अमरावतीमहाराष्ट्र

तीसरे दिन भी मनपा कर्मियों की जारी रही हडताल

नागरिकों के काम हो रहे प्रभावित

* मनपा आयुक्त सुनने को तैयार नहीं, कर्मचारियों का आरोप
अमरावती/दि.16– सातवें वेतन आयोग की बकाया रकम की दूसरी किस्त तुरंत देने, शासन निर्णय के अनुसार महंगाई भत्ता 42 प्रतिशत बढाने के निर्णय के बाद भी उसकी पांच महिनें की बकाया रकम अभी तक नहीं दी गई है. उसे जल्द देेने जैसी विभिन्न मांगो को लेकर आज गुरुवार को तीसरे दिन भी महानगरपालिका कर्मचारी/कामगार संघ की ओर से अनिश्ििचतकालीन हडताल जारी रही. इस दौरान हडताली कर्मचारियों ने मनपा कार्यालय के मुख्य गेट पर अपनी मांगो को लेकर नारेबाजी कर निषेध जताया. वही दुसरी ओर इन हडताली कर्मचारियों की मांग मनपा प्रशासन व मनपा आयुक्त नहीं सुनने का आरोप भी संगठन की ओर से लगाया जा रहा है.

मनपा में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी व सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों की विभिन्न मांगो को लेकर आज बुधवार को दुसरे दिन भी हडताल जारी रही. सातवें वेतन आयोग की 1 जनवरी 2016 से 30 अप्रैल 2021 तक बकाया रकम समान तीन टप्पों में हर वर्ष बजट में मंजुर किए अनुसार दीपावली पर हर वर्ष तीन किश्तों में देने की कार्रवाई किए जाने की मांग सहित अन्य मांग मनपा कर्मचारी कामगार संघ ने निगमायुक्त से की है. संगठन की ओर से कहना रहा कि अमरावती मनपा में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी व सेवानिवृत कर्मचारियों की पिछले कई दिनोें से लंबित आर्थिक मांगो की पूर्तता को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है. वह सिर्फ आश्वासन ही दे रहा है. मगर कर्मचारियों अधिकारियों की मांगो को पुरा करने में असमर्थ दिखाई दे रहा है. कर्मचारियों की मांगो को लेकर पिछले दिनों मनपा आयुक्त पवार के साथ बैठक भी हुई थी. लेकिन लिखित आश्वासन के बाद भी निगमायुक्त ने बकाया रकम देने के लिए पैसे नहीं है तथा संपत्ति कर के पैसे आने के बाद ही कर्मचारियों के बकाया रकम की राशि मुहैया कराई जा सकती है. ऐसी बातें कहकर बात टाल देने का आरोप हडताल में बैठे संगठन से जुडे पदाधिकारी लगा रहे है. वही कई कर्मचारियों का आरोप रहा कि मनपा आयुक्त इस विषय में संगठन के पदाधिकारियों से चर्चा ही नहीं करना चाहते है. जिसके कारण कई प्रलंबित मांगे अटकी पडी हुई है. बता दें कि अपनी मांगो को लेकर संगठन जुडे 600 कर्मचारी हडताल पर डटे हुए है. जिसके कारण मनपा क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों का मनपा से संबंधित कार्य भी रुके पडे है.

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