अमरावतीमहाराष्ट्र

मुस्लिम समुदाय के इबादत का पाक रमजान माह 11 मार्च से

भीषण गर्मी में 10 अप्रैल तक चलेगा पवित्र माह

अमरावती/दि.07– मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना काफी खास होता है. इसे सबसे पाक माह माना जाता है. पूरे एक माह चलने वाले इस पर्व में लोग रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. बता दें कि रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नवां महीना है. रमजान माह में चांद का विशेष महत्व है, क्योंकि इसी के आधार पर ही रोजा शुरू होते हैं और चांद दिखने के बाद ही पवित्र रमजान ईद का पर्व मनाया जाता है. रोजा में अल्लाह की इबादत करने के साथ अंत में शव्वाल की आखिरी तारीख को ईद-उलफितर का त्यौहार मनाया जाता है. इस बार 11 मार्च से माहे रमजान शुरू हो रहा है. जो 10 अप्रैल 2024 को समाप्त हो रहा है. चांद देखे जाने के बाद तारीख ऊपर-नीचे हो सकती है.

मार्च से अप्रैल का समय जबरदस्त गर्मी का वक्त रहता है. लगभग 40 से 42 के पार तापमान रहने के बीच प्यास के मारे बार- बार गला सूख जाता है, वहीं ऐसी तपन में रोजदारों को बिना पानी पिए रहना पड़ेगा. जो मुश्किल पर भी रोजा रखने वाले इसका कड़ाई से पालन करते हैं. मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान माह काफी विशेष होता है. 28 से 30 दिनों तक चलने वाले इस पर्व के पहले 10 दिन के रोजा को रहमत, दूसरे 10 दिन के रोजा को बरकत और आखिरी 10 दिन के रोजा को मगफिरत कहा जाता है. रोजा के समय सूर्योदय से पहले सहरी की जाती है और फिर बिना खाएं-पिएं दिनभर रोजा रखते हैं और शाम को सूर्यास्त के बाद यानी इफ्तार के समय खजूर खाकर अपने रोजा को खोलते हैं. रमजान के समय मुस्लिम समुदाय के लोग पांच वक्त की नमाज जरूर पढ़ते हैं. जहां सूर्योदय से पहले की नमाज को नमाज-एफजर, सूर्य के ढलने से कुछ समय पूर्व की दूसरी नमाज को नमाज-एजुह्र, तीसरी नमाज सूर्य के अस्त होने के थोड़ी देर वाली को नमाज ए-अस्र, चौथी सूर्यास्त के तुरंत बाद वाली को नमाज-ए-मगरिब और रात में पढ़ी जाने वाली नमाज को नमाज-ए-इषा कहा जाता है.

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