सुश्री वैभवीश्री के मुखारविंद से शिवमहापुराण कथा का भक्त रहे लाभ
गणेश गायत्री मंदिर में महाकाल आरती ग्रुप का आयोजन
अमरावती /दि. १४– महाकाल आरती ग्रुप द्वारा गणेश कॉलोनी स्थित श्री गणेश गायत्री मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर ब्रह्मगड़ के प्रांगण में सुश्री वैभवीश्री जी के मुखारविंद से महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में १२ फरवरी से महाशिवपुराण का आयोजन किया है. जिसमें वे भक्तों को कथा रसपान करा रही है. कथा के दूसरे दिन उन्होंने बताया कि, जीवन में जो भी हो रहा है, अच्छा हो रहा है. अच्छे के लिए ही हो रहा है. क्योंकि भगवान शिव अपने भक्तों को कभी-कभी गिराते भी है, लेकिन उन्हें सदा के लिए गिरा नहीं रहने देते. ऊपर उठाकर उत्थान भी करते है. वैभवीश्री जी ने लिंगार्चन का विवेचन किया और शिव-सती प्रसंग सुनाया. कैसे नारद मुनि के श्राप से भगवान विष्णू को राम के रूप में धरती पर अवतरित होना पड़ा, वह कथा भी सुनाई. नारद मुनि मोह प्रसंग को विस्तार से विशद किया. संगीतमय कथा में पूर्व पार्षद लविना हर्षे, गणेश खारकर, विकास शेलके, और रमेश काटोले समेत परिसर की सैंकड़ों महिलाएं उपस्थित रहीं. आयोजक महाकाल आरती ग्रुप की ओर से गजानन महाराज प्रकट दिन के उपलक्ष्य में गजानन महाराज की विशेष झांकी भी प्रस्तुत की गई.
दैनंदिन घटनाओं का मर्म समझाया
सुश्री वैभवीश्री ने उदाहरण देते हुए दैनंदिन घटनाओं का मर्म समझाया. उन्होंने कथा विवेचन में किसी राजा का एक मंत्री था, हमेशा प्रभु अच्छा ही करते है, कहता था. एक दिन राजा के हाथ पर चोट लगी, मंत्री ने वही शब्द दोहराए.क्रोधित राजा ने उसे जेल में डाल दिया. राजा शिकार पर जंगल गया, वहां बली के लिए आदमखोरों ने पकड लिया. लेकिन उंगली में घाव देखकर छोडा कि, बलिभंग हो जाएगा. राजा दौड़ता हुआ वापस लौटा और मंत्री को छुड़ाया. उस समय भी मंत्री बोला प्रभु सब अच्छे के लिए करते है. राजा ने कारण पूछने पर बताया कि, रोज वह राजा के साथ शिकार पर जाता, आदमखोर राजा की उंगली पर घाव होने से बलिभंग के चलते उन्हें तो छोड़ देते लेकिन मंत्री को पकड़ लेते. ऐसे में चाकू के घाव ने राजा को बचाया और मंत्री कारागृह में होने से उसकी जान बच गई.इस प्रकार वैभवीश्री जी ने कहानी का उदाहरण देते हुए मर्म दैनंदिन घटनाओं का मर्म श्रद्धालुओं को समझाया.