मनपा, जिप व पंस के चुनाव सितंबर में!
विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव करवाने की हलचलें तेज
अमरावती/दि.23 – आगामी 4 जून को लोकसभा का चुनावी नतीजा घोषित होने के बाद सितंबर माह में स्थानीय स्वायत्त निकायों यानि महानगरपालिका, जिला परिषद, पंचायत समिति व नगरपालिकाओं के चुनाव करवाने हेतु महायुति की ओर से हलचलें शुरु हो गई है, ऐसी विश्वसनीय जानकारी सामने आयी है. इसके अलावा आगामी 12 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में सुनवाई होने वाली है. जिसमें ओबीसी आरक्षण मामले का फैसला भी आ सकता है. जिसके चलते अगस्त माह के अंत में या फिर सितंबर माह में राज्य के सभी महानगरपालिकाओं व जिला परिषदों सहित पंचायत समितियों में चुनावी बिगुल बजने की पूरी संभावना है. यदि ऐसा होता है, तो स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव लडने के इच्छूकों को एक बार फिर बल मिल जाएगा और वे अपनी चुनावी तैयारियों में जुट जाएंगे.
बता दें कि, पहले कोविड व लॉकडाउन, फिर प्रभाग पद्धति में बदल, सत्ता परिवर्तन व प्रभाग पद्धति में दुबारा बदलाव सहित ओबीसी आरक्षण के मुद्दे और इसे लेकर चलने वाली अदालती लडाई के चलते विगत 4 से साढे 4 वर्षों से महाराष्ट्र में स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव लगातार अधर में लटके पडे है. स्थानीय स्वायत्त निकायों में पदाधिकारी ही नहीं रहने के चलते नागरिकों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड रहा है. साथ ही संबंधित क्षेत्र में विकास काम भी बडे पैमाने पर प्रभावित हुए है. महाविकास आघाडी की सरकार राज्य में सत्ता पर रहते समय जिला परिषद व पंचायत समितियों के नये गट व गण की रचना हुई थी. साथ ही महानगरपालिका के चुनाव को लेकर भी तैयारी काफी हद तक पूरी कर ली गई थी. जिसके तहत अमरावती महानगरपालिका की प्रभाग रचना तय करने के साथ ही आरक्षण के ड्रा की प्रक्रिया भी शुरु कर ली गई थी. लेकिन कोविड के चलते चुनाव आगे टल गया और कोविड की कालावधि खत्म होने के बाद ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर मामला अदालत में पहुंच गया. जिसके तहत राज्यभर की सभी महानगरपालिकाओं, जिला परिषदों, पंचायत समितियों व नगर परिषदों के चुनाव अधर में लटक गये.
ज्ञात रहे कि, ओबीसी आरक्षण, प्रभाग रचना तथा गट, गण व सदस्य संख्या में वृद्धि ऐसे तीन मुद्दों को लेकर अदालत में याचिकाएं दायर है. जिन पर विगत दो वर्षों से सुनवाई चल रही है. आगामी जुलाई माह में एक बार फिर इन मामलों को लेकर अदालत में सुनवाई होने वाली है. जिसमें कोई अंतिम निर्णय होने की संभावना जतायी जा रही है. वहीं मौजूदा राजनीतिक स्थिति का अंदाजा लगाते हुए फिलहाल राज्य की सत्ता में रहने वाली महायुति सरकार ने भी स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनावों में कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई. जिसके चलते अमरावती महानगरपालिका व जिला परिषद सहित राज्य के कई स्वायत्त संस्थाओं में चुनाव नहीं हो पाये है. जिसके चलते ऐसे कई स्थानीय स्वायत्त निकायों में विगत लंबे समय से प्रशासक राज चल रहा है.
बता दें कि, राज्य में जिन स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं का कार्यकाल वर्ष 2020 व इसके बाद में खत्म हुआ. वहां पर अगले सभागृह हेतु अब तक चुनाव ही नहीं करवाये गये है. इसके चलते विगत 2 वर्षों से लेकर 4 वर्षों से ऐसे स्थानीय स्वायत्त निकायों में प्रशासक राज चल रहा है. वहीं दूसरी ओर चुनाव के बार-बार टलते जाने की वजह से इच्छूकों ने भी अब अपनी मोर्चाबंदी को रोक दिया है. साथ ही ऐसे इच्छूकों ने अपने-अपने नेताओं से मिलकर चुनाव जल्द से जल्द कराने की विनती करनी भी शुरु कर दी है. जिसके चलते आम लोगों का विचार करने के साथ ही अपने कार्यकर्ताओं के आग्रह को देखते हुए विधानसभा चुनाव से पहले स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव करवाने की तैयारी अब महायुति द्वारा की जा रही है.
* राज्य में चुनाव प्रलंबित रहने वाले स्थानीय स्वायत्त निकाय
महानगरपालिका – 23
जिला परिषद – 25
पंचायत समिति – 284
नगरपालिका – 207
नगर परिषद – 92
नगर पंचायत – 13