अमरावती/दि.27 – इन दिनों कोरोना के बाद सर्वत्र म्यूकरमायकोसिस बीमारी का खतरा बढ गया है. (म्यूकरमायकोसिस)ब्लैक फंगस यह सड़े-गले फल, हवा में उड़ती धूल में भी मौजूद होता है, इसलिए घर के बाहर हमेशा मास्क जरूरी है. यदि रोगी की प्रतिकार शक्ति मजबूत हो तो ब्लैक फंगस के संक्रमण का संबंधित व्यक्ति पर कोई खास प्रभाव नहीं होता, लेकिन यदि इम्युनिटी कमजोर रही तो फिर यह मौका परस्त म्यूकर रोगी पर हावी होकर मरीज की जान को भी खतरा बढ जाता है. राज्य के स्वास्थ्य संरक्षण अधिकारी डॉ. प्रदीप आवटे ने यह जानकारी दी.
जिनकी शुगर 200 तक है, ऐसे व्यक्ति खुद को हायरिस्क में समझे. समय पर डॉक्टर की सलाह से उपचार कराए. ऐसा आह्वान राज्य के स्वास्थ्य सर्वेक्षण अधिकारी आवटे ने किया. सभी सरकारी अस्पताल तथा महात्मा फुले जन स्वास्थ्य योजना से अनुबंधित निजी अस्पतालों को सरकारी कोटे से एम्पोटेन्सीन के यह इंजेक्शन नि:शुल्क मुहैया कराने का प्रावधान भी स्वास्थ्य महकमे ने कर रखा है.
चेहरे पर सूजन, आंखों पर सूजन, डबल दिखाई देना, दांत का हिलना, नाक से पस या खून का बहना, कमजोरी महसूस होना, यह म्यूकर मायकोसिस के प्राथमिक लक्षण है. ब्लैक फंगर्स के इन्फेक्शन का खतरा उन रोगियों को अधिक है. जिनका शुगर हाई है, जिन्हे इलाज के तहत आईसीयू में रखना पड़ा हो, या जिन्हे ऑक्सीजन लगाने की जरूरत पडी हो. कोरोना के इलाज दौरान स्टेराइड या अन्य दवाओं के डोज ले चुके मरीजों को इससे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.