मनपा आर्थिक दुविधा में, आय के स्त्रोत कम हुए
संपत्ति कर पर ही सबकुछ निर्भर, वसूली कुछ नहीं
अमरावती/दि.17– संपत्ति कर की वसूली नहीं हो पा रही है. आय के दूसरे कोई स्त्रोत न रहने से मनपा आर्थिक दुविधा में आ गई है. कंत्राटी मनुष्यबल का वेतन, ठेकेदारों के बकाया बिल, बिजली आपूर्ति सहित अन्य साहित्य की आपूर्ति करनेवालों का बकाया मिलाकर मनपा को वर्तमान में 250 करोड रुपए अदा करना है. आय न रहने से और दैनंदिन आवश्यक खर्च शुरु रहते बकाया कैसे अदा करना, यह प्रश्न निर्माण हो गया है.
मनपा के कर्मचारियों द्वारा हडताल कर लिखित आश्वासन लिया रहा तो भी उनके द्वारा किए जानेवाले काम प्रलंबित है. ऐसे में संपत्ति कर वसूली पुरानी दर से वसूल करने के निर्देश राज्य सरकार की तरफ से आने के कारण अपेक्षित आय में काफी गिरावट आनेवाली है. स्वच्छता व निर्माण विभाग के ठेकेदारों के सर्वाधिक बिल बकाया है. साथ ही मनपा के तिजोरी की आवक कम हो गई है. ठेका कर्मियों के तीन से चार माह के बिल बकाया है. दिवाली के मुंहाने पर एक माह का वेतन देना संभव होगा क्या? ऐसा सवाल उपस्थित किया जा रहा है. वहीं सफाई ठेकेदार बिल न मिलने से हर दिन आयुक्त के कक्ष में खडे हो रहे है. 15 वें वित्त आयोग की निधि भी पूरी नहीं मिली है. कुछ समय पूर्व 14.3 करोड रुपए का अनुदान मिला. उस अनुदान से कुछ खर्च निकाला गया. फिर भी 250 करोड रुपए बकाया रहने से मनपा काफी दुविधा में आ गई है. इस परेशानी को हल करने में निगमायुक्त को काफी पसिना बहाना पड रहा है. दिवाली मुंहाने पर रहने से उनकी यह परेशानी और बढ गई है.
* पुराने दर से संपत्ति कर के बिल
नए दर से संपत्ति कर के बिल स्थगित किए जाने से पुराने दर से अब नए बिल वितरीत किए जा रहे है. संपत्ति धारकों द्वारा कर तत्काल भरा गया तो मनपा को आर्थिक सहयोग मिलेगा. इसके लिए कर विभाग सहित मनपा के अन्य कर्मचारियों को भी तेजी से काम करने की आवश्यकता है.