अमरावतीमहाराष्ट्र

मनपा स्तर की कर सहूलियत जिले की नगरपालिकाओं में लागू नहीं

कर संकलन के लिए मनपा व नप में अलग-अलग नीति

अमरावती/दि.11– इस समय यद्यपि मार्च एंडिंग की दौडभाग निपट गई है. लेकिन इसके बावजूद अमरावती सहित कई स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं में संपत्तिकर संकलन अभियान को समयावृद्धि दी गई है. परंतु कर संकलन के निमित्त दी जाने वाली सहूलियत एक सामन नहीं रहने के चलते समयावृद्धि के बावजूद मनपा क्षेत्र के लोगों की तुलना में पालिका क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों ने अब कर अदायगी को लेकर अपना हाथ समेट लिया है.

महानगरपालिका में कर अदा करने हेतु 30 अप्रैल तक समयावृद्धि दी गई है. इस अवधि के भीतर संपत्तिकर अदा करने पर सीधे 10 फीसद की छूट दी जाएगी तथा बकाया कर पर लगने वाले ब्याज को पूर्णता माफ किया जाएगा. महानगर में रहने वाले नागरिक काफी हद तक टेक्नोसेवी भी रहते है. जिसके चलते कर की रकम की ऑनलाइन अदायगी किये जाने पर 3 फीसद की अतिरिक्त छूट भीदी जाती है. इसके अलावा रिहायशी इमारतों में सौर उर्जा की व्यवस्था रहने पर अतिरिक्त छूट भी दी जाती है. परंतु सहूलियत का ऐसा पैकेज अमरावती जिले की नगरपालिकाओं में नहीं है. जिले में केवल एक ही महानगरपालिका है और नगरपालिका वाले शहरों की संख्या 10 है. इसके अलावा 4 तहसील मुख्यालय वाले स्थानों पर नगर पंचायत भी है. परंतु किसी भी नगर पंचायत या नगरपालिका में इस तरह से कोई अतिरिक्त छूट नहीं दी जाती है. जिसके चलते संबंधित स्थानीय निकायों द्वारा संपत्तिकर का जितना निर्धारण किया जाता है, उतनी रकम का भुगतान संबंधित क्षेत्र के संपत्तिधारकों को करना ही पडता है. पुरानी बकाया रकम पर कोई छूट नहीं मिलती. जिसके चलते बकाया रकम और उस पर लगने वाले ब्याज का भुगतान भी संबंधित संपत्तिधारक को करना पडता है. इसके परिणाम स्वरुप मनपा स्तर पर जिस प्रमाण में कर का संकलन हो रहा है. उसकी तुलना में नगरपालिका वाले शहरों में कर संकलन नहीं हो पाता. यहीं वजह है कि, मार्च माह खत्म हो जाने पर भी किसी भी स्थानीय स्वायत्त संस्था द्वारा संपूर्ण कर वसूली नहीं की जा सकी है.

* नप में कोई छूट नहीं
संपत्तिकर की वसूली बढे, इस हेतु मनपा स्तर पर दी जाने वाली छूट एवं सहूलियत अन्य नगरपालिका व नगर पंचायतों में लागू नहीं होती. स्थानीय स्वायत्त संस्था रहने के चलते संबंधित संस्थाओं द्वारा तैयार की गई उपविधि को उपयोग में लाया जाता है. परंतु ऐसी सहूलियत देने वाली उपविधि नगरपालिका व नगर पंचायतों द्वारा तैयार नहीं की गई है. साथ ही सरकार ने भी इसे लेकर कोई आदेश जारी नहीं किये है.
– सुमेध अलोणे,
उपसंचालक,
नगरपालिका प्रशासन विभाग, अमरावती.

* इस वजह से होती है तुलना
महानगरपालिका वाला शहर रहने वाले अमरावती के कई निवासियों के नाते-संबंध जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से जुडे हुए है. नौकरी एवं रोजगार के चलते अमरावती में रहने वाले लोगों की लगभग रोजाना ही अपने पैतृक गांव में रहने वाले रिश्तेदारों व परिजनों से बातचीत होती है. जिसमें स्वाभाविक रुप से कहां पर कर संकलन की क्या पद्धति है. इसकी पूछताछ भी होती है. जिसके चलते नागरिकों द्वारा मनपा के कर संकलन के सूत्र तथा नगरपालिका या नगर पंचायत के कर संकलन के सूत्र की आपस में तुलना की जाती है.

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