मल्टीयूटीलीटी वैन घोटाले पर तपी मनपा की आमसभा
सत्तापक्ष व विपक्ष ने साथ आकर घेरा प्रशासन को
* डेढ वर्ष बाद हुई पहली आमसभा रही हंगामाखेज
अमरावती/दि.20- करीब डेढ वर्ष के अंतराल पश्चात आज सोमवार 20 दिसंबर को मनपा की आमसभा पहली बार ऑफलाईन पध्दति से बुलाई गई. संभवत: यह मनपा के मौजूदा पार्षदों के कार्यकाल की अंतिम आमसभा हो सकती है. ऐसे में उम्मीद थी कि, इस आमसभा के दौरान शहर के विकास से संबंधित विषयों को लेकर आवश्यक चर्चा व फैसले होंगे, लेकिन आज की आमसभा में पूरा समय मल्टीयूटीलीटी वैन की खरीदी में हुई आर्थिक गडबडियों और खरीदी प्रक्रिया के दौरान हुई अनियमितताओं का विषय ही छाया रहा तथा विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष ने भी इस घोटाले को लेकर लगनेवाले आरोपों में अपना सूर मिलाते हुए मनपा प्रशासन को कटघरे में खडा करने का प्रयास किया. ऐसे में सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच तनातनी कुछ कम रही. वहीं दोनों ही पक्ष मिलकर प्रशासन पर लगभग टूट पडे.
मनपा के विश्वरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर सभागार में आज सुबह आमसभा की कार्रवाई शुरू होते ही सबसे पहले विपक्ष द्वारा वर्ष 2019 में खरीदी गई मल्टीयूटीलीटी वैन की निविदा व खरीदी प्रक्रिया में भारी-भरकम घोटाला होने का आरोप लगाते हुए कहा गया कि, इस वैन का बाजार मूल्य केवल 40 लाख रूपये है, जबकि इसे मनपा द्वारा सवा दो करोड रूपये में खरीदा गया. जिसका सीधा मतलब है कि, इस वैन को खरीदने की आड में भारी-भरकम घोटाला हुआ है. इस विषय को उठाते हुए मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत तथा पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले ने कहा कि, इस मामले की जांच करनेवाले सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने भी इस घोटाले में किसी बडी मिलीभगत की आशंका जतायी है. ऐसे में केवल मनपा के अधिकारियों को दोषी करार देने से ही काम नहीं बनेगा, बल्कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि, आखिर इस घोटाले के पीछे मास्टरमाइंड कौन है और किसके इशारे पर मल्टीयूटीलीटी वैन की आपूर्ति करनेवाली कंपनी को दो दिन के भीतर बिल पास करते हुए रकम की अदायगी कर दी गई.
वहीं इस विषय को लेकर चर्चा में हिस्सा लेते हुए मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय ने कहा कि, सत्ताधारी दल भाजपा द्वारा खुद वर्ष 2019 से इस मामले में जांच की मांग की जा रही है और हमने खुद पहल करते हुए मामले की जांच करवायी है. जिसमें कुछ दोषियों के नाम सामने आये है. जिनकी विभागीय जांच करवायी जा रही है. किंतु इस तथ्य की भी अनदेखी नहीं की जा सकती कि, इसी कंपनी द्वारा 2019 से पहले भी मनपा में साहित्य आपूर्ति का काम किया जाता रहा है. ऐसे में मल्टीयूटीलीटी वैन के साथ ही अन्य साहित्य की खरीदी के मामलोें की भी जांच की जानी चाहिए.
आमसभा में पूरा समय मल्टीयूटीलीटी वैन को लेकर जारी गरमा-गरम बहस के साथ ही सत्ता पक्ष व विपक्ष ने आगामी 10 दिन के भीतर मनपा प्रशासन से अपनी रिपोर्ट पेश करने की मांग की. जिसके तहत यह जानकारी उपलब्ध कराने हेतु कहा गया कि, मल्टीयूटीलीटी वैन का असल बाजार मूल्य क्या है और किन वजहों के चलते इसकी उंची दरों में खरीदी की गई है. जिस पर जवाब देते हुए निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने कहा कि, रिपोर्ट पेश करने के लिए 10 दिनोें का समय काफी अपर्याप्त होगा. किंतु वे जल्द से जल्द इस विषय को लेकर मनपा पदाधिकारियों व सदस्यों को जानकारी देंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, इस मामले में विभागीय जांच प्रस्तावित की जा चुकी है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
* भ्रष्टाचार के आदी हो गये हैं मनपा के अधिकारी व कर्मचारी
– सभागृह नेता भारतीय के कथन से हंगामा
मल्टीयूटीलीटी वैन घोटाले को लेकर आमसभा में उठाये गये मसलों पर अपना जवाब देते हुए मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय यहां तक कह गये कि, मनपा के अधिकारियों व कर्मचारियों को भ्रष्टाचार व घोटाले करने की आदत लग चुकी है और वे कई बार मनपा पदाधिकारियों को अंधेरे में रखकर अपनी मर्जीवाली कंपनियों के साथ मिलीभगत करते हुए मनमाने ढंग से काम करते है. जिससे महानगर पालिका की प्रतिमा मलीन होती है. तुषार भारतीय के इस वक्तव्य के चलते सदन में कुछ देर के लिए सन्नाटा भी छा गया था.