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संगीत ईश्वर है, इसे पूजों, करियर अपने आप बन जाएगा

प्रसिद्ध जस गायक कुणाल पाटडिया का प्रतिपादन

* अमरावती में जन्में
* अमरावती मंडल से खास बातचीत
अमरावती/दि.6 – सुर में गाएं, शब्द समझकर गाएं, संगीत तो स्वयं ईश्वर है. इसकी पूजा से गायन अथवा संगीत के क्षेत्र में करियर स्वयमेव बन जाएगा. यह सीधा-सरल प्रतिपादन प्रसिद्ध जस गायक कुणाल जीतू भाई पाटडिया ने किया. वे आज दोपहर अमरावती मंडल से विशेष वार्तालाप कर रहे थे. कुणाल अमरावती में ही पले-बढे. कालांतर में पाटडिया परिवार राजकोट जा बसा. इस बार अमरावती में विशेष रुप से पधारे, तब प्रसिद्ध दवा व्यवसायी और युवा समाजसेवक दीपक भाई सोमैया के गांधी नगर स्थित निवास पर उनसे बातचीत की गई.
* घर में संगीत का वातावरण
कुणाल ने बताया कि, उनके घर परिवार में सदैव संगीत का वातावरण रहा. उनके दादाजी करसनदास हीराचंद पाटडिया बहुत अच्छे हार्मोनियम वादक थे. पिता जीतू भाई भी सुंदर गायक थे. गरबा गीतों के लिए जीतू भाई को समस्त विदर्भ जानता है. इस कारण कुणाल केा भी लडकपन में ही संगीत से लगाव हो गया. बाकायदा तालीम लेकर कुणाल ने संगीत में गायक के रुप में करियर बनाया और आज देश-विदेश में एक हजार से अधिक लाइव शो कुणाल कर चुके हैं.
* बक्षी जी और व्यासजी के शिष्य
कुणाल ने बताया कि, भारतीय शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दीक्षा उन्होंने इंदौर घराना के उस्ताद आमीर खां साहब के पट्यशिष्य पंडित गजेंद्र बक्षी जी और गुजराती लोककला तथा लोकगीतों की शिक्षा प्राणलाल जी व्यास से ली. दोनों ही गुरुजनों का कुणाल ने अपनी लगन से दिल जीत लिया था. व्यास को गुजरात लोककला का सबसे बडा कलाकार माना जाता है. कुणाल की प्रतिभा को तराशते व्यास ने दुनिया से विदा लेते समय अपना हार्मोनियम कुणाल को भेंट किया था.
* 16 वर्ष की आयु में पेशेवर शो
कुणाल ने यूं तो 9 बरस की उम्र में गुरु प्राणलाल व्यास के संग पहली बार मंच से गाया था. किंतु पहला पेशेवर शो 16 वर्ष की उम्र में किया. फिर सिलसिला बढता गया. कुणाल अपनी मेहनत और खनकदार आवाज के बूते पूरे राजकोट में छा गये. गुजरात में जस गायक कलाकार के रुप में कुणाल ने बडी पहचान बनाई है. ख्याती लब्ध होने के साथ कुणाल मुंबई और अन्य शहरों में भी शो के लिए जाते हैं. विदेशों में उनके कार्यक्रम हुए है. केनिया, तंजानिया, इंग्लैड, ुदुबई आदि जगहों पर वे शो कर चुके है. वाहवाही लूट चुके हैं. अनेक पुरस्कार भी जीते.

* मोदी के सामने परफार्म
कुणाल ने बताया कि, वाईब्रांट गुजरात में सभी 9 दिन गायक के रुप में परफार्म करने वाले कुणाल पाटडिया कदाचित अकेले कलाकार है. मुख्यमंत्री के रुप में नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी. उसके सामने कुणाल ने प्रस्तुती दी. सभी 9 दिन एक भी छंद, दोहा, गीत, भजन रिपीट नहीं किया गया. ऐसे ही यादगार कार्यक्रम के बारे में कुणाल ने कच्छ में पूरी रात चले शो को याद किया. जब 12 घंटे का कार्यक्रम किया था. कुणाल अनेक भाषाओं जैसे पंजाबी, मारवाडी, बंगाली, मराठी में भी गीत गाते है. यूट्यूब पर उनका तुलजा इवेंट्स मोनोटाईज हो चुका है. अनेक गीत वहां भी उपलब्ध है. आगामी 25 दिसंबर को कुणाल का पहला अल्बम ‘हे ओधाजी’ रिलीज होने जा रहा है. बातचीत के दौरान सक्करसाथ गुजराजी नवरात्रि महोत्सव मंडल के सर्वश्री हितेश थडेसर सोनी, सुदर्शन चांडक, अन्नू शर्मा, सौरभ डागा आदि उपस्थित थे. श्रीमती रसीलाबेन सोमैया के हस्ते कुणाल को स्मृतिचिन्ह दिया गया.

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