अमरावती

‘प्रोफाईल कीट’ से हो सकता है फोटो का मॉफिंग

तहसील की तीन महिलाओं के फोटो हो चुके मॉर्फ, अपराध दर्ज

  • सभी को सतर्क रहने की सख्त जरूरत

अमरावती/दि.5 – इन दिनों साईबर अपराधों में काफी इजाफा हो चुका है तथा फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉटसऍप तथा ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग मनोरंजन के साधन के तौर पर किया जाने लगा है. जिसके चलते साईबर अपराधियों को बडी आसानी से उनके शिकार मिल रहे है और इन दिनों महिलाओं व युवतियों के छायाचित्रों का मॉर्फिंग करने के मामले भी बढ रहे है. ऐसे ही कुछ मामले हाल ही में अमरावती तहसील में उजागर हुए है. जब तीन महिलाओं के फोटोज को मॉर्फ करते हुए सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया.
बता दें कि, मॉर्फिंग के जरिये साईबर अपराधियों द्वारा किसी भी व्यक्ति के मूल छायाचित्र को पूरी तरह से बदल दिया जाता है. इसके तहत महिलाओं अथवा युवतियों के छायाचित्र डाउनलोड करते हुए उन्हें अश्लिल तरीके से मॉर्फ किया जाता है. जिसे वेबसाईट पर रिपोस्ट अथवा अपलोड करते हुए फर्जी प्रोफाईल बनायी जाती है. ऐसा ही एक मामला अमरावती तहसील की तीन महिलाओं के साथ घटित हुआ. जिसकी जानकारी विगत 2 अक्तूबर को सामने आयी. ऐसे में युवतियों व महिलाओं को सोशल मीडिया पर अपना प्रोफाईल फोटो यानी डिपी रखते समय काफी सजग व सतर्क रहना जरूरी हो चला है. साथ ही उनके छायाचित्र का किसी के द्वारा गलत तरीके से कोई प्रयोग तो नहीं किया जा रहा, यह देखे जाने की भी जरूरत है.

साईबर अपराधियों के लिए हथियार है सोशल मीडिया

इन दिनों दैनिक जीवन में सोशल मीडिया का काफी अधिक प्रयोग होने लगा है और हर कोई फेसबुक, वॉटसऍप, ट्विटर व इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर है. जिसकी वजह से सोशल मीडिया अब एक तरह से साईबर अपराधियों के लिए खुला मैदान ही बन गया है, जहां पर बैंकिंग, वैवाहिक विज्ञापन तथा लॉटरी या इनाम के ई-मेल भेजते हुए साईबर अपराधियों द्वारा लोगों को अपनी जालसाजी का निशाना बनाया जा रहा है. साथ ही इन दिनों महिलाओं की बदनामी करने और इस जरिये उनके ब्लैकमेलिंग करने हेतु साईबर अपराधियों द्वारा फोटो मॉर्फिंग का सहारा लिया जा रहा है. जिससे समय रहते सजग व सतर्क रहने की जरूरत है.

दंडनीय अपराध है फोटो मॉर्फिंग

फोटो मॉर्फिंग यानी मूल छायाचित्र में संबंधित व्यक्ति के अनुमति के बिना गैरकानूनी तरीके से बदलाव करना होता है. इसके साथ ही महिलाओं व युवतियों के छायाचित्र को डाउनलोड करने के बाद उसका मॉर्फिंग करते हुए उसे किसी अन्य वेबसाईट पर फर्जी नाम से दुबारा पोस्ट करना आयटी एक्ट 2000 के अंतर्गत अपराध है. साथ ही इसमें भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत भी आरोपी को गिरफ्तार किया जा सकता है. ऐसे मामलों में भादंवि की धारा 354 व 354 (ड) तथा सूचना तकनीक अधिनियम की धारा 67 (ड) के तहत अपराध दर्ज किया जाता है.

यह मामला हुआ उजागर

अमरावती तहसील के एक गांव में रहनेवाली तीन महिलाओं के फोटो मॉर्फिंग करते हुए उनका रूपांतरण अश्लील चित्र में किया गया. साथ ही इन छायाचित्रों को फेसबुक पर पोस्ट किया गया. विगत 1 अक्तूबर की रात घटित इस मामले की वजह से अपनी बहन सहित अन्य दो महिलाओं की बदनामी हुई है. ऐसी शिकायत एक महिला द्वारा 2 अक्तूबर की दोपहर साईबर पुलिस थाने में दर्ज करायी गई. जिसके आधार पर पुलिस द्वारा संबंधित युआरएल धारक के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया.

  • महिलाओं अथवा युवतियों के छायाचित्र डाउनलोड कर उनकी अवमानना व बदनामी होने लायक मॉर्फिंग करते हुए उसे दोबारा वेबसाईट पर भी पोस्ट अथवा अपलोड किया जाता है. साथ ही उनके नाम से फर्जी प्रोफाईल बनाये जाते है. ऐसे मूें युवतियों व महिलाओं ने सोशल मीडिया साईटस पर अपनी प्रोफाईल पिक अथवा डीपी रखने को लेकर बेहद सजग रहना चाहिए. इन दिनों इस तरह की कई घटनाएं सामने आयी है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
    – सीमा दातालकर
    पुलिस निरीक्षक, साईबर सेल पुलिस स्टेशन, शहर पुलिस आयुक्तालय

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