अमरावती/दि.24 – जिलाधीश शैलेश नवाल की अध्यक्षतावाले जिला आपदा प्राधिकरण ने जिले में म्युकर मायकोसिस नामक बीमारी की जरूरी जांच हेतु रियायती दरें तय की है. ऐसे में अब जांच दर की अधिकतम मर्यादा तय रहने से बीमारी का लक्षण एवं संदेह रहनेवाले मरीज निश्चित दरों पर अपनी जांच करवा सकेंगे. मरीजों की आर्थिक लूट न हो इस बात के मद्देनजर यह फैसला जिला प्रशासन द्वारा लिया गया है. उक्ताशय की जानकारी देते हुए जिलाधीश शैलेश नवाल ने कहा कि, निश्चित दरों से अधिक शुल्क लेनेवाले लोगों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कडी कार्रवाई की जायेगी.
उल्लेखीनय है कि, इस समय अमरावती जिले में म्युकर मायकोसिस के मरीजों की संख्या में अच्छीखासी वृध्दि हो रही है. जानलेवा साबित हो सकनेवाली इस बीमारी की जांच और इलाज काफी महंगे होते है. साथ ही इन दिनों इस बीमारी को लेकर लोगोें में काफी हद तक भय और संभ्रम का माहौल है. ऐसे में मरीजों की आर्थिक लूट न हो, इस बात के मद्देनजर जांच दरों को नियंत्रित करने का फैसला राज्य में सबसे पहले अमरावती जिलाधीश कार्यालय द्वारा लिया गया है. इस विषय को लेकर जिलाधीश शैलेश नवाल की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक हुई. जिसमें रेडिओलॉजी व ईएनटी विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया और आपसी चर्चा के बाद म्युकर मायकोसिस नामक बीमारी के निदान हेतु जांच की दरें तय की गई.
ज्ञात रहें कि, ब्लैक फंगस नामक इस बीमारी की जांच हेतु ‘एमआरआय विथ कॉन्ट्रास्ट’ जांच जरूरी है. साथ ही सिटीस्कैन विथ कॉन्ट्रास्ट की जांच जरूरत के मुताबिक की जाती है. इसके मुताबिक जांच की दर 7 हजार रूपये तय की गई है. इसके साथ ही स्पेसिफिकेशन ऑफ सिटी स्कैन विथ कॉन्ट्रास्ट जांच के लिए 5 हजार रूपये, स्पेसिफिकेशन ऑफ सिटी स्कैन विदाउट कॉन्ट्रास्ट जांच के लिए 3 हजार रूपये की राशि निश्चित की गई है. इस रकम में एमआरआय, सिटी स्कैन, सिटी फिल्म, पीपीई कीट, डिस्ट इन्फेक्टेड सैनिटाईजेशन दर एवं जीएसटी दर का समावेश रहेगा.
इस बैठक में जिलाधीश द्वारा कहा गया कि, यह आदेश लागू होने से पहले यदि किसी अस्पताल या रेडिओलॉजी सेंटर में इससे कम दरों पर जांच की जा रही है, तो उसे ही मूल दर माना जायेगा. जांच किस पध्दति से की गई है, इस बात का उल्लेख रिपोर्ट में दर्ज किया जाना आवश्यक रहेगा. साथ ही डॉक्टर के प्रिस्क्रीप्शन के बिना जांच नहीं करने का भी आदेश दिया गया है और चेतावनी दी गई है कि, यदि इस आदेश का उल्लंघन होता है, तो संबंधितों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जायेगी.
म्युकर मायकोसिस के अमरावती में 101 मरीज
मरीजों की संख्या में मात्र संभ्रम
कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना संसर्ग से अच्छे हुए कुछ मरीजों को म्युकर मायकोसिस इस बीमारी का सामना करना पड रहा है. पिछले दो से तीन महिने में शहर में म्युकर मायकोसिस के 101 मरीजों की नोंद हुई है. वहीं मृत मरीजों की संख्या के बारे में मात्र संभ्रम है. म्युकर मायकोसिस यह काली बुरशी की बीमारी के इससे पहले नाक, कान, गला व नेत्र तज्ञों के पास कुछ ही मरीजों की नोंद होती थी. किंतु कोरोना संसर्ग में सहव्याधी के बीमार रहनेवाले मरीजों में इस बीमारी के मरीज ज्यादा है. इर्विन अस्पताल में म्युकर मायकोसिस के मरीजों के लिए एक वॉर्ड तैयार किया गया है. इस वॉर्ड में 20 बेड है तथा 10 मरीजों पर इलाज शुरू है.