अचलपुर नगर पालिका का अजब-गजब कारभार
घनकचरा ठेके में लगाई गई शर्ते बनी हैं चर्चा का विषय
* पालिका की शर्तों पर कोई निविदा ही नहीं डाल सकेगा
* दबी जुबान में सबकुछ पहले से ‘मैनेज’ रहने की चर्चा
अमरावती/दि.24– इस समय जिले की एकमात्र ‘अ वर्ग’ और सबसे बडी अचलपुर नगर पालिका द्वारा घनकचरा व्यवस्थापन को लेकर चलाई जा रही निविदा प्रक्रिया संदेह के घेरे में घिरती नजर आ रही है और इस संदेह को खुद अचलपुर नगर पालिका की ओर से निविदा प्रक्रिया हेतु तय की गई शर्तों की वजह से बल मिल रहा है. इस निविदा प्रक्रिया में कुल 9 प्रमुख शर्तों का समावेश किया गया है. जिसमें से पांच प्रमुख शर्तों को किसी हलके-फुलके या छोटे-मोटे ठेकेदार द्वारा पूरा ही नहीं किया जा सकता. ऐसे में चर्चा चल रही कि, अपने किसी बेहद खास और बडे ठेकेदार को फायदा पहुंचाने व उसे ही ठेका देने के लिए अचलपुर नगर पालिका द्वारा इन शर्तों की आड ली गई है.
बता दें कि, अचलपुर नगर पालिका द्वारा 14 वे वव 15 वें वित्त आयोेग की निधी अंतर्गत घनकचरा व्यवस्थापन हेतु ऑटो के जरिये घर-घर जाकर गिला व सूखा कचरा संकलित करते हुए उसे नियोजीत स्थान पर ले जाकर डालने, नाली से निकलनेवाले कीचडयुक्त कचरे तथा विविध आस्थापनाओं से निकलनेवाले कचरे को ट्रैक्टर के जरिये क्षेपण भूमि (डंपिंग यार्ड) तक पहुंचाने और उस पर प्रक्रिया करने के काम हेतु सालाना 6 करोड 86 लाख 59 हजार 730 रूपये की दर से दो वर्ष के लिए ई-निविदा प्रक्रिया शुरू की गई है. यानी दो वर्ष के लिए इस कार्य हेतु मोटे तौर पर करीब 14 करोड रूपये का ठेका दिया जाना है. जिसके लिए विगत 12 अप्रैल को अखबारों में निविदा प्रक्रिया के विज्ञापन जारी किये गये थे और 6 मई तक टेंडर भरे जाने थे. जिसके बाद 9 मई को सभी टेंडर खोले गये और योग्य निविदा नहीं मिलने के चलते 12 मई को टेंडर रिकॉल किये गये. ऐसे में अब आगामी 30 मई तक इच्छूकों द्वारा दुबारा टेंडर भरे जा सकते है. लेकिन इस निविदा के लिए अचलपुर नगर परिषद द्वारा कुछ ऐसी शर्ते तय की गई है, जिसकी वजह से कोई नया इच्छूक व्यक्ति को इस निविदा प्रक्रिया में हिस्सा लेने के बारे में सोच भी नहीं सकता. वहीं विगत कई वर्षों से साफ-सफाई के ठेके में काम करनेवाले छोटे व मंझौले स्तर के ठेकेदार भी इस निविदा प्रक्रिया की शर्तों पर खरे नहीं उतर पायेंगे. जिसके चलते इन चर्चाओं को बल मिल रहा है कि, संभवत: अचलपुर नगर पालिका प्रशासन द्वारा अपने किसी खास व बडे ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से नियमों व शर्तों की आड ली जा रही है, ताकि अपने उसी खास ठेकेदार को कचरा संकलन व घनकचरा व्यवस्थापन का ठेका दिया जा सके. जिसे लेकर कुछ लोगों द्वारा सीधे केंद्रीय सतर्कता आयुक्त कार्यालय को पत्र भेजकर शिकायत भी की गई है.
इस संदर्भ में जानकारी मिली है कि, अचलपुर नगर पालिका प्रशासन द्वारा घनकचरा ठेके के लिए किसी महानगरपालिका व नगरपालिका में लगातार तीन वर्षों तक रोजाना 30 मेट्रिक टन कचरे के संकलन व ढुलाई का अनुभव रहने, हरित ब्राण्ड रहनेवाली नगर पालिका या महानगर पालिका में घनकचरा व्यवस्थापन का अनुभव व कार्यादेश रहने, कम से कम एक अथवा दो नगर परिषद या नगर पंचायत या महानगर पालिका में खाद निर्मिती का काम शुरू रहने का कार्यादेश तथा खाद बिक्री की पावती रहने, पीडब्ल्यूडी रजिस्ट्रेशन का प्रमाणपत्र रहने, इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का प्रमाणपत्र रहने, पेस्ट कंट्रोल का प्रमाणपत्र रहने, भविष्य निर्वाह निधी कार्यालय में पंजीयन रहने, आरडीएफ पंजीयन प्रमाणपत्र रहने और प्रीपेड मिटींग के लिए उपस्थित रहने की शर्त को अनिवार्य किया गया है. इसके साथ ही इससे पहले के तीन वर्षों के दौरान सालाना टर्नओवर औसत 7 करोड रूपये से अधिक रहने व इसका सीए प्रमाणपत्र रहने तथा विगत एक वर्ष के दौरान किये गये काम की कीमत 5 करोड रूपये से कम नहीं रहने की शर्त भी लगाई गई है. इन शर्तों को देखकर ही समझ में आता है कि, आर्थिक रूप से बेहद संपन्न व मजबूत तथा विगत कई वर्षों से अलग-अलग नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों व महानगर पालिका में कचरा संकलन एवं घनकचरा व्यवस्थापन का काम करनेवाले व्यक्ति को ही यह ठेका प्राप्त हो सकता है और ऐसा ही कोई व्यक्ति इस निविदा प्रक्रिया में हिस्सा ले सकता है. यानी किसी नये, हलके-पतले व छोटे-मोटे ठेकेदार या ठेकेदार कंपनी ने अचलपुर नगर पालिका के घनकचरा व्यवस्थापन ठेके को लेकर विचार भी नहीं करना चाहिए. इसका एक मतलब यह भी निकाला जा सकता है. जिसकी वजह से इस ठेके को काफी संदेहपूर्ण नजरों से देखा जा रहा है और इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं भी चल रही है.