अमरावती

18 वर्ष से संपत्ति कर में वृध्दि करना भूल गई मनपा

‘आमदनी अठन्नी खर्चा रूपैय्या’ के चलते मनपा का आर्थिक संतुलन बिगडा

अमरावती/दि.2 – अमरावती शहर में विगत 18 वर्षों से संपत्ति कर में किसी भी तरह की कोई वृध्दि नहीं हुई है. ऐसी सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है. जबकि मनपा के नियमानुसार हर पांच साल में संपत्तियों का असेस्मेंट होना और संपत्ति कर की नई दरों को तय किया जाना बेहद जरूरी है. किंतु बावजूद इसके राजनीतिक अनास्था के चलते संपत्ति कर से होनेवाली आय केवल 35 करोड रूपयों पर ही रूकी हुई है. वहीं इस दौरान मनपा द्वारा किये जानेवाले खर्चों में तीन से चार गुना वृध्दि हो गई है. ऐसे में ‘आमदनी अठन्नी खर्चा रूपैय्या’ वाली नीति के चलते मनपा की आर्थिक स्थिति डावाडोल होती जा रही है और अब आर्थिक संतुलन को संभालने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड रहा है.
बता दें कि, अमरावती महानगरपालिका द्वारा वर्ष 2005-06 में संपत्तियों का असेस्मेंट किया गया था. उस समय करीब 1 लाख संपत्तियों को खोजकर उनकी जानकारी दर्ज की गई थी. लेकिन इन संपत्तियों पर वर्ष 2002 की दरों के अनुसार संपत्ति कर लगाया गया था और तब से यहीं दर कायम है. महानगरपालिका द्वारा बिजली, पानी व स्वच्छता जैसी मुलभुत सुविधाओं की आपूर्ति को सुचारू रखने हेतु जैसे ही संपत्ति कर की दरों में वृध्दि करने का प्रस्ताव रखा जाता है, तो सभी नगरसेवक इससे पल्ला झाडते दिखाई देते है और जब भी प्रशासन द्वारा आमसभा में संपत्ति कर का प्रस्ताव रखा जाता है, तो पार्षदों द्वारा ‘अभी नहीं, आगे देखेंगे’ का राग अलापा जाता है. यही कहते व करते हुए 18 वर्ष की कालावधि बीत चुकी है.
मनपा के सूत्रों के मुताबिक मौजूदा समय की जरूरत के अनुसार संपत्ति कर की दरों में 40 फीसदी की वृध्दि होना अपेक्षित है. बता दें कि, चार दिन पहले ही बकाया विद्युत बिल के लिए महावितरण द्वारा शहर में लगे स्ट्रीट लाईट की विद्युत आपूर्ति को खंडित कर दिया गया था. सबसे उल्लेखनीय यह है कि, अचलपुर व वरूड नगर पालिका की तुलना में अमरावती महानगरपालिका संपत्ति कर की वसूली के मामले में पीछे है.

गत वर्ष 36 करोड की ऐवज में 21 करोड की हुई वसुली

अमरावती शहर में इस समय 1 लाख 53 हजार से अधिक संपत्ति धारक है. जिनसे गत वर्ष के बजट में किये गये प्रावधानानुसार संपत्ति कर के तौर पर 36 करोड रूपयों की वसुली होना अपेक्षित था. किंतु हकीकत में 21 करोड रूपयों की ही वसुली हुई. जबकि संपत्ति कर की वसुली हेतु 5 सहायक आयुक्त, सहायक क्षेत्रीय अधिकारी, कर निरीक्षक तथा वसुली लिपीक की फौज तैनात है, लेकिन इसके बावजूद जहां एक ओर पहले ही संपत्ति कर से मनपा को बेहद कम आय होती है, वहीं दूसरी ओर तय लक्ष्य को भी पूरा नहीं किया जा पा रहा और बेहद कम कर वसुली हो रही है.

ऐसे लगाया जाता है कर

निवासी, व्यवसायिक व गैर निवासी कर के तीन प्रकार है. जिनमें क्षेत्र, निर्माण का प्रकार व निर्माण का वर्ष इस आधार पर ‘अ’, ‘ब’, ‘क’ व ‘ड’ इन चार वर्गवारियों के अनुसार गिना जाता है. साथ ही सरकार के लिए शिक्षा व रोजगार गारंटी कर भी वसुल किया जाता है.
– सामान्य कर 30%
– वृक्ष कर 1%
– अग्नि कर 2%

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संपत्ति कर की दरों में वृध्दि करने हेतु आमसभा की मान्यता अनिवार्य रहती है. फिलहाल दरवृध्दि करने का कोई विचार नहीं है. किंतु संपत्तियों का पुनर्मूल्यांकन करने का प्रस्ताव विचाराधीन है. जिसे लेकर जल्द ही निर्णय लिया जायेगा.
– प्रशांत रोड
आयुक्त, अमरावती मनपा

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