अमरावती

अर्णव गोस्वामी के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज किया जाएं

पूर्व सांसद अनंत गुढे ने की मांग

  • आरोपी के लिए क्यों मचाया जा रहा है हंगामा

अमरावती प्रतिनिधि/दि.७- अन्वय नाईक व्दारा मां के साथ आत्महत्या करने की घटना के मामले में आरोपी अर्णव गोस्वामी के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज किया जाएं, ऐसी मांग पूर्व सांसद तथा शिवसेना नेता अंनत गुढे ने की. नाईक ने आत्महत्या से पहले लिखे पत्र में खूद व मां की हत्या के लिए अर्णव गोस्वामी तथा साथियों को जिम्मेदार ठहराया था.
अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी नियमों के अनुसार किया गया है. इसमें कहा गलत हो रहा है. ऐसा सवाल भी गुढे ने उठाया. वर्ष 2018 में अपराध होने के बाद तत्कालीन सरकार ने क्या किया. उस समय केंद्र तथा राज्य में एक ही पार्टी की सत्ता थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास गृहमंत्रालय की जिम्मेदारी थी. अर्णव नाईक की पत्नी और बेटी ने सभी के पास हाथपैर जोडे थे, मगर तत्कालीन सरकार ने ध्यान नहीं दिया. एक प्रसार माध्यम ने इसपर प्रतिक्रिया नहीं दी. कानून सभी के लिए एकसमान बताने वाले तत्कालीन गृहमंत्री ने भी कोई शब्द नहीं कहें. ऐसी आलोचना करते हुए अर्णव नाईक आर्किटेक्ट इंजिनियर थे. उनकी स्वयं की कन्कॉर्ड कंपनी इंटेरियर डिझाइन का काम करती थी. रिबल्किन टीवी के मालिक अर्णव गोस्वामी, स्कॉय मीडिया के फिरोज शेख तथा रितेश सारडा के साथ 6 करोड से अधिक का काम था. 83 लाख रुपए बकाया था. उसके लिए अर्णव गोस्वामी उन्हें तकलीफ देते थे, ऐसा सुसाईड नोट में उल्लेख किया गया है. पुलिस ने अर्णव गोस्वामी पर हत्या का मामला दर्ज कर अक्षता नाईक और उनकी बेटी को न्याय देेने की मांग गुढे ने की.
गुढे के अनुसार अपराधी कितना भी बडा हो, कानून के सामने सभी एक समान है. 5 मई 2018 को अन्वय नाईक तथा उसकी मां ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी. गुढे के अनुसार किसी आरोपी की गिरफ्तारी पर राजनीतिक दल व्दारा मचाया गया हंगामा चिंताजनक है. राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है. कोरोना पर सरकार ने अंकुश लगाने में सफलता पायी है. राज्य से सबसे ज्यादा जीएसटी की वसूली होने से निराज लोगों व्दार बवांल मचाया जा रहा है, ऐसा आरोपी भी गुढे ने लगाया है.

  • गिरफ्तारी में हंगामा क्यों

शिवसेना वर्धा जिला संपर्क प्रमुख अनंत गुढे ने आरोपी अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी पर हंगामा मचाने वाले लोगों को जमकर फटकार लगाई. अर्णव की गिरफ्तारी के बाद देश के एक समझदार,सुसंस्कृत, संस्कारित, राजनीतिक दल व्दारा तांडव किया जा रहा है, इससे पार्टी की प्रतिमा लोगों के सामने मलिन हो रही है. हिमाचल प्रदेश में इनका ही राज्य है. वहां सुविख्यात पत्रकार विनोद दुवा को बिना किसी अपराध में गिरफ्तार किया गया था. उनपर सीधे राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने ना किसी की हत्या की थी और ना ही किसी को आत्महत्या के लिए प्रेेरित किया था. उन्होंने सामाजिक दायित्व की भावना से पत्रकारिता के माध्यम से सरकार का असली चेहरा लोगों को दिखाया था. अदालत ने बाद में सरकार को जमकर फटकारा.

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