अमरावतीमहाराष्ट्र

अमरावती में भी अब मुंबई का ‘डिब्बेवाला’ पैटर्न

बदलते समय नुसार सेवा देने का प्रयास

* गृहणियों की चिंता हुई दूर
* दुकानदारों और कर्मचारियों को समय पर मिल रहा भोजन
अमरावती/दि.07– मुंबई की तरह अब अमरावती में भी अब डिब्बेवाला यह पैटर्न दिखाई देगा. टिफिन सेवा हर नौकरीपेशा तक पहुंचेगी. मुंबई शहर के नौकरीपेशा लोगों के लिए टिफिन उनके घर से कार्यस्थल पर पहुंचाने का काम डिब्बेवाले करते है. डिब्बे पहुंचाने का काम सुनने को तो आसान लगता है, लेकिन मुंबई जैसे बडे शहर में यह काम सही ढंग से किया जाता है, इसी कारण मुंबई के डिब्बेवाले संशोधकों के अभ्यास का विषय बने है और अब यही पैटर्न अमरावती में भी चलाया जाने वाला है. समयनुसार बदल होकर अमरावती में भी डिब्बेवाला यह सेवा दिखाई दे रही है.

अमरावती शहर भी अब काफी विस्तारित हुआ है. कई उद्योग-व्यसाय शहर के बाहर स्थापित हुए है. शहर से सटकर नांदगांव पेठ समीपस्त होलसेल कपडा व्यवसाय शुरु हुआ. दुकान में काम करने समय पहुंचने के लिए दुकानदारों और कर्मचारियों को घर से जल्दी निकलना पडता है. डिब्बेवालों की सेवा उपलब्ध रहने से अधिकांश गृहणियां घर में बना गर्म भोजन का टिफिन दुकान भेज सकती है. इस सुविधा से शहर के अनेकों को रोजगार भी मिला है.

शहर से कई कपडा व्यवसायी नांदगांव पेठ के नजदीक सिटीलैंड, बिजीलैंड, और ड्रीमलैंड में स्थित होलसेल कपडा मार्केट में काम करते है. दुकानें खोलने के लिए उन्हें सुबह से ही घर से निकलना पडता है. जिसकी वजह से उन्हें टिफिन साथ में ले जाना संभव नहीं होता. इसलिए भोजन के समय तक डिब्बेवाला संबंधित दुकानदार के घर से टिफिन लेकर दुकान में पहुंचाकर देते है.

* टिफिन सर्विस का सही नियोजन
शहर के अलग-अलग क्षेत्र के घर से टिफिन इकट्ठा करके सीधे दुकान तक पहुंचाने का नियोजन कुछ ऑटोचालक कर रहे है. इसके लिए उनके दर भी तय रहते है. निर्धारित समय पर घर में टिफिन तैयार नहीं रहने पर वे निश्चित किए एक स्थान पर आकर रुकते है. घर के सदस्य उस स्थान पर पहुंचकर उन्हें टिफिन लाकर देते है. हजारों की संख्या में टिफिन रहने के बाद भी टिफिन सर्विस का नियोजन सही ढंग से होता है.

* हजारों टिफिन पहुंचते है दुकान
शहर के हजारों व्यापारी तथा कामगार विविध क्षेत्र से नांदगांव पेठ स्थित कपडा मार्केट में काम करते है. सुबह 10 बजे के करीब वे अपनी दुकान पहुंचते है. तथा शहर के मार्केट में भी जिन व्यापारियों की दुकानें है वे भी सुबह 10 बजे पहुंचते है. सुबह जल्द ही घर से निकलना पडता है. जिससे उन्हें दोपहर का टिफिन साथ में ले जाना संभव नहीं होता. इस बात को ध्यान में लेते हुए मुंबई की तर्ज पर घर से सीधे दुकान में टिफिन पहुंचाने की व्यवस्था की गई.

20 साल से दे रहा हूं सेवा
मैं पिछले 20 साल से टिफिन पहुंचाने का काम कर रहा हूं. दस्तुर नगर क्षेत्र से टिफिन जमा कर उसे शहर के कुछ मार्केट में, तथा नांदगांव पेठ के पास स्थित कपडा मार्केट की दुकानों में पहुंचाता हूं. मेरी तरह और भी कुछ लोग है, जो टिफिन पहुंचाने की सेवा दे रहे है.
-दिलीप बोरकर, डिब्बेवालाv

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