अमरावतीमहाराष्ट्र

‘गलसुआ’ एक संक्रामक रोग : बच्चों में बढ रहा संक्रमण

लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सक से लें परामर्श

अमरावती/दि.3– बच्चों में गलसुआ (कण्ठमाला) का संक्रमण बढ गया है. पॅरामिक्झोवायरस के कारण गलसुआ यह संक्रामक बीमारी होती है. यह बीमारी होने पर चेहरे के दोनो बाजू की लार ग्रंथियों पर परिणाम होता है. कान के नीचे का जबडा और गाल में सूजन दिखती है. अधिकांश बालकों का टीकाकरण नहीं होने से गलसुआ (कण्ठमाला) बीमारी होती है.

* गलसुआ क्या है?
– चेहरे के एक अथवा दोनो बाजू की ग्रंथियों में सूजन आना तथा प्रभावित क्षेत्र के पास दर्द होना.
-बुखार, सिरदर्द, खांसी, थकान आदि लक्षण दिखाई देते है.
* एमएमआर का टीकाकरण करें
गलसुआ न हो, इसके लिए एमएमआर का टीका लेना आवश्यक है. मिझल्स मम्प्स रुबेला नाम से भी यह टीका जाना जाता है.

* बच्चों को स्कूल ने भेजें
पॅरामिक्झोवायरस इस वायरस से गलसुआ यह संक्रामक बीमारी होती है. यह बीमारी संक्रामक बीमारी संक्रामक रहने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को होती है. बच्चों में यदि लक्षण दिखाई देने पर उन्हें स्कूल न भेजें. क्योंकि अन्य विद्यार्थियों को भी गलसुआ की तकलीफ हो सकती है.

गलसुआ यह एक विषाणूजन्य बीमारी है. जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता है, खांसता है या बात करता है तो वायरस लार और बलगम की बूंदों के माध्यम से हवा में फैलता है. और एक व्यक्ति से दूसरे का इसका संक्रमण होता है. लार ग्रंथी में सूजन आती है. गाल के कुछ हिस्से भी सूजन आती है. इसिलिए दर्द होता है. गुलसुआ के लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और इलाज कराएं.
-डॉ.किशोर बनसोड, बालरोग विशेषज्ञ, अमरावती

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