मुंबई व पुणे की स्वास्थ्य टीम तीन दिनों से मेलघाट में
11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व उपकेंद्रों का किया मुआयना

* कुपोषण तथा माता व बाल मौतें रोकने उपायों की खोजा
अमरावती/दि.1- मेलघाट में कुपोषण की वजह से होनेवाली बाल मृत्यु व माता मृत्यु को रोकने तथा गर्भवती व नवप्रसूता महिलाओं के स्वास्थ्य का ख्याल रखने को लेकर अदालत द्वारा गंभीर टिप्पणी किये जाने के बाद राज्य के मुंबई व पुणे स्थित स्वास्थ्य महकमे की टीम विगत तीन दिनों से मेलघाट में ठिय्या जमाये बैठी है और इस टीम में शामिल उच्चस्तरीय स्वास्थ्य अधिकारी धारणी व चिखलदरा तहसीलों के दो ग्रामीण अस्पतालों सहित 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 100 से अधिक उपकेंद्रों और उपजिला अस्पताल में जाकर आवश्यक जांच-पडताल करते हुए वहां की कमियों और दिक्कतों को खोज रहे है. इस टीम में यूनिसेफ के वरिष्ठ अधिकारियों का भी समावेश है.
विगत 28 सितंबर से 1 अक्तूबर के बीच चलाये गये इस अभियान के तहत गुरूवार को आरोग्य आयुक्त व राष्ट्रीय आरोग्य अभियान के संचालक डॉ. रामास्वामी, आरोग्य संचालक डॉ. अर्चना पाटील, अतिरिक्त अभियान संचालक डॉ. सतीश पवार, प्रकल्प अधिकारी डॉ. वैभव वाघमारे, डॉ. दिगंबर कानदुले, पोषण आहार उपसंचालक राजकुमार चव्हाण, युनिसेफ के डॉ. स्वप्नील गायकवाड व जिला शल्य चिकित्सक डॉ. श्यामसुंंदर निकम भी जांच पथक में शामिल हुए और उन्होंने बिहाली स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र को भेंट देने के साथ ही यहां की वस्तुस्थिति को जाना.
* बीमार स्वास्थ्य महकमे की नब्ज टटोली
कुपोषण का कलंक रहनेवाले मेलघाट में वस्तुत: स्वास्थ्य महकमा ही बीमार पडा हुआ है और लचर कामकाज की बीमारी का शिकार है. ऐसे में इस पथक द्वारा दूरदराज के ग्रामीण इलाकों का दौरा करते हुए स्वास्थ्य महकमे के कामकाज की नब्ज को टटोलने का काम किया जा रहा है. पश्चात इस दौरे की रिपोर्ट स्वास्थ्य महकमे के मुख्य सचिव के पास रखी जायेगी.
स्वास्थ्य विभाग के राज्यस्तरीय अधिकारी मेलघाट के धारणी व चिखलदरा तहसीलों में विगत तीन दिनों से गांवस्तर पर आवश्यक जांच पडताल कर रहे है और यह दौरा पूरा होने के बाद वे अपनी ओर से जिला स्वास्थ्य महकमे को आवश्यक निर्देश व सुझाव देेंगे.
– डॉ. दिलीप रणमले
जिला स्वास्थ्य अधिकारी, अमरावती.
* एसी में बैठकर पर्यटन दौरे का आरोप
राज्य के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने अनेकों बार आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र का दौरा करते हुए स्वास्थ्य महकमे के कामकाज की जांच की. लेकिन इसके बावजूद भी स्वास्थ्य महकमे के कामकाज में कोई सुधार नहीं हुआ. क्योेंकि यहां पर स्वास्थ्य महकमे के कई पद रिक्त पडे हुए है. विभाग के कई वाहन नादुरूस्त है और यहां पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का नितांत अभाव भी है. किंतु इन तमाम बातों का जमिनी आकलन व मुआयना करने की बजाय वातानुकूलित कक्षों में बैठकर समस्या का समाधान खोजा जाता रहा और स्वास्थ्य दौरे के नाम पर मेलघाट में पर्यटन किया जाता रहा. जिससे समस्या आज भी जस की तस है, ऐसा मेलघाट क्षेत्र में रहनेवाले आदिवासियों व ग्रामीणों द्वारा आरोप लगाया गया है.