अमरावती

महिमापुर की मुगलकालीन कुएं का होगा कायाकल्प

जतन व संवर्धन के काम को प्रशासकीय मंजूरी

* 2.88 करोड की निधि
दर्यापुर/दि.9– तहसील के महिमापुर में स्थापित कला का बेमिसाल व अनोखा नमूना रहे मुगलकालीन कुएं का जतन व संवर्धन के काम को प्रशासकीय मंजूरी मिली है. इस कारण इस कुएं का जल्द ही कायाकल्प होनेवाला है.
महिमापुर में ऐतिहासिक सातमंजिला मुगलकालीन सिढ़ीयों वाला कुआं है. लेकिन हाल में इस कुएं का जतन व संवर्धन के साथ यहां आनेवाले पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं है. इस कारण वह उपलब्ध होने की दृष्टि से दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक बलवंत वानखडे ने वित्तिय अधिवेशन 2023 में महिमापुर के इस कुएं के जतन व संवर्धन की मांग की थी. इस निमित्त पर्यटन व सांस्कृतिक विभाग महाराष्ट्र राज्य के आदेश पर 2.88 करोड रुपए के काम को प्रशासकीय मंजूरी प्राप्त हुई है. दर्यापुर तहसील के राज्य संरक्षित सिढ़ीयों के कुएं ंहिमापुर में अनेक पर्यटक व अभ्यासक भेंट देते है. यह कुआं जर्जर होता रहने से इस कुएं की दुरुस्ती का काम करना आवश्यक था. इस विशेषतापूर्ण कुएं का जतन व संवर्धन करने की पुरातन जानकार व पर्यावरण प्रेमियों की मांग थी. इस को प्रशासकीय मंजूरी मिली है. जल्द ही महिमापुर के इस कुएं का कायाकल्प होगा.

* सैनिकों के लिए निर्मित किया था कुआं
अमरावती जिले के दर्यापुर से आसेगांव मार्ग पर 30 किलोमीटर दूरी पर महिमापुर यह छोटासा गांव है. इस गांव में यह ऐतिहासिक सिढ़ीयों वाला कुआं है. अचलपुर के निजामशाही और हैदराबाद की कुतूबशाही को जोडनेवाले सफर के इस मार्ग पर यह गांव आता है, ऐसा कहा जाता है. इस मार्ग से जानेवाली सेना को आसानी से पानी उपलब्ध होने के लिए इस कुएं का निर्माण किया होगा, ऐसा कहा जाता है. इसी कारण इस कुएं पर उस समय सुरक्षा रखी जाती थी और सुरक्षारक्षकोे को रहने के लिए व सोने के लिए इस कुएं में ही व्यवस्था की हुई दिखाई देती है. कुछ लोगों के मुताबिक इस कुएं का उद्देश्य उपराई के फकीर शाद्दल बुवा के दरगाह में आनेवाले श्रद्धालुओं को पेयजल व आराम मिलने के लिए इश कुएं का निर्माण होने की बात भी कही जाती है. यह कुआं उपराई व अचलपुर मार्ग पर है.

* कुएं की विशेषता
– महिमापुर के ऐतिहासिक सातमंजिला सिढ़ीयों का कुआं स्थापत्य शैली का बेजोड व अनोखा नमूना है.
– यह बहापानी कालीन है अथवा यादवकालीन इस बाबत मतभेद रहे तो भी वह 800 से 900 साल पुराना है, इसमें संदेह नहीं.
– 40 मीटर चौडा और 25 मीटर लंबे चौकोनी आकार के 80 फुट गहरे और 85 सिढ़ीयों वाला यह कुआं है.
– यह कुआं मध्यप्रदेश के तांबूस पत्थर से तथा कुछ मात्रा में काले पत्थर का इस्तेमाल कर निर्मित किया गया है.
– कुएं को जमीन के निचे सातमंजिल में निर्मित किया गया है. वह किसी रजवाडे जैसा लगता है. इस कुएं में 12 दरवाजे है.
– कुएं की दीवार पर अद्भूत नक्शी काम है. तथागत और पिपल के पत्ते भी कोरे गए है.
– शुरूआत की कुछ सिढ़ीयां उतरने के बाद पालथी लगाए बैठे और दोनों हाथ जोडे जलदेवता दिखाई देते है.
– कुएं में उतरकर चारो तरफ घूमते आ सके इतनी वह प्रशस्त है.
– नैसर्गिक झरनों के लिए कुएं की दीवारो का निर्माण करते समय जगह-जगह छेद छोडे गए है.
– सुरक्षारक्षक को रहने के लिए और सोने के लिए इस कुएं में ही व्यवस्था की दिखाई देती है.

Related Articles

Back to top button