अमरावती

‘मुंबई रिटर्न‘ भिखारियों से फैल सकता है कोरोना

कोरोना की दूसरी लहर आने का जबर्दस्त खतरा

  • शहर के चौक-चौराहों पर बडी तादाद में है ऐसे भिखारी

अमरावती/दि.१३ – इस समय यद्यपि अमरावती शहर सहित जिले में कोरोना संक्रमण एवं कोरोना की वजह से होनेवाली मौतों की संख्या में अच्छीखासी कमी देखी जा रही है, लेकिन मुंबई से अमरावती वापिस भेजे गये भिखारियोें की वजह से अमरावती शहर में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ गया है और शहर के सभी चौक-चौराहों पर ठिय्या लगाकर बैठे इन भिखारियों की वजह से अमरावती शहर में कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है. इस खतरे के संदर्भ में स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से अनभिज्ञ है.
बता देें कि, मार्च माह से लॉकडाउन शुरू होते ही मुंबई में भिख मांगकर गुजारा करनेवाले घुमंतू समाज के अधिकांश महिला व पुरूष अपने परिवार सहित अमरावती लौट आये और विगत चार-पांच माह से इन लोगों ने शहर के बेहद महत्वपूर्ण चौक-चौराहों पर ठिय्या लगाना शुरू कर दिया. जिनमें राजकमल चौक, श्याम चौक, इर्विन चौक, गल्र्स हाईस्कुल चौक, रेल्वे स्टेशन चौक व बस स्थानक परिसर सहित सायन्सकोर मैदान का समावेश है.
दीपावली पर्व के मद्देनजर पुलिस ने बुधवार की देर रात सभी चौक-चौराहों पर रहनेवाले घुमंतुओं को कोम्बिंग ऑपरेशन चलाते हुए उनके घर व गांव भिजवाया. लेकिन इसके बावजूद भी गुरूवार को शहर के कुछ चौक-चौराहों पर घुमंतू समाज के बच्चे व महिलाएं भिख मांगते नजर आये. बता दें कि, इनमें से अधिकांश लोग आधे-अधूरे कपडों में रहते है और गंदगी से सने रहते है. ट्राफिक सिग्नल पर वाहनोें के रूकते ही ये लोग वाहन चालकों के एकदम पास जाकर पैसे मांगने शुरू करते है और जब तक पैसे न मिले, तब तक पैसे देने की रट लगाये रहते है. इसी तरह घुमंतू समूदाय से वास्ता रखनेवाले ये सभी लोग शहर के प्रमुख चौक-चौराहों व सडकों पर स्थित दूकानोें में भी खरीददारी करने हेतु आनेवाले ग्राहकों के पीछे पडकर उनसे भीख मांगते है. पूरी तरह से गंदगी व अस्वच्छता में सराबोर रहनेवाले इन लोगों की वजह से शहरवासियों में कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता.
जानकारी के मुताबिक अमरावती शहर में पहले से करीब २०० से २५० घुमंतू रह रहे है. वहीं लॉकडाउन काल के दौरान मुंबई से करीब २०० घुमंतू अमरावती पहुंचे. ऐसे में इन ४००-४५० घुमंतूओं का शहर में जगह-जगह डेरा दिखाई देने लगा है और ये लोग लगातार शहरवासियों के संपर्क में आने की वजह से संक्रमण के दोबारा फैलने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता. खुले आसमान के नीचे रहनेवाले घुमंतू समुदाय के इन लोगों में साफ-सफाई व स्वच्छता का पूरी तरह से अभाव रहता है. साथ ही वे एक तरह से आदिम हालात में जीवन जीते है और उनका आधूनिक व सुरक्षित जीवनशैली से कोई वास्ता भी नहीं रहता. ऐसे में कई-कई दिनों तक बिना नहाये रहनेवाले और बिना मास्क के घुमनेवाले इन घुमंतूओं की वजह से शहर में कोरोना सहित अन्य कई संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है.

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