती का कार्यालय शुरू किया गया है. जहां पर इस महायज्ञ में शामिल होने के ईच्छुकों द्वारा संपर्क किया जा सकता है. जिन्हें आगामी 31 अगस्त से 9 सितंबर तक आयोजीत इस महायज्ञ में यजमान पद के साथ ही सहयोगी बनने का अवसर उपलब्ध होगा. इस आयोजन की सफलता के लिए आयोजन समिती के कार्याध्यक्ष विजय झटाले सहित सर्वश्री किशोर गोयनका, विजय खंडेलवाल, नितीन चांडक, आनंद पारा, नितीन कदम, निखिल देशमुख, अप्पासाहेब देशमुख, मुकेश पवार, संतोष जवारकर, संतोष परांजपे, समीर पाटील, सिद्धनाथ कश्यप, उमेश जव्हेरी, पायल बराबदे, अरुण बराबदे, विजय हाते, भूषण देशमुख, पिंटू अवघड़, शुभांगी हाते, सुरशराव देशमुख, अनूप सिकची के साथ ही आयोजन समिती के सभी सदस्य महत प्रयास कर रहे है.
बॉक्स, फोटो अक्षय ला रहे है
* व्यास लेआउट में आकार ले रहा गणेश महायज्ञ का भव्य पंडाल
इस महायज्ञ के लिए व्यास ले-आउट स्थित श्री चिंतामणी विनायक गणेश मंदिर के समक्ष अलग-अलग आकारवाले चार पंडाल बनाये जा रहे है. जिसमें से 40 हजार वर्ग फीट के क्षेत्रफल में बनाये जा रहे मुख्य पंडाल में व्यासपीठ एवं यज्ञ शाला का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही इस पंडाल में एक ही समय करीब साढे चार हजार भाविक श्रध्दालुओं के बैठने की व्यवस्था रहेगी. वही इसके बगल में स्थित दूसरे पंडाल में करीब ढाई हजार श्रध्दालु बैठकर यहां चलनेवाले धार्मिक आयोजनों का आनंद ले सकेंगे. इसके अलावा तीसरे पंडाल में दैनिक यजमानों व उनके परिजनों के रहने की व्यवस्था रहेगी. इस महायज्ञ में रोजाना करीब 10-10 यजमानों द्वारा अपने परिवार सहित हिस्सा लिया जायेगा, जो सुबह 8.30 से दोपहर 12.30 बजे तक तथा दोपहर 2.30 से शाम 6.30 बजे तक दो चरणों के दौरान इस महायज्ञ में हिस्सा लेंगे. साथ ही यही पर अपरान्ह 12.30 से 2.30 बजे के बीच उनके भोजन व विश्राम की व्यवस्था रहेगी. ऐसे में इस पंडाल में रोजाना 10-10 परिवारों के 22 से 25 सदस्यों के रहने व विश्राम करने की व्यवस्था रहेगी. साथ ही चौथे पंडाल में रसोई घर की व्यवस्था रहेगी. जहां पर शुध्द एवं सात्विक भोजन तैयार करते हुए आयोजन में शामिल होनेवाले संत महात्माओं व यजमानों को परोसा जायेगा. साथ ही आयोजन के अंतिम दिन इसी रसोई में महाप्रसाद भी बनाया जायेगा.
* 7 सितंबर को होगा संत समागम
इस आयोजन के तहत 7 सितंबर को संत समागम व संत दर्शन का आयोजन किया जा रहा है. जिसे पूरे आयोजन का सबसे मुख्य आकर्षण भी कहा जा सकता है. इस दिन इस कार्यक्रम के प्रेरणास्त्रोत अनंतश्री विभूषित जगतगुरू रामराजेश्वराचार्य स्वामी श्री रामराजेश्वराचार्यजी समर्थ माऊली सरकार के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों से पधारे संत-महात्माओं का आयोजन स्थल पर आगमन होगा और सभी संतगण एक ही व्यासपीठ पर उपलब्ध रहेंगे. ऐसे में शहर के धर्मप्रेमी भाविकों के लिए एक ही मंच पर देश के विभिन्न हिस्सों से पधारे संतोें के दर्शन करने का अवसर उपलब्ध रहेगा. साथ ही इस समय आयोजन में शामिल सभी संतों द्वारा उपस्थितों को अपने आशिर्वचन प्रदान किये जायेंगे.