-
प्रशासनिक उदासिनता व अनदेखी का शिकार है हॉकर्स झोन का मसला
अमरावती/दि.5 – विगत लंबे समय से अमरावती मनपा क्षेत्र अंतर्गत हॉकर्स झोन का मसला अनिर्णित व प्रलंबीत पडा है. जिसकी वजह से शहर के प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में सडकों के दोनों ओर अव्यवस्थित तरीके से हॉकर्स की मौजूदगी दिखाई देती है. इससे जहां एक ओर वाहनों की आवाजाही में काफी परेशानियों का सामना करना पडता है, वहीं प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में व्यवसाय करनेवाले दूकानदारों को भी काफी दिक्कते होती है. ऐसे में शहर में फूटकर व्यापारियों के लिए हॉकर्स झोन बनाये जाने की जरूरत विगत लंबे समय से प्रतिपादित की जा रही है. किंतु यह मामला प्रशासनिक व तकनीकी दिक्कतों में अटका हुआ है और लंबे समय से प्रलंबित है. जिसकी वजह से समस्या जस की तस बनी हुई है.
बता दें कि, हाल ही में मनपा एवं पुलिस प्रशासन द्वारा संयुक्त तौर पर किये गये सर्वेक्षण के तहत शहर में करीब 36 स्थानों को हॉकर्स झोन बनाने के लिए चिन्हीत किया गया है. पश्चात यातायात संबंधी विभिन्न पहलुओं की जांच पडताल करते हुए शहर यातायात पुलिस द्वारा इसमें से 25 स्थानों पर हॉकर्स झोन बनाने के संदर्भ में अपनी एनओसी मनपा को दी गई. लेकिन इसके बावजूद मनपा द्वारा अब तक इसमें कोई नया कदम नहीं उठाया गया. जिसके चलते मामला जस का तस अटका हुआ है.
बता दें कि, हॉकर्स झोन के संदर्भ में शहर यातायात पुलिस के सहायक पुलिस आयुक्त ने विगत 24 दिसंबर को मनपा आयुक्त के नाम जारी पत्र में हॉकर्स झोन हेतु एनओसी दिये जाने की जानकारी दी थी. किंतु एनओसी प्राप्त होने के बाद करीब 40 दिनों का समय बीत जाने के बावजूद मनपा प्रशासन द्वारा इस संदर्भ में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. वही इससे पहले 1 नवंबर से 20 दिसंबर के दौरान शहर में हॉकर्स झोन के स्थान निर्धारित करने हेतु करीब 4 बैठके भी आयोजीत की गई थी. जिसमें 13 पुराने स्थानों के साथ-साथ 22 नये स्थानों पर हॉकर्स झोन बनाये जाने हेतु चर्चा करते हुए सर्वेक्षण किया गया था. जिसके बाद यातायात पुलिस ने इसमें से 26 स्थानों को हॉकर्स झोन घोषित करने हेतु अपनी एनओसी जारी कर दी. किंतु आगे की कार्रवाई करने का जिम्मा रहनेवाली महानगर पालिका द्वारा इस संदर्भ में अब तक मौन रखा गया है. जिससे समस्या दिनोंदिन विकराल होती जा रही है. इस चक्कर में शहर में जहां एक ओर सडकोें पर यातायात बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में हजारों रूपयों का किराया और दर्जनों लोगों को रोजगार देनेवाले पक्की दुकानों में बैठे व्यापारियों व व्यवसायियों का कामकाज इन फेरीवालों व हाथठेलेवालों की वजह से प्रभावित हो रहा है. ऐसे में जल्द से जल्द शहर में हॉकर्स झोन बनाये जाने की सख्त जरूरत है, ताकि सडकों को वाहनों की आवाजाही के लिए खुला किया जा सके एवं सडकों के किनारे वाहनों की पार्किंग के लिए जगह उपलब्ध हो सके.