विद्यार्थियों को पढाने मनपा लेगी पूर्व छात्रों व निवृत्त शिक्षकों की सहायता
कई गरीब विद्यार्थियों के पास नहीं है एंड्राईड मोबाईल
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स्मार्ट फोन के अभाव के चलते ऑनलाईन पढाई में आ रही दिक्कतें
अमरावती/दि.30 – स्थानीय मनपा की सभी शालाएं सोमवार 28 जून से ऑनलाईन खुल गई. किंतु इन शालाओं में पढनेवाले अधिकांश बच्चे गरीब पृष्ठभुमि से आते है और इनमें से अधिकांश के पास एंड्राईड फोन नहीं है. ऐसे में उनके लिए शाला में ऑनलाईन उपस्थित रहना संभव नहीं हो पा रहा. इसमें से कई विद्यार्थी तो ऐसे भी है, जिनके पास स्मार्ट फोन तो दूर, सामान्य फोन भी नहीं है. ऐसे में इस समस्या का समाधान खोजने हेतु मनपा के शिक्षा विभाग द्वारा अपने पूर्व छात्रों तथा सेवानिवृत्त शिक्षकों की सहायता लेने का फैसला किया गया है, जो स्मार्ट फोन की सुविधा से वंचित विद्यार्थियों तक अपने स्मार्ट फोन के जरिये ऑनलाईन शिक्षा की सुविधा पहुंचायेंगे.
बता दें कि, कोविड संक्रमण की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए सरकार द्वारा अब तक ऑफलाईन शाला शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई है. ऐसे में ऑनलाईन शाला में बेहद हलके-फुलके वातावरण के बीच पढाई करने के साथ ही एक-दूसरे से परिचय किया जा रहा है और गिनती के पिरियड लिये जा रहे है. किंतु जल्द ही प्रत्येक तासिका पहले की तरह तय टाईम टेबल के अनुसार ली जायेगी, लेकिन मनपा की शालाओं में पढनेवाले करीब 8 हजार विद्यार्थियों में से केवल 2 हजार विद्यार्थियों के पास ऑनलाईन शिक्षा प्राप्त करने हेतु एंड्राईड फोन की सुविधा उपलब्ध है. वहीं शेष 6 हजार विद्यार्थियों में से कई विद्यार्थी ऐसे भी है, जिनके पास साधा व सामान्य मोबाईल फोन भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में मनपा द्वारा संबंधित परिवारों से संपर्क किया जायेगा और यदि इन बच्चों के माता-पिता या भाई-बहन में से किसी के पास एंड्राईड फोन है, तो उनसे अपने फोन इन बच्चों की ऑनलाईन शिक्षा के लिए उपलब्ध कराने का निवेदन किया जायेगा. साथ ही जिन बच्चों के पास एंड्राईड फोन नहीं है, उनके लिए संबंधित परिसर में रहनेवाले मनपा के सेवानिवृत्त शिक्षकों व पूर्व विद्यार्थियों से संपर्क करते हुए शाला शुरू होने तक इन विद्यार्थियों को पढाने और ऑनलाईन कक्षा जारी रहते समय अपना एंड्राईड फोन उपलब्ध कराने का निवेदन किया जायेगा. ऐसी जानकारी मनपा के शिक्षाधिकारी अब्दुल राजीक द्वारा दी गई है.
मनपा शिक्षा विभाग के मुताबिक यदि अनुभवी रहनेवाले सेवानिवृत्त शिक्षकों के साथ ही पूर्व विद्यार्थियों द्वारा अपने परिसर में रहनेवाले विद्यार्थियों को पढाया जाता है, तो इन विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान नहीं होगा और इन विद्यार्थियों को भी अपने घर व परिसर से कही बाहर न जाते हुए शिक्षा की सुविधा उपलब्ध होगी. क्योंकि एंड्राईड फोन की सुविधा नहीं रहनेवाले हर एक विद्यार्थी तक शिक्षक नहीं पहुंच सकते.
आगामी आठ-दस दिनों में मिलेगी पाठ्यपुस्तके
महानगरपालिका सहित जिला परिषद की शालाओं के विद्यार्थियों सहित निजी अनुदानित शालाओं को सरकार की ओर से पाठ्यपुस्तके दी जाती है. किंतु अब तक पाठ्यपुस्तकों का स्टाक प्राप्त नहीं हुआ है. हालांकि इसके लिए स्थानीय शिक्षा विभाग द्वारा अपनी मांग दर्ज करा दी गई है. उम्मीद जतायी जा रही है कि, आगामी आठ-दस दिनों में नई पाठ्यपुस्तकों का स्टॉक आ जायेगा, तब तक विद्यार्थियों ने अपने परिसर में रहनेवाले तथा अगली कक्षाओं में जा चुके विद्यार्थियों से उनकी किताबें लेकर पढाई शुरू करनी चाहिए.