अमरावती

सुकाणु समिति के विरोध में कर्मचारियों का मुंडन आंदोलन

मांगे मंजूर होने के पूर्व ही हडताल समाप्त करने पर रोष

विविध कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने मध्यवर्ती संगठना के अध्यक्ष काटकर का किया निषेध
आंदोलन शुरु रहने की दी जानकारी
अमरावती/दि.21- सरकारी कर्मचारियों व्दारा पुरानी पेंशन योजना के लिए शुरु की गई राज्यव्यापी हडताल समाप्त होने की घोषणा मध्यवर्ती सरकारी कर्मचारी संगठना के अध्यक्ष विश्वास काटकर ने सोमवार की शाम की. लेकिन अभी तक मांग मंजूर न होने पर भी हडताल समाप्त करने की घोषणा होने से संतप्त हुए विविध कर्मचारी संगठना के पदाधिकारियों ने सोमवार की रात जिला परिषद कार्यालय के बाहर मुंडन आंदोलन कर मध्यवर्ती कर्मचारी संगठना के अध्यक्ष विश्वास काटकर का निषेध किया. हमारी मुख्य मांग अभी तक मंजूर न होने के कारण हम अभी भी हडताल पर हि रहने की संतप्त प्रतिक्रिया आंदोलनकर्ताओं ने दी.
पुरानी पेंशन समेत विभिन्न मांगों को लेकर राज्य सुकाणु समिति के मार्गदर्शन में राज्य सरकारी संगठना व्दारा 14 मार्च से राज्यव्यापी बेमियादी हडताल शुरु की गई थी. सरकारी, अर्धसरकारी, शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, मनपा, नगरपालिका, नगर परिषद, नगर पंचायत के कर्मचारी और ठेका कर्मी इस आंदोलन में शामिल हुए. इन सभी कर्मचारियों की अनेक मांगे प्रलंबित है. इस बाबत मध्यवर्ती संगठना व अन्य संगठना की तरफ से राज्य शासन के साथ चर्चा की गई और उन्हें ज्ञापन भी प्रस्तुत किए गए. इसके बावजूद मांगे पूर्ण नहीं की गई. केवल आश्वासन ही दिए रहने का आरोप इस अवसर पर आंदोलनकर्ताओं ने किया. राज्य शासकी सेवा में 1 नवंबर 2005 के बाद कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू न करते नई अंशदायी योजना लागू की गई है. इस नई योजना को रद्द कर सभी अधिकारी व कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मुख्य मांग को लेकर यह आंदोलन शुरु किया गया है. सुकाणु समिति में मध्यवर्ती संगठना के 8 सदस्य है. सोमवार को सरकार से चर्चा करते समय मध्यवर्ती कर्मचारी संगठना के अध्यक्ष विश्वास काटकर ने कर्मचारियों की भावनाओं का विचार न करते हुए और कर्मचारियों को विश्वास न लेते आंदोलन समाप्त की घोषणा की रहने से कर्मचारी संतप्त हुए है. आगामी कदम उठाने के पूर्व नियोजन बैठक शुुरु हो गई है. सभी कर्मचारी संगठना इसके लिए एकजुट होने की जानकारी आंदोलक व स्थानीय कर्मचारी नेता पंकज गुल्हाने ने दी.

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