अमरावती

मनपा को मिलेंगे दो अतिरिक्त आयुक्त

अधिकारियों में हर्ष की लहर

  • नगर विकास विभाग के फैसले से प्रतिस्पर्धा बढी

  • नये अवसर के इच्छुकों की सामान्य प्रशासन विभाग में दौडभाग

अमरावती/दि.9 – राज्य की दस ‘ड’ वर्ग महानगर पालिकाओं में अतिरिक्त आयुक्त हेतु मंजुर एक पद के अलावा एक और पद निर्माण करने को सरकार द्वारा मान्यता दी गई है. ऐसे में अब सरकारी आदेश के चलते इन दस महानगर पालिकाओं में अब 2-2 अतिरिक्त आयुक्त रहेंगे. सरकार की ओर से जारी इस आदेश पर त्वरित अमल किया जाये, ऐसी मांग अब मनपा अधिकारियोें की ओर से उठाई जा रही है. साथ ही इस सरकारी आदेश के चलते मनपा की सेवा में रहनेवाले अधिकारियों में काफी हद तक हर्ष की लहर देखी जा रही है. साथ-साथ अधिकारियों के बीच नया अवसर मिलने को लेकर प्रतिस्पर्धा भी देखी जा रही है. जिसके चलते हर कोई अपने खुद के लिए ‘फिल्डींग’ भी लगा रहा है.
बता दें कि, दो मंजूर पदों में से एक पद पर राज्य सरकार की सेवा में रहनेवाले अधिकारियों की प्रतिनियुक्ती की जायेगी. वहीं दूसरे पद पर महानगरपालिका की सेवा में रहनेवाले उपायुक्त स्तर के अधिकारी तथा तांत्रिक व लेखा सेवा के समकक्ष अधिकारी को नियुक्त करने का प्रावधान किया गया है. ऐसे में अब इस स्तर के अधिकारियों में नये अवसर को लेकर आनंद और उत्साह देखा जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि, ‘ड’ वर्ग महानगर पालिका की जनसंख्या में अच्छीखासी वृध्दी हुई है और कोविड संक्रमण के चलते भी इन महानगर पालिकाओं में काम का बोझ काफी अधिक बढ गया है. ऐसे में प्रशासनिक कामकाज को संभालने हेतु अधिक जनसंख्या रहनेवाले कुछ ‘ड’ वर्ग महानगर पालिकाओं में अतिरिक्त आयुक्त के एक मंजूर पद के अलावा एक और पद निर्माण करने की जरूरत रहने की बात सरकार द्वारा किये गये निरीक्षण में सामने आयी. इसी बीच वर्ष 2021 की जनगणना का काम स्थगित कर दिया गया. जिसके चलते वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानते हुए 5 लाख से अधिक की जनसंख्या रहनेवाले अमरावती, अकोला, सोलापुर, मिरा-भाईंदर, भिवंडी, निजामपूर, नांदेड-वाघाला, कोल्हापुर, पनवेल, उल्हासनगर व सांगली इन दस ‘ड’ वर्गीय महानगरपालिकाओं में अतिरिक्त आयुक्त के पहले से मंजूर एक पद के अलावा एक नया पद निर्माण करने को सरकार द्वारा विगत 30 जून को मान्यता दी गई है. ऐसे में अब जल्द ही इन संबंधित महानगरपालिकाओं में इन पदों पर नियुक्ती की जायेगी.

अमरावती में जल्द प्रतिनियुक्ती की जरूरत

ज्ञात रहे कि चार वर्ष पूर्व सोमनाथ शेटे के रूप में अमरावती महानगरपालिका को अतिरिक्त आयुक्त प्राप्त हुए थे. किंतु उनका कार्यकाल काफी विवादास्पद रहा और उन्हें वापिस भेजने का प्रस्ताव भी लाया गया. साथ ही उनके खिलाफ अनुशासन भंग की कार्रवाई भी प्रस्तावित की गई थी और कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उनका यहां से तबादला भी कर दिया गया. इस पद का निर्माण करने के बाद सन 2016-17 में बडी मुश्किल से एक-डेढ वर्ष के लिए अमरावती महानगरपालिका के हिस्से में अतिरिक्त आयुक्त की नियुक्ति आयी. वहीं अब नगर विकास विभाग ने अतिरिक्त आयुक्त के दो पद हेतु मान्यता दी है. जिसके चलते स्थानीय प्रशासनिक स्तर पर कहा जा रहा है कि, अपने हिस्से में रहनेवाले पद पर मनपा जब नियुक्ति करेगी, तब करेगी, किंतु कम से कम सरकार द्वारा प्रति नियुक्ति पर अधिकारी देते हुए मनपा आयुक्त पर रहनेवाले काम के बोझ को कम किया जाना चाहिए.

मनपा में बढेगी प्रशासकीय प्रतिस्पर्धा

नये सिरे से बनाये गये अतिरिक्त आयुक्त के पद पर नगरविकास विभाग द्वारा विहित की गई कार्यपध्दति के अनुसार संबंधित महानगरपालिका की आस्थापना पर रहनेवाले किसी अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी. सबसे उल्लेखनीय यह है कि, तकनीकी संवर्ग के अनुभवी अधिकारियों के पास अब अतिरिक्त आयुक्त बनने का अवसर उपलब्ध होगा. जिसके चलते मनपा की सेवा में रहनेवाले अधिकारियों में स्पर्धा निर्माण होगी. हालांकि इस पद पर नियुक्ति करते समय सेवाजेष्ठता, अनुभव तथा आरक्षण के रोटेशन का भी विचार किया जायेगा.

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